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सुप्रीम कोर्ट ने श्रीसंत से आजीवन बैन हटाया

नई दिल्ली: स्पॉट फिक्सिंग मामले में अजीवन प्रतिबंध का सामना कर रहे क्रिकेटर एस श्रीसंत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए श्रीसंत का आजिवन प्रतिबंध हटा दिया है .

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Published : Mar 15, 2019, 12:07 PM IST

shreesanth

नई दिल्ली: स्पॉट फिक्सिंग मामले में अजीवन प्रतिबंध का सामना कर रहे क्रिकेटर एस श्रीसंत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए श्रीसंत का आजिवन प्रतिबंध हटा दिया है . जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस के एम जोसेफ की बैंच ने आज श्रीसं से आजीवन बैन हटाया गया और कहा कि बीसीसीआई श्रीसंत का पक्ष सुने. आपको बता दें कि श्रीसंत पर अभी भी बीसीसीआई की तरफ से बैन लागू है.

बीसीसीआई ने श्रीसंत पर आईपीएल-2013 में स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए जाने पर अजीवन प्रतिबंध लगाया था.इसके खिलाफ श्रीसंत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इससे पहले बीसीसीआई ने कोर्ट में कहा कि श्रीसंत पर भ्रष्टाचार, सट्टेबाजी और खेल को बेइज्जत करने के आरोप हैं.

बीसीसीआई ने कोर्ट में कहा था कि श्रीसंत ने उन 10 लाख रुपये के स्रोत के बारे में भी जांच समिति को नहीं बताया, जिसका जिक्र टेलीफोन पर की गई बातचीत में किया गया है. बीसीसीआई की तरफ से अदालत में दलील दे रहे वरिष्ठ वकील पराग त्रिपाठी ने कहा था कि खेल में भ्रष्टाचार और सट्टेबाजी के लिए सजा आजीवन प्रतिबंध है.

त्रिपाठी ने इस मसले पर बीसीसीआई की जीरो टॉलरेंस नीति का हवाले देते हुए अदालत को बताया था कि श्रीसंत ने कभी भी बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी ईकाई के सामने इस बात का जिक्र नहीं किया था कि सट्टेबाजों ने उनसे संपर्क साधा. इस पर श्रीसंत की तरफ से दलील दे रहे वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा था कि बीसीसीआई को ये साबित करना है कि वह 10 लाख रुपये मैच फिक्सिंग से संबंधित हैं या नहीं.

टेलीफोन पर हुई बातचीत को लेकर खुर्शीद ने कहा था कि लेनदेन तब होता जब खिलाड़ी एक ओवर में 14 रन से कम देता.खुर्शीद ने ये भी कोर्ट से कहा था कि श्रीसंत में क्रिकेट को लेकर जुनून बाकी है, उसके करियर को बर्बाद होने से बचाया जाए. गौरतलब है कि इससे पहले की सुनवाई में श्रीसंत ने कहा था कि उन्होंने दिल्ली पुलिस के दबाव में जुर्म कबूला था.

नई दिल्ली: स्पॉट फिक्सिंग मामले में अजीवन प्रतिबंध का सामना कर रहे क्रिकेटर एस श्रीसंत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए श्रीसंत का आजिवन प्रतिबंध हटा दिया है . जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस के एम जोसेफ की बैंच ने आज श्रीसं से आजीवन बैन हटाया गया और कहा कि बीसीसीआई श्रीसंत का पक्ष सुने. आपको बता दें कि श्रीसंत पर अभी भी बीसीसीआई की तरफ से बैन लागू है.

बीसीसीआई ने श्रीसंत पर आईपीएल-2013 में स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए जाने पर अजीवन प्रतिबंध लगाया था.इसके खिलाफ श्रीसंत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इससे पहले बीसीसीआई ने कोर्ट में कहा कि श्रीसंत पर भ्रष्टाचार, सट्टेबाजी और खेल को बेइज्जत करने के आरोप हैं.

