अबुधाबी: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले वेस्टइंडीज के हरफनमौला ड्वेन ब्रावो ने शनिवार को कहा कि अगर उनके शरीर ने साथ दिया तो वह कुछ और वर्षों तक फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने चाहते हैं.
इस दिग्गज खिलाड़ी ने कहा कि उन्होंने वेस्टइंडीज टीम में युवा खिलाड़ियों को मौका देने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा.
उन्होंने पहले भी संन्यास लिया था लेकिन गत चैम्पियन वेस्टइंडीज को फिर से खिताब दिलाने के लिए 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की. वेस्टइंडीज का अभियान हालांकि सुपर 12 चरण के पांच मैचों सिर्फ एक जीत के साथ खत्म हुआ.
ऑस्ट्रेलिया से आठ विकेट से मैच गंवाने के बाद संवाददाता सम्मेलन में ब्रावो ने कहा, "जब तक मेरा शरीर मुझे अनुमति देगा, मैं कुछ और वर्षों तक फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा."
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वेस्टइंडीज के लिए 18 साल तक खेलने वाले ब्रावो ने कहा, "मेरा उद्देश्य कुछ साल पहले ही संन्यास लेना था, लेकिन अध्यक्ष पद (वेस्टइंडीज क्रिकेट) और नेतृत्व परिवर्तन के बाद मेरा मन बदल गया. मैं शारीरिक रूप से फिट था और वेस्टइंडीज को वापस कुछ देना चाहता था। मैं अपने क्रिकेट का आनंद ले रहा था."
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह मेरे लिए खेल (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट) को अलविदा कहने का सही समय है. इससे अगली पीढ़ी और युवा खिलाड़ियों को टीम में आने का मौका मिलेगा, जिनके साथ मेरी बहुत अच्छी दोस्ती है."
ब्रावो ने उनके करियर का खास पल के बारे में पूछे जाने पर कहा कि लॉर्ड्स के मैदान पर टेस्ट पदार्पण करना उनके करियर का सबसे यादगार पल है.
उन्होंने कहा, "वह खास पल था. जाहिर तौर पर मेरे बचपन की हीरो ब्रायन लारा कप्तान थे. वो बहुत खास था. 2004 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतना मेरे लिए एक और खास पल था."
उन्होंने कहा, "दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मेरा पहला टेस्ट, एक और विशेष क्षण और जाहिर है कि दो टी20 विश्व कप (खिताब) मेरे लिए काफी खास है. यह शानदार रहा कि मैं अपने पूरे करियर में कुछ सफलता हासिल करने में सफल रहा."