नई दिल्ली : पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने रविचंद्रन अश्विन के समर्थन में एक बड़ा बयान दिया है. इसके साथ ही उन्होंने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में रविचंद्रन अश्विन को बाहर बैठान पर भी नाराजगी जताई है. गावस्कर ने कहा कि यह अश्विन के साथ हुआ ऐसा बर्ताव गलत था. भारत में किसी अन्य टॉप क्रिकेटर के साथ ऐसा चौंकाने वाला बर्ताव नहीं किया गया है. लेकिन ऑफ स्पिनर अश्विन के साथ ऐसा व्यवहार किया गया है.
सुनील गावस्कर ने कहा कि अश्विन को WTC फाइनल में टीम की अंतिम एकादश से बाहर रखा गया था. इसके चलते ही द ओवल में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भारत ऑस्ट्रेलिया से 209 रनों से हार गया. बतादें कि अश्विन के टीम इंडिया की प्लेइंग में होना या न होना WTC फाइनल के लिए रनअप में चर्चा का एक बड़ा विषय बना है. क्योंकि मुकाबले के दौरान भारत की गेंदबाजी नियंत्रण में नहीं थी. इसके लिए दोनों देशों के पूर्व क्रिकेटरों की कड़ी आलोचना हुई.
अश्विन को WTC से बाहर करना पड़ा महंगा
सुनील गावस्कर का कहना है कि आधुनिक युग में किसी भी अन्य टॉप श्रेणी के भारतीय क्रिकेटर के साथ अश्विन जैसा व्यवहार नहीं किया गया है. अगल WTC फाइनल में भारत को जीतना था तो हमें अश्विन को दिए गए उपचार के लिए अंधा नहीं होना चाहिए और जो भी स्पष्टीकरण दिया गया है. उस मैच में गेंदबाजी के परिणाम जहां भारत को 444 का पीछा करने के लिए कहा गया था. इससे साफ पता चलता है कि अश्विन को बाहर छोड़ना सही नहीं था.
टॉप गेंदबाज को किया नजरअंदाज
अश्विन ने 92 मैचों में 51.8 की स्ट्राइक रेट से 474 विकेट लिए है. इसमें 32 पांच विकेट प्रति पारी शामिल हैं. अश्विन शीर्ष क्रम के टेस्ट गेंदबाज मार्की संघर्ष से बाहर रह गए. क्योंकि भारत ने उनके मौजूद रहने के बावजूद चार तेज गेंदबाजों को प्राथमिकता दी थी. ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजी क्रम में बाएं हाथ के पांच बल्लेबाजों में से अश्विन को 2021 और 2022 में इंग्लैंड में होने वाले भारत के मैचों से भी बाहर कर दिया गया था, जिसका कारण परिस्थितियों का हवाला दिया गया था.
भारत ने आईसीसी रैंकिंग के अनुसार, खेल में नंबर 1 गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन को हटा दिया था. ऑस्ट्रेलियाई टीम में पांच बाएं हाथ के बल्लेबाज थे और जबकि एक बाएं हाथ के खिलाड़ी ट्रैविस हेड ने पहली पारी में तेज शतक बनाया था. दूसरा दक्षिणपूर्वी एलेक्स कैरी ने पहली पारी में 48 और दूसरी पारी में नाबाद 66 रन बनाए. गावस्कर ने कहा कि उस दूसरी पारी के प्रयास के दौरान उन्होंने एक और बाएं हाथ के मिशेल स्टार्क के साथ 93 रन जोड़े, जब भारत दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया को सस्ते में आउट करना चाह रहा था. अगर अश्विन टीम में होते तो वह बल्ले से भी योगदान दे सकते थे.
(आईएएनएस)