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भारत की प्लेइंग इलेवन में संतुलन बनाने के लिए शार्दुल का खेलना जरूरी

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच बहुप्रतीक्षित खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला 26 दिसंबर से खेला जाएगा.

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Published : Dec 25, 2021, 2:30 PM IST

लंदन: भारत, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज अपने नाम कर सकता है. दक्षिण अफ्रीकी जमीन पर ऐसा कारनामा भारत ने पहले कभी नहीं किया है. लेकिन भारत को चार तेज गेंदबाजों को मौका देने के बारे में नहीं सोचना चाहिए, क्योंकि इससे उनकी बल्लेबाजी कमजोर हो सकती है.

संक्षेप में कहें तो ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर को सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने और चौथे तेज गेंदबाज के रूप में प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जाना चाहिए. जनवरी में ब्रिस्बेन में अपने टेस्ट डेब्यू में ठाकुर ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. रविचंद्रन अश्विन शायद आज दुनिया के सबसे प्रभावशाली स्पिन गेंदबाज हैं. इंग्लैंड में उन्हें नजरअंदाज करना गलती थी. हालांकि, यहां पहले टेस्ट में सेंचुरियन की पिच स्पिन गेंदबाजों की मदद नहीं करेगी. यहां अच्छा उछाल देखने को मिल सकता है.

यह भी पढ़ें: IND vs SA टेस्ट सीरीज से पहले डीन एल्गर का बड़ा बयान

दक्षिण अफ्रीका में क्रिकेट इंग्लैंड के ड्यूक की बजाय ऑस्ट्रेलियाई कूकाबुरा गेंद से खेला जाता है. इसका मतलब यह है कि तेज गेंदबाजों को थोड़ा अधिक लाभ मिल सकता है. क्योंकि इस गेंद में ज्यादा स्विंग और गति देखने को मिलेगी. यह मेजबानों के ऊपर है कि वे किस प्रकार की तेज विकेट को चुनते हैं? ये निश्चित रूप से कगिसो रबाडा के नेतृत्व वाले पेस अटैक में मदद करेगा. यह विकेट जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव और इशांत शर्मा जैसे भारतीय तेज गेंदबाजों की भी सहायता करेगा.

वहीं, दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीका को एनरिक नॉर्टजे की कमी खलेगी, जबकि लुंगी एनगिडी लंबे अंतराल के बाद वापसी करेंगे. दक्षिण अफ्रीका के तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में डुआने ओलिवियर, युवा सीमर मार्को जेनसेन, अधिक अनुभवी बेउरन हेंड्रिक्स, ग्लेनटन स्टुरमैन या सिसांडा मगला में से चुने जाने की संभावना है. पहले दो खिलाड़ी वास्तव में ज्यादा दावेदार हैं.

यह भी पढ़ें: हरभजन सिंह के संन्यास पर किसने क्या बोला?

ऑलराउंडर के रूप में वियान मुलडर संभवत: चौथे सीमर के रूप में खेलते नजर आएंगे. बाएं हाथ के स्पिनर केशव महाराज स्पिन गेंदबाज के रूप में प्रतिनिधित्व करेंगे. भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपनी बल्लेबाजी में सुधार करें. अश्विन ने साल की शुरुआत में सिडनी में बेहतरीन बल्लेबाजी की और इंग्लैंड के खिलाफ घर में शतक जड़ा था. लेकिन उन्हें उपमहाद्वीप के बाहर की परिस्थितियों में सातवें नंबर पर मौका देना बड़ी बात होगी.

भारत को इस बात की भी चिंता होगी कि क्या वे विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में एक महत्वपूर्ण सीरीज में अनुभवी अजिंक्य रहाणे को मौका देना चाहिए या नहीं. वहीं, पांचवें नंबर पर हनुमा विहारी या श्रेयस अय्यर को भी देखना जरूरी हो जाता है. विदेश में पिछले आठ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया में चार और इंग्लैंड में कई पारियों में रहाणे का बल्ला नहीं चला है. उन्होंने आखिरी बार मेलबर्न में मैच जिताऊ शतक लगाया था.

यह भी पढ़ें: EXCLUSIVE: विश्व चैंपियनशिप में ऐतिहासिक रजत पदक जीतने के बाद किदांबी श्रीकांत ने कहा, पदक नहीं, अच्छा खेलने पर था ध्यान

साल 2018 में इंग्लैंड में अपने डेब्यू के बाद से विहारी ने वास्तव में बेहतर प्रदर्शन किया है. भारत के बाहर टेस्ट स्तर पर अय्यर ने अभी शुरुआत नहीं की है, क्योंकि उनकी केवल दो उपस्थिति भारत में हुई हैं. वहीं, दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी पहले के मुकाबले कम अनुभवी है. लेकिन सलामी बल्लेबाज डीन एल्गर को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए.

