हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व धाकड़ मिडल ऑर्डर बल्लेबाज वीवीएल लक्ष्मण आज 45 वर्ष के हो गए हैं. उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बातते है कि वे उनका नाम किस तरह से 'वेरी वेरी स्पेशल' पड़ा और वे अपनी किस पारी को अपना टर्निंग प्वॉइंट मानते हैं और क्यों ऑस्ट्रेलियाई टीम उनसे इतना खौफ खाती थी.
साल 2001 में कोलकाता के इडन गार्डन्स में खेले गए भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच में लक्ष्मण ने 281 रन बनाए थे जिसकी मदद से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 16 बार से विजय रथ को रोका था. उस पारी से पहले लक्ष्मण का करियर काफी अस्थिर था. उन्होंने अपना डेब्यू बतौर मिडल ऑर्डर बल्लेबाज किया था लेकिन फिर उनको सलामी बल्लेबाज का दर्जा दे दिया. हालांकि वे सलामी बल्लेबाज के तौर पर कुछ खास कमाल नहीं कर सके इसलिए वे दोबारा मिडल ऑर्डर बल्लेबाज बन गए.
ये पारी भले ही उनके करियर के लिए बेहतरीन रही हो लेकिन इस पारी को वीवीएस अपे करियर का टर्निंग प्वॉइंट नहीं मानते. उन्होंने साल 2018 में मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा था,"281 रनों की पारी नहीं, बल्कि करियर का पहला शतक मेरे करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा. 2000 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में 167 रनों की पारी ने आत्मविश्वास बढ़ाया. इससे पहले तक खुद की काबिलियत पर मुझे भरोसा नहीं था. मैंने 1996 में टेस्ट में डेब्यू के बाद से कई पारियां खेलीं, लेकिन अर्धशतक को शतक में तब्दील नहीं कर पा रहा था. इस शतक के बाद ही मैंने घरेलू क्रिकेट के एक सत्र में 1400 से ज्यादा रन बनाए."आपको बता दें कि लक्ष्मण ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में कुल 11,119 रन बनाए थे, जिनमें से 3,173 रन जिसमें दो दोहरे शतक भी शामिल हैं, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए थे. लक्ष्मण का बल्ला हमेशा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बोला है. लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2000 से ज्यादा टेस्ट रन बनाए जो सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे ज्यादा रन हैं.
साल 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में उनकी 148 रनों की पारी की मदद से भारत को जीत हासिल हुई थी. 2008 में दिल्ली टेस्ट के दौरान लक्ष्मण ने नाबाद दोहरा शतक जमाया था.
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2010 में मोहाली टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पारी खेल वे 'वेरी वेरी स्पेशल' साबित हुए. उस मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक विकेट से रोमांचक जीत मिली थी जिसमें लक्ष्मण ने 73 रनों की नाबाद पारी खेली थी. उस वक्तृ उनकी पीठ में भयानक दर्द था.