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गांगुली ने ट्वीट कर राजनीति में कदम रखने की अटकलों को हवा दी

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दिया है. गांगुली ने अक्टूबर 2019 में इस पद को संभाला था. गांगुली बीसीसीआई के 39वें अध्यक्ष हैं.

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Sourav Ganguly Tweet
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Published : Jun 1, 2022, 7:14 PM IST

कोलकाता: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बुधवार दोपहर अपने ट्विटर पेज पर एक आश्चर्यजनक संदेश पोस्ट कर उनके राजनीति में कदम रखने की अटकलों को हवा दे दी. ट्विटर पोस्ट में उन्होंने खुद के राजनीति में शामिल होने के कुछ स्पष्ट संकेत दिए.

उन्होंने ट्वीट में लिखा, साल 1999 में क्रिकेट के साथ मेरी यात्रा की शुरुआत के बाद से साल 2022 30वां साल है. तब से, क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ दिया है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसने मुझे आप सभी का समर्थन दिया है. मैं हर उस व्यक्ति को धन्यवाद देना चाहता हूं, जो मेरी यात्रा का हिस्सा रहा, मेरा समर्थन किया और आज मैं जहां हूं, वहां पहुंचने में मेरी मदद की. आज, मैं कुछ ऐसा शुरू करने की योजना बना रहा हूं, जो मुझे लगता है कि शायद बहुत से लोगों की मदद करेगा. मुझे आशा है कि आप अपना समर्थन जारी रखेंगे, क्योंकि मैं अपने जीवन के इस नए अध्याय में प्रवेश करता हूं.

हालांकि, अभी तक न तो उनकी ओर से और न ही उनके परिवार के सदस्यों की ओर से उनके भविष्य की कार्रवाई के बारे में कोई पुष्टि की गई है. गांगुली के राजनीति में शामिल होने की अटकलें तब शुरू हुईं, जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 6 मई को पश्चिम बंगाल की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान अपने आवास पर रात्रि भोज किया. हालांकि, गांगुली ने खुद उसी दिन राजनीति में आने की संभावनाओं को खारिज कर दिया था. लेकिन अगले ही दिन उनकी पत्नी डोना गांगुली ने अपने पति के भविष्य में सक्रिय राजनीति में आने की संभावना जताई थी.

यह भी पढ़ें: गांगुली के ट्वीट से मचा बवाल, शाह ने कहा- नहीं छोड़ा BCCI चीफ का पद

उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा था, अनुमान लगाना लोगों का काम है. अगर ऐसा कुछ होता है तो सभी को पता चल जाएगा. लेकिन मैं बस इतना कह सकती हूं कि सौरव राजनीति में अच्छा करेंगे और लोगों के कल्याण के लिए काम करेंगे.

गांगुली हमेशा राजनीतिक रेखाओं से परे राजनीतिक नेताओं के पसंदीदा रहे हैं. वह पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य और तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार के नगरपालिका मामलों और शहरी विकास मंत्री अशोक भट्टाचार्य के बेहद करीबी थे. साल 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले, ऐसी अफवाहें थीं कि गांगुली चुनावों के लिए बीजेपी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं, लेकिन वैसा नहीं हुआ.

कोलकाता: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बुधवार दोपहर अपने ट्विटर पेज पर एक आश्चर्यजनक संदेश पोस्ट कर उनके राजनीति में कदम रखने की अटकलों को हवा दे दी. ट्विटर पोस्ट में उन्होंने खुद के राजनीति में शामिल होने के कुछ स्पष्ट संकेत दिए.

उन्होंने ट्वीट में लिखा, साल 1999 में क्रिकेट के साथ मेरी यात्रा की शुरुआत के बाद से साल 2022 30वां साल है. तब से, क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ दिया है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसने मुझे आप सभी का समर्थन दिया है. मैं हर उस व्यक्ति को धन्यवाद देना चाहता हूं, जो मेरी यात्रा का हिस्सा रहा, मेरा समर्थन किया और आज मैं जहां हूं, वहां पहुंचने में मेरी मदद की. आज, मैं कुछ ऐसा शुरू करने की योजना बना रहा हूं, जो मुझे लगता है कि शायद बहुत से लोगों की मदद करेगा. मुझे आशा है कि आप अपना समर्थन जारी रखेंगे, क्योंकि मैं अपने जीवन के इस नए अध्याय में प्रवेश करता हूं.

हालांकि, अभी तक न तो उनकी ओर से और न ही उनके परिवार के सदस्यों की ओर से उनके भविष्य की कार्रवाई के बारे में कोई पुष्टि की गई है. गांगुली के राजनीति में शामिल होने की अटकलें तब शुरू हुईं, जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 6 मई को पश्चिम बंगाल की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान अपने आवास पर रात्रि भोज किया. हालांकि, गांगुली ने खुद उसी दिन राजनीति में आने की संभावनाओं को खारिज कर दिया था. लेकिन अगले ही दिन उनकी पत्नी डोना गांगुली ने अपने पति के भविष्य में सक्रिय राजनीति में आने की संभावना जताई थी.

यह भी पढ़ें: गांगुली के ट्वीट से मचा बवाल, शाह ने कहा- नहीं छोड़ा BCCI चीफ का पद

उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा था, अनुमान लगाना लोगों का काम है. अगर ऐसा कुछ होता है तो सभी को पता चल जाएगा. लेकिन मैं बस इतना कह सकती हूं कि सौरव राजनीति में अच्छा करेंगे और लोगों के कल्याण के लिए काम करेंगे.

गांगुली हमेशा राजनीतिक रेखाओं से परे राजनीतिक नेताओं के पसंदीदा रहे हैं. वह पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य और तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार के नगरपालिका मामलों और शहरी विकास मंत्री अशोक भट्टाचार्य के बेहद करीबी थे. साल 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले, ऐसी अफवाहें थीं कि गांगुली चुनावों के लिए बीजेपी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं, लेकिन वैसा नहीं हुआ.

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