मुंबई : भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर का मानना है कि कोविड-19 महामारी से निपटने के तहत गेंद को चमकाने के लिए लार के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाले आईसीसी के दिशानिर्देश से गेंदबाजों को मुश्किल स्थिति का सामना करना पड़ेगा.
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से बल्ले और गेंद के बीच संतुलन सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले की अगुवाई वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने पिछले महीने कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए अंतरिम उपाय के तहत गेंद पर लार के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी.
जाफर ने कहा, "आईसीसी ने महामारी से निपटने के लिए लार या इस तरह की चीजों का उपयोग नहीं करने का समाधान रखा है. गेंदबाजों के लिए लार के उपयोग से बचाना और गेंद को नहीं चमकाना मुश्किल होगा. ऐसे में मुझे लगता है कि यह बल्लेबाजों के लिए यह बहुत आसान होने जा रहा है."
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बल्लेबाजी के कई रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले मुंबई के इस अनुभवी खिलाड़ी ने कहा, "आईसीसी को यह सुनिश्चित करना होगा की गेंद और बल्ले का मुकाबला बराबरी का हो. आप एकतरफा मुकाबला नहीं देखना चाहते हैं."
जाफर ने सुझाव दिया कि टेस्ट मैच में दो नयी गेंद का इस्तेमाल हो और आईसीसी के क्यूरेटर को ऐसी पिचें तैयार करनी चाहिए जो बल्लेबाजों या गेंदबाजों में से किसी एक के पक्ष में न हों.
इस साल मार्च में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास लेने वाले 42 साल के जाफर ने कहा, "मेरा सुझाव होगा कि आप टेस्ट मैच में दो नई गेंदों का उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही क्यूरेटर ऐसी विकेट बनाये जो गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों की मदद करे."
खिलाड़ियों के लिए खासकर के करीबी मैचों में नये नियमों को दिमाग में रखना काफी मुश्किल होगा. उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए कहा मैदान पर जब दो बल्लेबाज बात करेंगे तो नियमों का पालन करना मुश्किल होगा.
उन्होंने कहा, "नए नियमों के साथ मैच को देखना दिलचस्प होगा. क्रिकेट शारीरिक खेल नहीं है फिर भी आप ड्रेसिंग रूप में एक-दूसरे के करीब होते है. मैदान में जाते ही आप एकजुट होकर कप्तान की बात सुनते है. ऐसे में दूरी का पालन करना मुश्किल होगा. ओवरों के बाद और बीच में बल्लेबाज आपस में बात करते है. ऐसे में करीबी मुकाबलों में नियमों को याद रखने में परेशानी होगी."