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गाबा के विकेट पर दरार से सतर्क रहने की जरूरत : सिराज

मोहम्मद सिराज ने कहा, ''जब वे गेंदबाजी करेंगे तो निश्चित तौर पर पिच में कुछ दरार होने के कारण बल्लेबाजों की दिमाग में थोड़ा भ्रम की स्थिति बनी रहेगी लेकिन हमारे बल्लेबाज इसके लिए तैयार हैं. हम इसके बारे में कल ही जान पाएंगे.''

Mohammed Siraj
Mohammed Siraj
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Published : Jan 18, 2021, 5:06 PM IST

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ब्रिस्बेन: अपने टेस्ट करियर में पहली बार पारी में पांच विकेट लेने के बाद मोहम्मद सिराज भावुक हो गए और उनके लिए अपनी भावनाएं व्यक्त करना आसान नहीं रहा लेकिन इस तेज गेंदबाज ने सोमवार को यहां भारतीय बल्लेबाजों को गाबा के विकेट को लेकर सतर्क किया जिसमें हल्की दरारें पड़ चुकी हैं.

सिराज ने चौथे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में 73 रन देकर पांच विकेट लिए. ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 294 रन बनाकर भारत के सामने 328 रन का लक्ष्य रखा है. सिराज को लगता है कि पिच में कुछ ऐसी खुरदुरी जगह बन गई हैं जहां से असमान उछाल मिल सकती है.

सिराज ने सोमवार को वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''जब वे गेंदबाजी करेंगे तो निश्चित तौर पर पिच में कुछ दरार होने के कारण बल्लेबाजों की दिमाग में थोड़ा भ्रम की स्थिति बनी रहेगी लेकिन हमारे बल्लेबाज इसके लिए तैयार हैं. हम इसके बारे में कल ही जान पाएंगे.''

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इस तेज गेंदबाज से पूछा गया कि क्या लक्ष्य का पीछा करने में उनकी बल्लेबाजी करने की नौबत आएगी, उन्होंने कहा, ''अगर मुझे मौका मिलेगा तो मैं बल्लेबाजी करूंगा.''

उन्होंने कहा, ''हमारा लक्ष्य यह श्रृंखला जीतना है विशेषकर इतने अधिक खिलाड़ियों के चोटिल होने के बावजूद हमारी टीम ने पहली पारी में कड़ी चुनौती पेश की.''

सिराज ने शार्ट पिच गेंद पर स्टीव स्मिथ का विकेट लिया जो मार्नस लाबुशेन के साथ इस श्रृंखला में उनका पसंदीदा विकेट है.

उन्होंने कहा, ''पूरी श्रृंखला में मुझे लगता है कि यह स्टीव स्मिथ का विकेट होगा. कुछ क्षेत्रों से अतिरिक्त उछाल मिल रही थी और मुझे लगा कि इससे मुझे सफलता मिल सकती है. वह विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं और उनका विकेट लेने से मेरा काफी आत्मविश्वास बढ़ा है. इसके अलावा मार्नस (लाबुशेन) के विकेट से भी मेरा मनोबल बढ़ा.''

ब्रिस्बेन टेस्ट
ब्रिस्बेन टेस्ट

सिराज ने लगातार सहयोग, समर्थन और मनोबल बढ़ाने के लिए कप्तान अजिंक्य रहाणे का आभार व्यक्त किया.

उन्होंने कहा, ''इसके अलावा जिस तरह से युवाओं को मौके मिले फिर चाहे वह नटराजन हो या वाशिंगटन. इन सभी ने इनका फायदा उठाया. सभी ने अपनी तरफ से अच्छा प्रदर्शन किया. मैं विशेष तौर पर युवाओं पर भरोसा दिखाने और मेरा मनोबल बढ़ाने के लिये अजिंक्य रहाणे का आभार व्यक्त करता हूं. वह मुझसे हर समय बात करते रहे और इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा.''

सिराज के लिए पिछले दो महीने मुश्किल भरे भी रहे. उनके पिताजी का निधन हो गया और वह उनके अंतिम संस्कार में भी नहीं जा पाए लेकिन उनकी कड़ी मेहनत आखिर में रंग लाई.

उन्होंने कहा, ''मेरे अब्बू चाहते थे कि मेरा बेटा देश की तरफ से खेले और पूरा विश्व उसे खेलते हुए देखे. काश वह आज का दिन देखने के लिए जीवित होते. यह उनकी दुआओं का ही परिणाम है कि मैंने पांच विकेट लिए. मैं निशब्द हूं और अपनी भावनाओं को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता हूं.''

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उन्होंने कहा, ''यह मुश्किल स्थिति थी. अब्बू के निधन के बाद मां से बात करने पर मुझे ताकत मिली और मैंने अपना ध्यान अब्बू का सपना पूरा करने पर लगा दिया.''

सिराज को इस मैच से पहले केवल दो टेस्ट मैचों का अनुभव था लेकिन उन्होंने सीनियर गेंदबाजों की अनुपस्थिति में आक्रमण की अगुवाई की.

