क्वींसलैंड: एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय टीम ने इस मल्टी-फॉर्मेट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले बेंगलुरु में दो हफ्तों के अपने अभ्यास के दौरान गुलाबी गेंद से कोई अभ्यास नहीं किया था. हालांकि, एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में रोशनी के तहत दो इंट्रा-स्क्वॉड मैच आयोजित किए गए थे और खिलाड़ियों ने कम से कम शाम के एक प्रशिक्षण सत्र में भाग लिया, जिसमें क्षेत्ररक्षण का अभ्यास शामिल था. गुलाबी गेंद उस शिविर में कहीं दिखाई ही नहीं दी.
राज ने कहा, उस शिविर में हम वनडे सीरीज की तैयारी कर रहे थे. इसलिए हमारा ध्यान सफेद गेंद से अभ्यास करने पर केंद्रित था. साथ ही हमने दूधिया रोशनी में कुछ मुकाबले भी खेले, ताकि हम डे-नाइट टेस्ट और वनडे सीरीज के एक डे-नाइट मैच के लिए खुद को तैयार कर सकें.
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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुलाबी गेंद से टेस्ट इस साल भारतीय महिला टीम का दूसरा टेस्ट मैच है. उन्होंने जून में इंग्लैंड के खिलाफ लाल गेंद से खेला गया टेस्ट मैच ड्रॉ किया था. उन सीरीज की तरह इस मल्टी-फॉर्मेट सीरीज में भी टीमों को टेस्ट मैच जीतने पर चार और ड्रॉ करवाने पर दो-दो अंक मिलेंगे.
वहीं हर वनडे और टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच जीतने पर उन्हें दो अंक दिए जाएंगे. इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच सात साल के लंबे अंतराल के बाद आया था और तो और घरेलू क्रिकेट में भी 2018-19 सीजन के बाद से महिलाओं के लिए केवल वनडे और टी-20 मैचों का आयोजन हुआ है.
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11 टेस्ट कैप के साथ राज और तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी इस टीम की सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं. इन दोनों ने घरेलू स्तर पर महिलाओं के लिए बहु दिवसीय टूनार्मेंटों को फिर से शुरू करने पर जोर दिया है. मिताली ने कहा, अगर हम चाहते हैं कि महिला टीम इस प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन करें, तो हमें घरेलू स्तर पर उन्हें लंबे प्रारूप खेलने का अनुभव कराना होगा. अगर इसी तरह टेस्ट मैचों का आयोजन लगातार अंतराल पर होता है तो शायद घरेलू क्रिकेट में भी बहु-दिवसीय टूनार्मेंट का आयोजन शुरू होगा.
गुलाबी गेंद के साथ अभ्यास का अभाव होने के बावजूद मिताली को अपनी खिलाड़ियों पर पूरा भरोसा है कि वह अच्छा प्रदर्शन करेंगी. उन्होंने कहा कि वनडे मैचों में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद टीम में काफी आत्मविश्वास है.
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राज ने कहा, घर पर टेस्ट खेलना भी काफी महत्वपूर्ण होगा. क्योंकि इससे हमें फायदा होगा और लड़कियों को भी घर पर टेस्ट खेलने का अनुभव मिलेगा. मौजूदा टीम की अधिकांश लड़कियों ने विदेश में टेस्ट मैच खेले हैं. इसलिए घर पर एक टेस्ट खेलना अच्छा होगा.
राज का मानना है कि इस साल ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के दौरों पर टेस्ट मैच का आयोजन इस फॉर्मैट में भारत के भविष्य के लिए उत्साहजनक संकेत है. साथ ही उन्होंने भविष्य में घरेलू परिस्थितियों में टेस्ट मैच के आयोजन का स्वागत किया.