अप्रत्याशित परिस्थितियों को छोड़कर सेंचुरियन के लिए मेरी भारतीय टीम है:

केएल राहुल, मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे/हनुमा विहारी, ऋषभ पंत, शार्दुल ठाकुर, रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज.

(वरिष्ठ क्रिकेट लेखक आशीष रे एक प्रसारक और पुस्तक 'क्रिकेट वल्र्ड कप: द इंडियन चैलेंज' के लेखक हैं.)

लंदन: भारत, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज अपने नाम कर सकता है. दक्षिण अफ्रीकी जमीन पर ऐसा कारनामा भारत ने पहले कभी नहीं किया है. लेकिन भारत को चार तेज गेंदबाजों को मौका देने के बारे में नहीं सोचना चाहिए, क्योंकि इससे उनकी बल्लेबाजी कमजोर हो सकती है.

संक्षेप में कहें तो ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर को सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने और चौथे तेज गेंदबाज के रूप में प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जाना चाहिए. जनवरी में ब्रिस्बेन में अपने टेस्ट डेब्यू में ठाकुर ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. रविचंद्रन अश्विन शायद आज दुनिया के सबसे प्रभावशाली स्पिन गेंदबाज हैं. इंग्लैंड में उन्हें नजरअंदाज करना गलती थी. हालांकि, यहां पहले टेस्ट में सेंचुरियन की पिच स्पिन गेंदबाजों की मदद नहीं करेगी. यहां अच्छा उछाल देखने को मिल सकता है.

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दक्षिण अफ्रीका में क्रिकेट इंग्लैंड के ड्यूक की बजाय ऑस्ट्रेलियाई कूकाबुरा गेंद से खेला जाता है. इसका मतलब यह है कि तेज गेंदबाजों को थोड़ा अधिक लाभ मिल सकता है. क्योंकि इस गेंद में ज्यादा स्विंग और गति देखने को मिलेगी. यह मेजबानों के ऊपर है कि वे किस प्रकार की तेज विकेट को चुनते हैं? ये निश्चित रूप से कगिसो रबाडा के नेतृत्व वाले पेस अटैक में मदद करेगा. यह विकेट जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव और इशांत शर्मा जैसे भारतीय तेज गेंदबाजों की भी सहायता करेगा.

वहीं, दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीका को एनरिक नॉर्टजे की कमी खलेगी, जबकि लुंगी एनगिडी लंबे अंतराल के बाद वापसी करेंगे. दक्षिण अफ्रीका के तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में डुआने ओलिवियर, युवा सीमर मार्को जेनसेन, अधिक अनुभवी बेउरन हेंड्रिक्स, ग्लेनटन स्टुरमैन या सिसांडा मगला में से चुने जाने की संभावना है. पहले दो खिलाड़ी वास्तव में ज्यादा दावेदार हैं.

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ऑलराउंडर के रूप में वियान मुलडर संभवत: चौथे सीमर के रूप में खेलते नजर आएंगे. बाएं हाथ के स्पिनर केशव महाराज स्पिन गेंदबाज के रूप में प्रतिनिधित्व करेंगे. भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपनी बल्लेबाजी में सुधार करें. अश्विन ने साल की शुरुआत में सिडनी में बेहतरीन बल्लेबाजी की और इंग्लैंड के खिलाफ घर में शतक जड़ा था. लेकिन उन्हें उपमहाद्वीप के बाहर की परिस्थितियों में सातवें नंबर पर मौका देना बड़ी बात होगी.

भारत को इस बात की भी चिंता होगी कि क्या वे विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में एक महत्वपूर्ण सीरीज में अनुभवी अजिंक्य रहाणे को मौका देना चाहिए या नहीं. वहीं, पांचवें नंबर पर हनुमा विहारी या श्रेयस अय्यर को भी देखना जरूरी हो जाता है. विदेश में पिछले आठ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया में चार और इंग्लैंड में कई पारियों में रहाणे का बल्ला नहीं चला है. उन्होंने आखिरी बार मेलबर्न में मैच जिताऊ शतक लगाया था.

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साल 2018 में इंग्लैंड में अपने डेब्यू के बाद से विहारी ने वास्तव में बेहतर प्रदर्शन किया है. भारत के बाहर टेस्ट स्तर पर अय्यर ने अभी शुरुआत नहीं की है, क्योंकि उनकी केवल दो उपस्थिति भारत में हुई हैं. वहीं, दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी पहले के मुकाबले कम अनुभवी है. लेकिन सलामी बल्लेबाज डीन एल्गर को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए.

अप्रत्याशित परिस्थितियों को छोड़कर सेंचुरियन के लिए मेरी भारतीय टीम है:

केएल राहुल, मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे/हनुमा विहारी, ऋषभ पंत, शार्दुल ठाकुर, रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज.

(वरिष्ठ क्रिकेट लेखक आशीष रे एक प्रसारक और पुस्तक 'क्रिकेट वल्र्ड कप: द इंडियन चैलेंज' के लेखक हैं.)

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