नई दिल्ली: अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी का मानना है कि अगर भारतीय महिला क्रिकेट टीम को विश्व खिताब जीतने के सूखे को खत्म करना है तो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की तरह मानसिक रूप से मजबूत होने की जरूरत है.
पुरुष टीम की तरह भारतीय महिला टीम भी लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की प्रतियोगिताओं के नॉकआउट चरण में जगह बना रही है लेकिन खिताब जीतने में नाकाम रही है.
भारतीय महिला टीम अब तक कोई विश्व खिताब नहीं जीत पाई है. महिला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में सबसे अधिक विकेट चटकाने वाली गेंदबाज झूलन ने मीडिया से कहा, "बेशक यह मानसिकता से जुड़ा मुद्दा है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि खिलाड़ियों में खिताब जीतने की क्षमता नहीं है. पिछले तीन साल से हम अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, बस विश्व खिताब जीतने में नाकाम रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया कहीं आगे है क्योंकि उन्हें पता है कि बड़े मैच कैसे जीते जाते हैं."
भारत ने त्रिकोणीय श्रृंखला और टी20 विश्व कप दोनों के लीग चरण में ऑस्ट्रेलिया को हराया था लेकिन दोनों ही टूर्नामेंटों के फाइनल में उसे इसी टीम के खिलाफ हार झेलनी पड़ी.
झूलन ने कहा, "आपको पता है कि ग्रुप चरण में हार के बाद आप वापसी कर सकते हो लेकिन नॉकआउट में ऐसा नहीं होता. ऐसे हालात में मानसिकता बड़ी भूमिका निभाती है और कौशल से अधिक महत्वपूर्ण होती है."
उन्होंने कहा, "यह दिखाता है कि आप मानसिक रूप से कितने मजबूत हो, आप कैसे अपने आप को नियंत्रित करते हो. अगर आप ऐसा करने में सफल रहते हो तो आप अन्य टीमों से आगे होते हो."
झूलन ने कहा, "महिला टीम को ही नहीं पुरुष और अंडर-19 टीम को भी हाल में फाइनल में हार का सामना करना पड़ा है."
झूलन पुरुष अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में भारत की हार के संदर्भ में बोल रही थीं जबकि सीनियर पुरुष टीम भी 2013 से वैश्विक ट्रॉफी जीतने में नाकाम रही है.
इस भारतीय तेज गेंदबाज का मानना है कि ऑस्ट्रेलियाई महिला टीम की सफलता में महिला बिग बैश लीग का अहम योगदान है जिसने उनकी खिलाड़ियों को अनुभव दिया है और कड़ी प्रतिस्पर्धा में खेलना सिखाया है.
झूलन ने कहा कि भारतीय महिला टीम को भी बेहतर होने के लिए टी20 लीग की जरूरत है. उन्होंने कहा, "आप देखिए आईपीएल (2008) के बाद भारतीय पुरुष क्रिकेट में कितना सुधार हुआ. पहले भारतीय क्रिकेटर और घरेलू क्रिकेटर के बीच अंतर होता था लेकिन आईपीएल के बाद यह बदल गया. युवा खिलाड़ी अब अधिक आत्मविश्वास से भरे नजर आते हैं और उन्हें पता है कि बड़े मंच के दबाव से कैसे निपटना है."