नई दिल्ली: वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डैरेन सैमी ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट से एक वीडियो जारी कर सनराइजर्स हैदराबाद टीम में नस्लवाद के आरोप लगाए हैं.
पिछले हफ्ते, सैमी 'कालू' शब्द का मतलब जानने के बाद काफी गुस्से में आ गए थे. उन्होंने कहा था कि जब वे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलते थे, उस दौरान उन्हें और श्रीलंका के क्रिकेटर थिसारा परेरा को कालू कहा जाता था.
सैमी ने कहा था, "अब मुझे इस शब्द का मतलब समझ आया है और मैं बहुत गुस्से में हूं." हालांकि, उस वक्त उन्होंने किसी का भी नाम नहीं लिया था.
डैरेन सैमी ने अब नस्लवाद के इस मुद्दे पर वीडिया जारी करते हुए कहा कि मैं उन सभी लोगों को एक संदेश देना चाहता हूं, जो मेरे लिए इस शब्द का इस्तेमाल करते थे.
इंस्टग्राम पर पोस्ट किए गए वीडियो में सैमी ने कहा, "मैंने पूरी दुनिया में क्रिकेट खेला है और मुझे कई लोगों से प्यार मिला है. मैंने सभी ड्रेसिंग रूम को अपनाया है, जहां मैंने खेला है. इसलिए मैं हसन मिन्हाज को सुन रहा था कि कैसे उनकी संस्कृति के कुछ लोग काले लोगों के बारे में बात करते हैं."
उन्होंने कहा, "यह सब लोगों पर लागू नहीं होता है. इसलिए मैंने जब इस शब्द का मतलब जाना तो मैंने कहा था कि मैं गुस्से में हूं. इस शब्द का अर्थ का पता लगा तो मुझे यह अपमानजनक लगा था. मुझे तुरंत याद आया कि जब मैं सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेला था, तब मुझे ठीक वही शब्द कहा जा रहा था जो हम काले लोगों के लिए अपमानजनक है."
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सैमी ने कहा कि जब मुझे इस शब्द से बुलाया जाता था तब मै इसका मतलब नहीं जनता था और टीम के साथी उन्हें हर बार उस नाम से पुकारते थे और हंसते थे.
सैमी ने कहा, "मैं उन लोगों को संदेश देना चाहता हूं कि तुम लोग जानते हो कि तुम कौन हो. मुझे उस समय स्वीकार करना चाहिए था, जब मुझे वह शब्द कहा जाता था. लेकिन मुझे लगा कि इस शब्द का अर्थ मजबूत या इससे ही जुड़ा हुआ कुछ है. मैं नहीं जानता था कि इसका क्या मतलब है. जब भी मेरे लिए वह शब्द इस्तेमाल किया जाता था, तब वहां हंसी का माहौल होता था. मुझे लगता था कि साथी खिलाड़ी हंस रहे हैं तो शायद इसमें कुछ फनी होगा."
उन्होंने आगे कहा, "अब मुझे एहसास हुआ कि यह अपमानजनक था. मैं आप लोगों को मैसेज करूंगा और आप लोगों से पूछूंगा कि जब आप लोग मुझे उस नाम से बुलाते थे तो क्या आप लोगों का मतलब गलत होता था? मेरे सभी ड्रेसिंग रूम्स में बहुत अच्छी यादें हैं, इसलिए जो लोग भी मुझे इस शब्द से बुलाते थे, वे इस बारे में सोचना. इस पर बात करते हैं कि क्या यह आप गलत अर्थों में बोलते थे, अगर हां तो मैं बहुत निराश हो जाउंगा."
बता दें कि विंडीज के पूर्व कप्तान ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत को लेकर चल रहे विरोध का समर्थन किया था. साथ ही उन्होंने आईसीसी से भी अनुरोध किया था कि वे नस्लवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए.