नई दिल्ली: न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति श्रीसंत को दी जाने वाली सजा की अवधि पर तीन महीने के भीतर पुनर्विचार कर सकती है. पीठ ने स्पष्ट किया कि पूर्व क्रिकेटर को सजा देने से पहले उसकी अवधि के बारे में श्रीसंत का पक्ष सुना जाना चाहिए.
सीओए प्रमुख विनोद राय ने कहा, 'हां, मैंने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बारे में सुना. हमें आदेश की प्रति प्राप्त करनी होगी. हम निश्चित रूप से सीओए बैठक में इस मुद्दे को उठाएंगे.
A bench of the Supreme Court, headed by Justice Ashok Bhushan, asked the BCCI to decide afresh on the point of quantum of punishment given to S Sreesanth https://t.co/tYPkyXTX59
— ANI (@ANI) March 15, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) March 15, 2019
सीओए 18 मार्च को होने वाली बैठक में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद अधिकारियों के साथ बोर्ड की डोपिंग रोधी नीति पर चर्चा करेगा. उसी दिन श्रीसंत के प्रतिबंध का मुद्दा भी उठ सकता है. बीसीसीआई के पास अब न्यायाधीश (सेवानिवृत्त्) डी के जैन के रूप में नया लोकपाल और मध्यस्थ पीएस नरसिम्हा है जिससे उम्मीद है कि फैसला जल्दी निकलेगा.
बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना ने स्पष्ट किया कि ये पूरी तरह से सीओए का फैसला होगा क्योंकि इस पर शीर्ष अदालत के आदेश को लागू करने की जिम्मेदारी होगी. खन्ना ने कहा, 'ये उच्चतम न्यायालय का आदेश है और निश्चित रूप से फैसला किए जाने की जरूरत है. मुझे भरोसा है कि सीओए की अगली बैठक में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा होगी. जहां तक श्रीसंत के क्रिकेट की मुख्यधारा में लाए जाने की बात है तो मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता.'
बीसीसीआई के पूर्व उपाध्यक्ष और केरल क्रिकेट संघ के वरिष्ठ अधिकारी टीसी मैथ्यू ने इस फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा, 'मैं श्रीसंत के लिए बहुत खुश हूं. वह अपनी जिंदगी के छह महत्वपूर्ण वर्ष गंवा चुका है. मुझे नहीं लगता कि अगर प्रतिबंध हटा भी लिया गया तो वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल सकता है.
मैथ्यू ने कहा, 'लेकिन अगर बीसीसीआई उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद उसका प्रतिबंध हटा देता है तो वह क्रिकेट संबंधित करियर अपना सकता है. वह कोच, मेंटोर, या फिर पेशेवर अंपायरिंग में हाथ आजमा सकता है, वह इंग्लैंड में भी क्लब क्रिकेट खेल सकता है.