मुंबई: भारत के पूर्व कप्तान और चयन समिति के पूर्व प्रमुख दिलीप वेंगसरकर का मानना है कि बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली को राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की ओर से विराट कोहली की कप्तानी के मसले पर नहीं बोलना चाहिए था.
दक्षिण अफ्रीका दौरे पर जाने से पहले विराट ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, बीसीसीआई में से किसी ने उनसे टी-20 कप्तानी छोड़ने के लिए नहीं कहा था. गांगुली ने यह दावा किया था कि उन्होंने इस मसले पर कप्तान से बात की थी.
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वेंगसरकर ने पीटीआई से कहा, चयन समिति की ओर से गांगुली के बोलने का कोई मतलब नहीं था. वह बीसीसीआई अध्यक्ष हैं. चयन या कप्तानी के मामले पर चयन समिति के प्रमुख चेतन शर्मा को बोलना चाहिए था.
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गांगुली ने कहा था, टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ने के विराट के फैसले के बाद रोहित शर्मा को वनडे टीम का भी कप्तान बनाने का फैसला लिया गया. क्योंकि सीमित ओवरों के दो प्रारूपों में दो अलग-अलग कप्तान रखने का तुक नहीं है. वेंगसरकर ने कहा, कप्तान को चुनना या हटाना चयन समिति का फैसला है. गांगुली के कार्यक्षेत्र में यह नहीं आता.
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गौरतलब है, कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया इस समय साउथ अफ्रीकी दौरे पर है. जहां उसे तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है. सीरीज का पहला टेस्ट मैच 26 दिसंबर से सेंचुरियन में खेला जाएगा. टेस्ट सीरीज में भारत को ओपनर रोहित शर्मा की सेवाएं नहीं मिल पाएंगी. रोहित चोट की वजह से टेस्ट सीरीज से बाहर हैं. इसके बाद तीन मैचों की वनडे सीरीज खेली जाएगी.