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रविचंद्रन अश्विन बोले- 48 घंटे पहले हो गयी थी फाइनल में न खेलने की जानकारी, फिर ये सोचने लगा कि...

स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच में ने खेलने की कहानी पर खुल कर चर्चा की और इसे कप्तान व कोच का सही फैसला कहा है, जिसे शायद वे पहले के अनुभव के आधाक पर लिए होंगे...

spin bowler Ravichandran Ashwin on ICC Test Championship final
स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन
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Published : Jun 16, 2023, 2:29 PM IST

Updated : Jun 16, 2023, 3:36 PM IST

नई दिल्ली : इस पीढ़ी के साथ साथ नई पीढ़ी के क्रिकेटरों के लिए आइकन कहे जाने वाले स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच में अंतिम एकादश में न शामिल किए जाने पर पहली बार खुलकर बोला है. रविचंद्रन अश्विन ने इस दौरान अपने करियर में आए उतार चढ़ाव व कई बदलावों के बारे में भी चर्चा की. साथ ही एक्शन में भी बदलाव की कहानी को भी बताया.

रविचंद्रन अश्विन ने एक साक्षात्कार में कहा कि वह फाइनल मुकाबला खेलना तब पसंद करते, जब उन पर कोच व कप्तान भरोसा करते. अंतिम एकादश से बाहर रखने का यह कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ का निर्णय था. उसे वह स्वीकार करते हैं. यह उनका विशेषाधिकार है. पिछले सालों के अनुभव के आधार पर ये फैसला सही भी कहा जा सकता है. टीम के इस निर्णय को कप्तान और कोच के नजरिए से देखें तो पता चलेगा कि पिछली बार जब हमारी टीम इंग्लैंड में थी, तो 2-2 से सीरीज ड्रॉ हुयी थी. उसमें 4 तेज गेंदबाज व 1 स्पिन गेंदबाज के साथ खेले थे.

रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि उनको लगभग 48 घंटे पहले ही पता चल गया था कि आखिरी 11 खिलाड़ियों में उनको शामिल नहीं किया जा सकता है. इसलिए उनका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना था कि वह टीम को खिताब जीतने में किस करह से मदद कर सकते हैं.

इसके साथ-साथ स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि जब वह बांग्लादेश से वापस आये थे तो अपनी पत्नी से कहा था कि ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला घरेलू श्रृंखला उनकी आखिरी सीरीज बन सकती है. उस समय घुटने में कुछ समस्या आ गयी थी. साथ ही यह बताया कि वह अपने एक्शन को भी बदलने जा रहे रहे हैं. इस दौरान अपनी वाइफ से कहा था कि वे अपने एक्शन में बदलाव करने की सोच रहे हैं. इसके पीछे कारण भी बताया था कि गेंद की लैंडिग के समय उनका घुटना थोड़ा मुड़ रहा था. इसके कारण बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट से सूजन बढ़ने लगी थी. इसके चलते वह अपने 2013-14 वाले बॉलिंग एक्शन पर लौट रहे हैं.

घुटने की समस्या के बारे में बात करते हुए अश्विन ने कहा कि एक समय उन्हें लगने लगा कि उनका करियर समाप्ति के कगार पर जा रहा है, लेकिन एक्शन के बदलाव से बहुत फर्क पड़ा.

अश्विन बोले-
"मैं बैंगलोर गया तो मुझे उस समय एक इंजेक्शन लेना था, इसलिए मैंने एक्शन बदला, एक्शन बदलकर मैंने गेंदबाजी शुरू की और मेरे घुटने का दर्द दूर होने लगा, मैंने नागपुर में तीन-चार दिनों तक अभ्यास किया और फिर मैदान में उसी एक्शन के साथ उतरने की सोचा."

अश्विन बोले-
"मुझे प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ पुरस्कार मिलने पर गर्व है. मुझे लगता है कि यह शायद मेरे लिए ऑस्ट्रेलिया की सबसे अच्छी श्रृंखलाओं में से एक है और पिछले चार-पांच वर्षों में एक ऐसी श्रृंखला, जिसमें सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन किया....अगर मैं अपना एक्शन बदल सकता हूं और अपना करियर दांव पर लगा सकता हूं, तो मुझे ऐसा नहीं लगता कि आगे क्या नहीं कर सकता...ऑस्ट्रेलिया की सीरीज के बाद टेस्ट में दुनिया का नंबर 1 गेंदबाज बना रहा."

