नई दिल्ली : बहुप्रतीक्षित बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2023 से पहले विकेटकीपर को लेकर टीम में चिंतन मंथन जारी है और माना जा रहा है कि के.एस. भरत और ईशान किशन के बीच किसी एक को मौका दिया जाएगा, क्योंकि टीम ने स्पिन विकेट पर केएल राहुल को विकेट के पीछे उतार कर किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहेगी. इसके लिए रिकॉर्ड के हिसाब से के.एस. भरत का दावा मजबूत दिख रहा है.
श्रीकर भरत का दावा अधिक मजबूत
आंध्र प्रदेश के विकेटकीपर बल्लेबाज श्रीकर भरत का प्रथम श्रेणी के मैचों का रिकॉर्ड देखा जाए तो पता चलता है कि भरत ने 86 मैचों की 135 पारियों में 11 बार नाबाद रहते हुए 4707 रन बनाए हैं, जिसमें 308 रन वाला एक तिहरा शतक शामिल है. यह भरत का सर्वोच्च स्कोर है. भरत ने ये रन 37.95 की औसत से बनाए हैं, जिसमें 9 शतक व 27 अर्धशतक शामिल हैं. विकेट के पीछे भी इनका काम शानदार रहा है. भरत ने 296 कैच लेने के साथ साथ 35 खिलाड़ियों को स्टंप आउट किया है.
ऐसा ईशान किशन का रिकॉर्ड
वहीं अगर ईशान किशन के रिकॉर्ड को देखा जाए तो इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 48 मैचों की 82 पारियों में 5 बार नाबाद रहते हुए कुल 2985 रन बनाए हैं, जिसमें 273 रनों का दोहरा शतक इनका सर्वोच्च स्कोर है. इस दौरान किशन ने 38.76 की औसत से रन बनाए हैं, जिसमें 6 शतक व 16 अर्धशतक शामिल हैं. विकेट के पीछे ईशान किशन ने कुल 99 कैच लिए हैं और 11 खिलाड़ियों को स्टंप आउट किया है.
पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री की सलाह
इसीलिए भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती टेस्ट से पहले भारत के प्लेइंग इलेवन में विकेटकीपर-बल्लेबाज की जगह के लिए के.एस. भरत और ईशान किशन के बीच बेहतर कीपर को मौका दिये जाने की वकालत की है. कार दुर्घटना में घायल होने के कारण ऋषभ पंत अनिश्चित काल के लिए मैदान से दूर हैं. ऐसी हालत में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर में 9 फरवरी से शुरू होने वाले शुरुआती टेस्ट से पहले दो अनकैप्ड विकेटकीपर भरत और ईशान के बीच चयन करना है.
भारत ए मैचों में नियमित रूप से शामिल होने के अलावा, भरत लगभग तीन वर्षों तक टेस्ट टीम में दूसरे विकेटकीपर रहे हैं, जबकि ईशान, पंत की जगह पाने में आगे चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर ईशान किशन या केएस भरत में से किसी एक को लेने की बात आती है, तो मुझे लगता है कि आपको क्या करना होगा कि पिच किस तरह से खेलने वाली है. मैं देखूंगा कि क्या यह टर्निंग पिच होगी. तो फिर मैं बेहतर विकेटकीपर को मौका देने के बारे में सोचूंगा. आखिरकार यह फैसला टीम प्रबंधन को करना है. बेहतर कीपर इसलिए भी चाहिए, क्योंकि रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, रविचंद्रन अश्विन, अक्षर पटेल जैसे खिलाड़ियों को स्टंप्स के पीछे एक अच्छे कीपर की जरूरत होगी, क्योंकि इससे गेंदबाजों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और कैच व स्टंप्स के मौके नहीं छूटेंगे.
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हालांकि भारतीय टीम प्रबंधन और प्रशंसक इस बात को लेकर हैरान हैं कि पहले टेस्ट में और संभवत: पूरी सीरीज में मेजबान टीम का विकेटकीपर कौन होगा, कोई भी टीम में पंत की गैरमौजूदगी से पैदा हुए खालीपन को नजरअंदाज नहीं कर सकता है. 33 टेस्ट मैचों में पंत ने 43.67 की औसत से 2,271 रन बनाए हैं और एक विकेटकीपर के रूप में 133 शिकार किए हैं. काफी दिनों में न केवल उनकी कीपिंग में काफी सुधार हुआ है, बल्कि वह बल्लेबाज के रूप में मैच विनर हैं. एक बल्लेबाज के रूप में, वह इतने खतरनाक हैं कि वह खेल को किसी समय भी पलट सकते हैं.
(आईएएनएस से इनपुट)