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भारत के खिलाफ ये अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं ग्राम स्वान

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Published : Jul 16, 2020, 7:04 AM IST

स्वान ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो ये मेरी एक स्पिनर के तौर पर सबसे बड़ी उपलब्धि साबित होती है."

graeme swann
graeme swann

लंदन: इंग्लैंड के पूर्व ऑफ स्पिनर ग्राम स्वान ने कहा है कि भारत को उसके ही घर में टेस्ट सीरीज में मात देना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है. इंग्लैंड ने 2012/13 में भारत को भारत में ही मात दी थी. उस सीरीज में स्वान ने 20 विकेट लिए थे और वो भारत के प्रज्ञान ओझा के साथ सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे.

स्वान ने एक मीडिया हाउस के एक कार्यक्रम पर कहा, "ईमानदारी से कहूं तो जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो ये मेरी एक स्पिनर के तौर पर सबसे बड़ी उपलब्धि साबित होती है."

graeme swann
ग्राम स्वान

उन्होंने कहा, "हम 2010 में ऑस्ट्रेलिया में जीते, लेकिन मैंने वहां ज्यादा कुछ नहीं किया था. मैंने वहां सिर्फ एलेस्टर कुक को हजारों रन बनाते हुए और जेम्स एंडरसन को विकेट लेते हुए देखा था, लेकिन भारत में वो सीरीज मेरे जीवन के सबसे अच्छे समय में से एक है."

स्वान और उनके साथ स्पिन गेंदबाजी की बागडोर संभालने वाले बाएं हाथ के स्पिनर मोंटी पानेसर ने उस सीरीज में कुल मिलाकर 37 विकेट लिए थे.

इसके अलावा स्वान ने कहा है कि हरफनमौला खिलाड़ी मोइन अली को विश्वास करना होगा कि वो टेस्ट में विश्व स्तर के गेंदबाज हैं. स्वान ने कहा है कि अली को अपने ऊपर किसी भी तरह का संदेह नहीं करना चाहिए.

स्वान ने अली के साथ आदिल राशिद की मानसिकता पर भी सवाल उठाए हैं.

स्वान ने कहा, "अली को अभी भी लगता है कि वो टीम दूसरे नंबर के स्पिनर हैं और तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करना चाहते हैं."

लंदन: इंग्लैंड के पूर्व ऑफ स्पिनर ग्राम स्वान ने कहा है कि भारत को उसके ही घर में टेस्ट सीरीज में मात देना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है. इंग्लैंड ने 2012/13 में भारत को भारत में ही मात दी थी. उस सीरीज में स्वान ने 20 विकेट लिए थे और वो भारत के प्रज्ञान ओझा के साथ सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे.

स्वान ने एक मीडिया हाउस के एक कार्यक्रम पर कहा, "ईमानदारी से कहूं तो जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो ये मेरी एक स्पिनर के तौर पर सबसे बड़ी उपलब्धि साबित होती है."

graeme swann
ग्राम स्वान

उन्होंने कहा, "हम 2010 में ऑस्ट्रेलिया में जीते, लेकिन मैंने वहां ज्यादा कुछ नहीं किया था. मैंने वहां सिर्फ एलेस्टर कुक को हजारों रन बनाते हुए और जेम्स एंडरसन को विकेट लेते हुए देखा था, लेकिन भारत में वो सीरीज मेरे जीवन के सबसे अच्छे समय में से एक है."

स्वान और उनके साथ स्पिन गेंदबाजी की बागडोर संभालने वाले बाएं हाथ के स्पिनर मोंटी पानेसर ने उस सीरीज में कुल मिलाकर 37 विकेट लिए थे.

इसके अलावा स्वान ने कहा है कि हरफनमौला खिलाड़ी मोइन अली को विश्वास करना होगा कि वो टेस्ट में विश्व स्तर के गेंदबाज हैं. स्वान ने कहा है कि अली को अपने ऊपर किसी भी तरह का संदेह नहीं करना चाहिए.

स्वान ने अली के साथ आदिल राशिद की मानसिकता पर भी सवाल उठाए हैं.

स्वान ने कहा, "अली को अभी भी लगता है कि वो टीम दूसरे नंबर के स्पिनर हैं और तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करना चाहते हैं."

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