नई दिल्ली : इस पीढ़ी के साथ साथ नई पीढ़ी के क्रिकेटरों के लिए आइकन कहे जाने वाले स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच में अंतिम एकादश में न शामिल किए जाने पर पहली बार खुलकर बोला है. रविचंद्रन अश्विन ने इस दौरान अपने करियर में आए उतार चढ़ाव व कई बदलावों के बारे में भी चर्चा की. साथ ही एक्शन में भी बदलाव की कहानी को भी बताया.

रविचंद्रन अश्विन ने एक साक्षात्कार में कहा कि वह फाइनल मुकाबला खेलना तब पसंद करते, जब उन पर कोच व कप्तान भरोसा करते. अंतिम एकादश से बाहर रखने का यह कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ का निर्णय था. उसे वह स्वीकार करते हैं. यह उनका विशेषाधिकार है. पिछले सालों के अनुभव के आधार पर ये फैसला सही भी कहा जा सकता है. टीम के इस निर्णय को कप्तान और कोच के नजरिए से देखें तो पता चलेगा कि पिछली बार जब हमारी टीम इंग्लैंड में थी, तो 2-2 से सीरीज ड्रॉ हुयी थी. उसमें 4 तेज गेंदबाज व 1 स्पिन गेंदबाज के साथ खेले थे.

रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि उनको लगभग 48 घंटे पहले ही पता चल गया था कि आखिरी 11 खिलाड़ियों में उनको शामिल नहीं किया जा सकता है. इसलिए उनका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना था कि वह टीम को खिताब जीतने में किस करह से मदद कर सकते हैं.

इसके साथ-साथ स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि जब वह बांग्लादेश से वापस आये थे तो अपनी पत्नी से कहा था कि ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला घरेलू श्रृंखला उनकी आखिरी सीरीज बन सकती है. उस समय घुटने में कुछ समस्या आ गयी थी. साथ ही यह बताया कि वह अपने एक्शन को भी बदलने जा रहे रहे हैं. इस दौरान अपनी वाइफ से कहा था कि वे अपने एक्शन में बदलाव करने की सोच रहे हैं. इसके पीछे कारण भी बताया था कि गेंद की लैंडिग के समय उनका घुटना थोड़ा मुड़ रहा था. इसके कारण बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट से सूजन बढ़ने लगी थी. इसके चलते वह अपने 2013-14 वाले बॉलिंग एक्शन पर लौट रहे हैं.

घुटने की समस्या के बारे में बात करते हुए अश्विन ने कहा कि एक समय उन्हें लगने लगा कि उनका करियर समाप्ति के कगार पर जा रहा है, लेकिन एक्शन के बदलाव से बहुत फर्क पड़ा.

अश्विन बोले-
"मैं बैंगलोर गया तो मुझे उस समय एक इंजेक्शन लेना था, इसलिए मैंने एक्शन बदला, एक्शन बदलकर मैंने गेंदबाजी शुरू की और मेरे घुटने का दर्द दूर होने लगा, मैंने नागपुर में तीन-चार दिनों तक अभ्यास किया और फिर मैदान में उसी एक्शन के साथ उतरने की सोचा."

अश्विन बोले-
"मुझे प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ पुरस्कार मिलने पर गर्व है. मुझे लगता है कि यह शायद मेरे लिए ऑस्ट्रेलिया की सबसे अच्छी श्रृंखलाओं में से एक है और पिछले चार-पांच वर्षों में एक ऐसी श्रृंखला, जिसमें सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन किया....अगर मैं अपना एक्शन बदल सकता हूं और अपना करियर दांव पर लगा सकता हूं, तो मुझे ऐसा नहीं लगता कि आगे क्या नहीं कर सकता...ऑस्ट्रेलिया की सीरीज के बाद टेस्ट में दुनिया का नंबर 1 गेंदबाज बना रहा."

Last Updated : Jun 16, 2023, 3:36 PM IST
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