दुबई: ऑस्ट्रेलिया में इस महीने शुरू हो रहे आईसीसी महिला टी-20 विश्व कप के दौरान फ्रंट-फुट नो बॉल तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा.
आईसीसी ने एक बयान में कहा है कि भारत तथा वेस्टइंडीज में सफल परीक्षण के बाद इस सिस्टम को इंटरनेशनल क्रिकेट में लागू करने का फैसला किया गया है, जिसके तहत तीसरा अंपायर फ्रंट-फुट नो बॉल की निगरानी करेगा.
विश्वकप ट्रॉफी के साथ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी तीसरे अंपायर को प्रत्येक बाल के बाद ये देखना होगा कि गेंदबाज का अगला पैर सही पड़ा था या नहीं. वे हर गेंद के बाद मैदानी अंपायर को सही और गलत की जानकारी देगा.मैदानी अम्पायरों से कहा गया है कि जब तक तीसरा अंपायर न कहे, वे फ्रंट-फुट नो बॉल को लेकर किसी भी प्रकार का निर्णय न दें. मैदानी अम्पायरों के पास हालांकि खेल के दौरान अन्य प्रकार के नो बॉल का फैसला लेने का अधिकार रहेगा.अपने बचपन के हीरो सचिन से मिलीं शेफाली वर्मा, सपना हुआ पूरा
इस तकनीक का इस्तेमाल हाल ही में 12 मैचों के दौरान किया गया. इस दौरान 4717 गेंदें फेंकी गईं और 13 नो बॉल नोटिस किए गए. सभी नो बॉल को लेकर बिल्कुल सटीक फैसला किया गया.
आईसीसी महिला टी-20 विश्व कप का आयोजन 21 फरवरी से होगा और उद्घाटन मुकाबले में मौजूदा चैम्पियन तथा मेजबान ऑस्ट्रेलिया का सामना भारत से होगा.
विश्वकप में भारत के मुकाबले इसके बाद भारत 24 फरवरी को बांग्लादेश का सामना करेगा. साथ ही भारतीय टीम 27 को न्यूजीलैंड से भिड़ेगी और अपने आखिरी ग्रुप स्टेज मैच में भारत का सामना 29 फरवरी को श्रीलंका से होगा.महिला टी20 वर्ल्डकप की सबसे ज्यादा बार विजेता ऑस्ट्रेलिया टीम रही है जिन्होंने चार बार ये खिताब अपने नाम किया है .साथ ही इंग्लैंड और वेस्टइंडीज ने ये खिताब एक-एक बार जीता है. भारत अभी तक एक भी बार इस विश्वकप को नहीं जीत पाया है.