उन्होंने कहा, ''मैं खुद को सीनियर गेंदबाज नहीं मानता लेकिन मैंने घरेलू स्तर और भारत ए की तरफ से काफी क्रिकेट खेली है और इससे मुझे मदद मिली. मुझे जस्सी भाई (जसप्रीत बुमराह) की कमी खली और इसलिए मैंने अधिक जिम्मेदारी ली तथा दबाव बनाया.''

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ब्रिस्बेन: अपने टेस्ट करियर में पहली बार पारी में पांच विकेट लेने के बाद मोहम्मद सिराज भावुक हो गए और उनके लिए अपनी भावनाएं व्यक्त करना आसान नहीं रहा लेकिन इस तेज गेंदबाज ने सोमवार को यहां भारतीय बल्लेबाजों को गाबा के विकेट को लेकर सतर्क किया जिसमें हल्की दरारें पड़ चुकी हैं.

सिराज ने चौथे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में 73 रन देकर पांच विकेट लिए. ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 294 रन बनाकर भारत के सामने 328 रन का लक्ष्य रखा है. सिराज को लगता है कि पिच में कुछ ऐसी खुरदुरी जगह बन गई हैं जहां से असमान उछाल मिल सकती है.

सिराज ने सोमवार को वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''जब वे गेंदबाजी करेंगे तो निश्चित तौर पर पिच में कुछ दरार होने के कारण बल्लेबाजों की दिमाग में थोड़ा भ्रम की स्थिति बनी रहेगी लेकिन हमारे बल्लेबाज इसके लिए तैयार हैं. हम इसके बारे में कल ही जान पाएंगे.''

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इस तेज गेंदबाज से पूछा गया कि क्या लक्ष्य का पीछा करने में उनकी बल्लेबाजी करने की नौबत आएगी, उन्होंने कहा, ''अगर मुझे मौका मिलेगा तो मैं बल्लेबाजी करूंगा.''

उन्होंने कहा, ''हमारा लक्ष्य यह श्रृंखला जीतना है विशेषकर इतने अधिक खिलाड़ियों के चोटिल होने के बावजूद हमारी टीम ने पहली पारी में कड़ी चुनौती पेश की.''

सिराज ने शार्ट पिच गेंद पर स्टीव स्मिथ का विकेट लिया जो मार्नस लाबुशेन के साथ इस श्रृंखला में उनका पसंदीदा विकेट है.

उन्होंने कहा, ''पूरी श्रृंखला में मुझे लगता है कि यह स्टीव स्मिथ का विकेट होगा. कुछ क्षेत्रों से अतिरिक्त उछाल मिल रही थी और मुझे लगा कि इससे मुझे सफलता मिल सकती है. वह विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं और उनका विकेट लेने से मेरा काफी आत्मविश्वास बढ़ा है. इसके अलावा मार्नस (लाबुशेन) के विकेट से भी मेरा मनोबल बढ़ा.''

ब्रिस्बेन टेस्ट
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सिराज ने लगातार सहयोग, समर्थन और मनोबल बढ़ाने के लिए कप्तान अजिंक्य रहाणे का आभार व्यक्त किया.

उन्होंने कहा, ''इसके अलावा जिस तरह से युवाओं को मौके मिले फिर चाहे वह नटराजन हो या वाशिंगटन. इन सभी ने इनका फायदा उठाया. सभी ने अपनी तरफ से अच्छा प्रदर्शन किया. मैं विशेष तौर पर युवाओं पर भरोसा दिखाने और मेरा मनोबल बढ़ाने के लिये अजिंक्य रहाणे का आभार व्यक्त करता हूं. वह मुझसे हर समय बात करते रहे और इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा.''

सिराज के लिए पिछले दो महीने मुश्किल भरे भी रहे. उनके पिताजी का निधन हो गया और वह उनके अंतिम संस्कार में भी नहीं जा पाए लेकिन उनकी कड़ी मेहनत आखिर में रंग लाई.

उन्होंने कहा, ''मेरे अब्बू चाहते थे कि मेरा बेटा देश की तरफ से खेले और पूरा विश्व उसे खेलते हुए देखे. काश वह आज का दिन देखने के लिए जीवित होते. यह उनकी दुआओं का ही परिणाम है कि मैंने पांच विकेट लिए. मैं निशब्द हूं और अपनी भावनाओं को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता हूं.''

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उन्होंने कहा, ''यह मुश्किल स्थिति थी. अब्बू के निधन के बाद मां से बात करने पर मुझे ताकत मिली और मैंने अपना ध्यान अब्बू का सपना पूरा करने पर लगा दिया.''

सिराज को इस मैच से पहले केवल दो टेस्ट मैचों का अनुभव था लेकिन उन्होंने सीनियर गेंदबाजों की अनुपस्थिति में आक्रमण की अगुवाई की.

उन्होंने कहा, ''मैं खुद को सीनियर गेंदबाज नहीं मानता लेकिन मैंने घरेलू स्तर और भारत ए की तरफ से काफी क्रिकेट खेली है और इससे मुझे मदद मिली. मुझे जस्सी भाई (जसप्रीत बुमराह) की कमी खली और इसलिए मैंने अधिक जिम्मेदारी ली तथा दबाव बनाया.''

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