नई दिल्ली : पिछले सत्र तक इंडियन प्रीमियर लीग की टीम सनराइजर्स हैदराबाद के कोच रहे मूडी ने कहा कि भारत खिताब का प्रबल दावेदार था लेकिन टीम प्रबंधन प्रतिभा का सही उपयोग करने में नाकाम रहा.
खिलाड़ियों से बहुत अधिक उम्मीद करना
मूडी ने एक क्रिकेट वेबसाइट से कहा, ''भारत को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है उनमें से एक अपने खिलाड़ियों से बहुत अधिक उम्मीद करना है. मुझे नहीं पता कि वे इसे पसंद करते हैं या नहीं. इसमें कोई संदेह नहीं कि क्रिकेट खेलने वाले किसी भी देश की तुलना में भारत के पास अधिक प्रतिभा है लेकिन कभी ये बोझ बन सकती है.''
उन्होंने कहा, ''जब आपको कई खिलाड़ियों में से चयन करना पड़ता है तो आप इस पर मनन कर सकते हैं कि आप अपनी सोच और समझ से किस तरह की योजना बनाना चाहते हैं. आप इस बारे में कैसा सोचते हैं कि एक विशेष टूर्नामेंट को जीतने के लिये आपको कैसा खेलने की जरूरत है.''
बल्लेबाजी क्रम में बदलाव किया
टूर्नामेंट से पहले नंबर चार के बल्लेबाज को लेकर काफी चर्चा रही और अंबाती रायुडू को विवादास्पद परिस्थितियों में टीम से बाहर कर दिया गया था. मूडी ने कहा, ''ऐसा लगता है कि भारत 12 महीने पहले टूर्नामेंट खेलने के लिए तैयार था लेकिन टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले उसने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करके, बल्लेबाजी क्रम में खिलाड़ियों को बदलकर और पूरी टीम में अनिश्चितता पैदा करके टूर्नामेंट जीतने की अपनी उम्मीदों को कायम रखने की अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया.''
विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम ने लीग चरण के नौ में से सात मैच जीते लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में उसे हार का सामना करना पड़ा.