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पेन के पास कप्तान के तौर पर गिनती के दिन बचे, बर्खास्त हुए तो आश्चर्य नहीं होगा: गावस्कर

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Published : Jan 11, 2021, 9:50 PM IST

भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने तीसरे टेस्ट मैच के दौरान सोमवार को रविचंद्रन अश्विन पर छींटाकशी करने पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन की आलोचना कहा कि कप्तान के तौर पर उनका आचरण 'अनुचित' था और इससे उन्हें कप्तानी से हाथ धोना पड़ सकता है.

Sunil Gavaskar, Tim Paine
Sunil Gavaskar

सिडनी: ऑस्ट्रेलिया का शानदार गेंदबाजी आक्रमण पूरी कोशिश करने के बाद भी पांचवें दिन भारतीय बल्लेबाजी को ज्यादा परेशान नहीं कर सका. भारतीय बल्लेबाजों ने धैर्य से खेलते हुए तीसरा टेस्ट ड्रा कराया. गावस्कर ने एक चैनल से बातचीत में कहा, ''मुझे नहीं पता, मैं ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ता नहीं हूं, लेकिन कप्तान के रूप में उनके पास गिनती के दिन बचे है.

Indvs aus
भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी

आप भारतीय टीम को बिना (ज्यादा) विकेट हासिल किए 130 ओवरों तक बल्लेबाजी करने देते है. ये बहुत अच्छा ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण है. आप गेंदबाजी में बदलाव, क्षेत्ररक्षकों को सही जगह खड़ा कर परिणाम को बदल सकते थे.''

पेन ने खुद भी हनुमा विहारी (161 गेंद में 23 रन नाबाद) का कैच टपकाया जिन्होंने रविचंद्रन अश्विन (128 गेंद में 39 रन नाबाद) के साथ 42 ओवर से अधिक बल्लेबाजी कर 62 रन की अटूट साझेदारी की, जिससे मैच ड्रा रहा. पेन ने आखिरी सत्र में हताशा में अश्विन पर छींटाकशी की लेकिन इससे वह अपना ही ध्यान भटका बैठे और विहारी का कैच टपका दिया.

गावस्कर ने कहा, ''टिम पेन अपने क्षेत्ररक्षकों और गेंदबाजी में बदलाव करने के बजाय बल्लेबाज से बात करने में अधिक दिलचस्पी ले रहे थे. सीरीज के खत्म होने के बाद अगर ऑस्ट्रेलियाई कप्तानी में कोई बदलाव होता है तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा.'' पेन ने इस मैच में तीन कैच टपकाए. विहारी से पहले उन्होंने ऋषभ पंत को दो बार जीवन दान दिया.

ये भी पढ़ें- ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी होगा : पोंटिंग

गावस्कर ने कहा, ''आप आसान कैच छोड़ रहे है. दो बार गेंद ने ऋषभ पंत के बल्ले का बाहरी किनारा लिया, वो मुश्किल कैच नहीं था. विहारी के कैच को वह स्लिप के क्षेत्ररक्षक के पास जाने दे सकते थे.''

सिडनी: ऑस्ट्रेलिया का शानदार गेंदबाजी आक्रमण पूरी कोशिश करने के बाद भी पांचवें दिन भारतीय बल्लेबाजी को ज्यादा परेशान नहीं कर सका. भारतीय बल्लेबाजों ने धैर्य से खेलते हुए तीसरा टेस्ट ड्रा कराया. गावस्कर ने एक चैनल से बातचीत में कहा, ''मुझे नहीं पता, मैं ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ता नहीं हूं, लेकिन कप्तान के रूप में उनके पास गिनती के दिन बचे है.

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी

आप भारतीय टीम को बिना (ज्यादा) विकेट हासिल किए 130 ओवरों तक बल्लेबाजी करने देते है. ये बहुत अच्छा ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण है. आप गेंदबाजी में बदलाव, क्षेत्ररक्षकों को सही जगह खड़ा कर परिणाम को बदल सकते थे.''

पेन ने खुद भी हनुमा विहारी (161 गेंद में 23 रन नाबाद) का कैच टपकाया जिन्होंने रविचंद्रन अश्विन (128 गेंद में 39 रन नाबाद) के साथ 42 ओवर से अधिक बल्लेबाजी कर 62 रन की अटूट साझेदारी की, जिससे मैच ड्रा रहा. पेन ने आखिरी सत्र में हताशा में अश्विन पर छींटाकशी की लेकिन इससे वह अपना ही ध्यान भटका बैठे और विहारी का कैच टपका दिया.

गावस्कर ने कहा, ''टिम पेन अपने क्षेत्ररक्षकों और गेंदबाजी में बदलाव करने के बजाय बल्लेबाज से बात करने में अधिक दिलचस्पी ले रहे थे. सीरीज के खत्म होने के बाद अगर ऑस्ट्रेलियाई कप्तानी में कोई बदलाव होता है तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा.'' पेन ने इस मैच में तीन कैच टपकाए. विहारी से पहले उन्होंने ऋषभ पंत को दो बार जीवन दान दिया.

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गावस्कर ने कहा, ''आप आसान कैच छोड़ रहे है. दो बार गेंद ने ऋषभ पंत के बल्ले का बाहरी किनारा लिया, वो मुश्किल कैच नहीं था. विहारी के कैच को वह स्लिप के क्षेत्ररक्षक के पास जाने दे सकते थे.''

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