नई दिल्ली : क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर ने मंगलवार को छात्रों के खिलाफ पुलिस बल के इस्तेमाल की आलोचना की. लेकिन कहा कि अगर 'अवांछित तत्व' हिंसा करेंगे तो पुलिस को जवाब देना होगा.
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर गंभीर ने कहा, 'मैंने कहा कि छात्रों पर लाठीचार्ज करना गलत है लेकिन अगर आत्मरक्षा में कुछ हुआ है तो ये गलत नहीं है.'
इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा, 'अगर आप पत्थर फेंकोगे और सार्वजनिक संपत्ति जलाओगे तो पुलिस कुछ ना कुछ जवाब तो देगी. अगर आप शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हो तो कोई समस्या नहीं है. आपके पास इसका अधिकार है.' गंभीर ने कहा, 'आप अपनी समस्याएं रखिए और इन हल निकालना सरकार की जिम्मेदारी है और भविष्य में भी जिम्मेदारी रहेगी.'
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रविवार को इस विवादास्पद कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में जामिया के छात्रों सहित कई प्रदर्शनकारी, पुलिस कर्मचारी और स्थानीय लोग चोटिल हुए. साथ ही दिल्ली परिवहन निगम की चार बसों को जला गया और 100 से अधिक निजी वाहनों पुलिस की 10 मोटरसाइकिलों को नुकसान पहुंचा.
पुलिस की कार्रवाई से नाराज हजारों छात्रों ने सोमवार को सड़कों पर उतरकर जामिया मिलिया इस्लामिया के पुस्तकालय में आंसू गैस के इस्तेमाल और पुलिस के बिना विश्वविद्यालय अधिकारियों की स्वीकृति के परिसर में घुसने की जांच की मांग की. इस कानून के संदर्भ में गौतम गंभीर ने कहा, 'इस तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि ये विधेयक मुस्लिमों के खिलाफ है. ये गलत है. ये विधेयक नागरिकता देने से जुड़ा है नागरिकता छीनने से नहीं.'