हैदराबाद : अंडर-19 भारतीय क्रिकेट टीम और घरेलू क्रिकेट में उत्तर प्रदेश के सलामी बल्लेबाज और विकेटकीपर आर्यन जुयाल ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की है. उन्होंने ईटीवी भारत से बात कर अपने लॉकडाउन रूटीन, 2018 अंडर-19 वर्ल्ड कप की यादें, राहुल द्रविड़ के साथ पहली मुलाकात और सीनियर टीम में जगह बनाने के बारे में चर्चा की. इसके अलावा उन्होंने एमएस धोनी के अलावा पसंदीदा विकेटकीपर बल्लेबाज और कोरोनावायरस के कारण बदले हुए नियम के बारे में अपनी राय रखी.
क्या है लॉकडाउन रूटीन?
18 वर्षीय आर्यन ने कहा, "लॉकडाउन बहुत अच्छा जा रहा है. काफी सालों बाद अपने परिवार के साथ इतना समय बिताने का मौका मिला. मेरा लॉकडाउन काफी प्रोडक्टिव रहा. मैं योगा, मेडिटेशन करता हूं. पहले क्रिकेट नहीं खेल पा रहे थे लेकिन अब थोड़ी राहत मिली है तो मैं थोड़ी बहुत प्रैक्टिस कर पा रहा हूं और अपनी ट्रेनिंग पर पूरा ध्यान दे पा रहा हूं. मुझे मानसिक तौर पर खुद को मजबूत करने का समय मिला."
मेंटल हेल्थ कितनी जरूरी है, इस बारे में आर्यन ने कहा, "मेंटल हेल्थ सबसे ज्यादा जरूरी है क्योंकि बतौर क्रिकेटर आपकी जिंदगी में कई बार ऐसी स्थिति आती है जब बड़े फैसले लेते पड़ते हैं और उन्हीं फैसलों से फर्क पड़ता है. अगर आप मेंटली स्ट्रॉन्ग होंगे तो आप बेहतर तरीके से सोच पाओगे और सही फैसले ले पाओगे. क्रिकेट में हार जीत का सामना करना होता है, इसका सामना करने के लिए आपको मेंटली स्ट्रॉन्ग होना बहुत जरूरी होता है."
2018 अंडर-19 विश्व कप में टीम में चुने जाने की खबर कैसी मिली और क्या था माहौल?
हल्दवानी के रहने वाले जुयाल ने कहा, "चैलेंजर ट्रॉफी के एक दिन बाद टीम ऐलान होनी थी, रात भर नहीं सो पाया था. दिमाग में चल रहा था कि अपना बेस्ट तो किया है लेकिन फिर भी काफी एक्साइटेड था. अगले दिन सुबह 11-12 बजे के करीब फोन आया और हमें पासपोर्ट के साथ बुलाया गया. हम लोग गए, हम 5-6 लोग थे. वहां मैनेजर ने बताया कि मैं टीम में चुना जा चुका हूं. फिर ये खबर मिलने के बाद सबसे पहले मैंने अपने पिता को फोन किया क्योंकि आज मैं जो भी हूं वो उनकी मेहनत की वजह से ही हूं."
कोच राहुल द्रविड़ के साथ पहली मुलाकात कैसी रही?
2018 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए अंडर-19 टीम की कप्तानी कर चुके आर्यन ने कहा, "पहली बार मैं उनके चैलेंजर ट्रॉफी के समय पर मिला था. पहली बार में ही लगा था कि सर जमीन से जुड़े हुए हैं. पहली बार वो प्रैक्टिस सेशन में सामने आए और उन्होंने सबसे पहले कहा कि 'मैं राहुल हूं', हाथ मिलाते हुए. उन्होंने ऐसा कहा तो लगा कि इतने बड़े आदमी है और खुद को ऐसे इंट्रोड्यूज कर रहे हैं, तो पहले ही लगा कि वे बहुत अच्छे हैं. फिर एक-डेढ़ महीना उनके साथ बिताया."
आर्यन ने राहुल द्रविड़ से डांट खाने वाले किस्से के बारे में बताया कि वे अंडर-19 विश्व कप के लिए गए थे और अभ्यास मैच हार गए थे. तब उन्होंने टीम को डांटा था.
आर्यन ने कहा कि उनसे यही सीखा कि एक अच्छा इंसान होना बहुत जरूरी है, डाउन टू अर्थ रहना जरूरी है, हंबल रहना जरूरी है. यही सब चीजें आगे तक जाएंगी.
कब तक सीनियर टीम में जगह बना पाएंगे?
आर्यन ने कहा, "कब तक और क्या होगा ये तो भगवान के हाथ में है. लेकिन अंदर से मुझे विश्वास है कि मैं ये करूंगा. सबसे जरूरी है कि सही रास्ते पर जाना और मेहनत करना. वही सबसे जरूरी है, बाकी रिजल्ट तो मेरे हाथ में नही है. जो मेरे हाथ में है वो मैं कर रहा हूं, मैं मेहनत कर रहा हूं और मेरे एक्सपीरियंस है कि समय अपने हिसाब से बदलता है. जो भी आप मेहनत करते हो उसका फल आपको जरूर मिलता है."
एमएस धोनी के अलावा पसंदीदा विकेटकीपर कौन हैं?
पिछले रणजी ट्रॉफी के सीजन में कर्नाटक के खिलाफ 109 रन बनाने वाले आर्यन ने कहा, "वैसे तो धोनी ही मेरे पसंदीदा विकेटकीपर हैं लेकिन भारतीय विकेटकीपर की बात करूं तो ऋद्धिमान साहा मुझे पसंद हैं. मैंने उनको एनसीए में देखा था. बाहर के खिलाड़ी में जोस बटलर मुझे पसंद हैं. वो एक अच्छे विकेटकीपर के साथ अच्छे बल्लेबाज भी हैं."
कोरोनावायरस के कारण बदले हुए सलाइवा बैन के बारे में क्या राय है?
आर्यन जुयाल ने कहा कि बल्लेबाजों को थोड़ा फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा, "नई गेंद चमकती है लेकिन 20-25 ओवर के बाद सलाइवा लगा कर ही उसके चमकाते हैं. गेंद पर सलाइवा लगाने से डायरेक्ट कॉनटैक्ट हो रहा है. मान लो कि कोई खिलाड़ी संक्रमित है तो दूसरे खिलाड़ी के हाथ में गेंद जाएगी. ऐसे करते करते 11 में से कम से कम 5-6 खिलाड़ियों को हो जाएगा. लेकिन स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए और जो भी नए नियम आएंगे उसके फॉलो करना होगा."