बीसीसीआई ने कोर्ट में कहा था कि श्रीसंत ने उन 10 लाख रुपये के स्रोत के बारे में भी जांच समिति को नहीं बताया, जिसका जिक्र टेलीफोन पर की गई बातचीत में किया गया है. बीसीसीआई की तरफ से अदालत में दलील दे रहे वरिष्ठ वकील पराग त्रिपाठी ने कहा था कि खेल में भ्रष्टाचार और सट्टेबाजी के लिए सजा आजीवन प्रतिबंध है.

त्रिपाठी ने इस मसले पर बीसीसीआई की जीरो टॉलरेंस नीति का हवाले देते हुए अदालत को बताया था कि श्रीसंत ने कभी भी बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी ईकाई के सामने इस बात का जिक्र नहीं किया था कि सट्टेबाजों ने उनसे संपर्क साधा. इस पर श्रीसंत की तरफ से दलील दे रहे वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा था कि बीसीसीआई को ये साबित करना है कि वह 10 लाख रुपये मैच फिक्सिंग से संबंधित हैं या नहीं.

टेलीफोन पर हुई बातचीत को लेकर खुर्शीद ने कहा था कि लेनदेन तब होता जब खिलाड़ी एक ओवर में 14 रन से कम देता.खुर्शीद ने ये भी कोर्ट से कहा था कि श्रीसंत में क्रिकेट को लेकर जुनून बाकी है, उसके करियर को बर्बाद होने से बचाया जाए. गौरतलब है कि इससे पहले की सुनवाई में श्रीसंत ने कहा था कि उन्होंने दिल्ली पुलिस के दबाव में जुर्म कबूला था.

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नई दिल्ली: स्पॉट फिक्सिंग मामले में अजीवन प्रतिबंध का सामना कर रहे क्रिकेटर एस श्रीसंत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए श्रीसंत का आजिवन प्रतिबंध हटा दिया है . जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस के एम जोसेफ की बैंच ने आज श्रीसं से आजीवन बैन हटाया गया और कहा कि बीसीसीआई श्रीसंत का पक्ष सुने. आपको बता दें कि श्रीसंत पर अभी भी बीसीसीआई की तरफ से बैन लागू है.

बीसीसीआई ने श्रीसंत पर आईपीएल-2013 में स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए जाने पर अजीवन प्रतिबंध लगाया था.इसके खिलाफ श्रीसंत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इससे पहले बीसीसीआई ने कोर्ट में कहा कि श्रीसंत पर भ्रष्टाचार, सट्टेबाजी और खेल को बेइज्जत करने के आरोप हैं.



बीसीसीआई ने कोर्ट में कहा था कि श्रीसंत ने उन 10 लाख रुपये के स्रोत के बारे में भी जांच समिति को नहीं बताया, जिसका जिक्र टेलीफोन पर की गई बातचीत में किया गया है. बीसीसीआई की तरफ से अदालत में दलील दे रहे वरिष्ठ वकील पराग त्रिपाठी ने कहा था कि खेल में भ्रष्टाचार और सट्टेबाजी के लिए सजा आजीवन प्रतिबंध है.

त्रिपाठी ने इस मसले पर बीसीसीआई की जीरो टॉलरेंस नीति का हवाले देते हुए अदालत को बताया था कि श्रीसंत ने कभी भी बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी ईकाई के सामने इस बात का जिक्र नहीं किया था कि सट्टेबाजों ने उनसे संपर्क साधा. इस पर श्रीसंत की तरफ से दलील दे रहे वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा था कि बीसीसीआई को ये साबित करना है कि वह 10 लाख रुपये मैच फिक्सिंग से संबंधित हैं या नहीं.



टेलीफोन पर हुई बातचीत को लेकर खुर्शीद ने कहा था कि लेनदेन तब होता जब खिलाड़ी एक ओवर में 14 रन से कम देता.खुर्शीद ने ये भी कोर्ट से कहा था कि श्रीसंत में क्रिकेट को लेकर जुनून बाकी है, उसके करियर को बर्बाद होने से बचाया जाए. गौरतलब है कि इससे पहले की सुनवाई में श्रीसंत ने कहा था कि उन्होंने दिल्ली पुलिस के दबाव में जुर्म कबूला था.


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