हैदराबाद : साल 2012 में दिल्ली के बल्लेबाज उन्मुक्त चंद की कप्तानी में भारत की अंडर19 टीम ने अंडर-19 वर्ल्ड कप जीत लिया था. उन्मुक्त से पहले विराट कोहली भी ये कारनामा कर चुके थे. इसी के दम पर विराट ने टीम इंडिया में जगह बना ली थी. लेकिन उन्मुक्त को ऐसा सुनहरा मौका नहीं सका था. एक लाइव सेशन में चंद ने बताया कि दिल्ली में रहते हुए खेलना काफी मुश्किल होता है क्योंकि यहां हर कोई एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ में रहता है.
उन्मुक्त ने दिल्ली की घरेलू टीम में उस तरह का माहौल नहीं मिला जैसी उन्हें उम्मीद थी. उन्मुक्त ने कहा कि दिल्ली की टीम रणजी ट्रॉफी में उतना शानदार प्रदर्शन नहीं कर पाई है क्योंकि वो एकजुट होकर नहीं खेलती. उन्मुक्त ने कहा, "जब मैं अंडर 19 खेलकर दिल्ली के ड्रेसिंग रूम में आया तो मुझे टीम की भावना नहीं दिखीं. लोग एकजुट होकर नहीं खेलते. हालांकि गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ी तब समर्थन करते थे. हाल के सालों में दिल्ली वैसी सफलता हासिल नहीं कर पाई है जैसे की विदर्भ जैसी टीमें कर रही हैं क्योंकि वो एकजुट नहीं है."
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उन्मुक्त ने आगे कहा, "दिल्ली में हर खिलाड़ी अपने लिए खेलता है, टीम के लिए नहीं. खिलाड़ी प्रैक्टिस पर भी आते हैं तो ऐसा नहीं लगता कि टीम साथ में अभ्यास कर रही है. लगता है कि लोग नौकरी पर आए हैं, दो-तीन घंटे का काम पूरा करके अपने रास्ते चले जाएंगे."