नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने कनाडा में खेली जा रही ग्लोबल टी-20 लीग के लिए पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह को अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया. इस मामले को देखकर कई पूर्व खिलाड़ियों ने राहत की सांस ली थी और उन्हें उम्मीद थी कि अन्य देशों में खेली जा रही लीगों के लिए बोर्ड उन्हें भी एनओसी दे देगा, लेकिन प्रशासको की समिति (सीओए) का कहना है कि युवराज का मामला अपवाद था, और वे किसी और को इस तरह की एनओसी नहीं देगा.
सीओए के एक सदस्य ने मीडिया से इस बात की पुष्टि भी की है. सीओए सदस्य ने कहा, "युवराज का मामला अलग मामला है. वो अपवाद है. हम किसी और अन्य खिलाड़ी को विदेशी लीग में खेलने के लिए एनओसी नहीं देंगे. हमने इस मुद्दे पर चर्चा की है और फैसला लिया है कि इस पर कोई कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है."
सीओए के इस फैसले ने बीसीसीआई के अधिकारियों को हैरान कर दिया है और कहा है कि फैसलों में निरंतरता होना जरूरी है और एक खिलाड़ी को एनओसी देने के बाद नीति नहीं बदलनी चाहिए.
बोर्ड के अधिकारी ने मीडिया से कहा, "निरंतरता नाम की भी कोई चीज होती है, लेकिन यह इस समय बोर्ड में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि नहीं है. जब खिलाड़ियों और उनके करियर की बात आती है तो मनमाना रवैया नहीं चल सकता. कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो अब भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हो सकते क्योंकि वे बोर्ड की नीति में नहीं है और ऐसे खिलाड़ी अब संन्यास के बारे में सोच रहे होंगे ताकि वे विदेशी लीगों में खेल सकें. ये अचानक से लिया गया यू-टर्न उनके लिए बेईमानी है."
बीसीसीआई संन्यास ले चुके अपने पूर्व खिलाड़ियों को विदेशी लीगों में खेलने की अनुमति देने के लिए कभी राजी नहीं होती है लेकिन सीओए ने युवराज के मामले में उसने एनओसी दे दी जो एक अपवाद है.