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रवि शास्त्री ने सचिन को दी थी डेब्यू टेस्ट में ये सलाह, कहा- आप सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों के खिलाफ खेल रहे हो - INDvsPAK

सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है, लेकिन सचिन के करियर का पहला ही टेस्ट सही नहीं रहा था, क्योंकि उन्हें अपने पहले ही मैच में वसीम अकरम और वकार यूनिस जैसे दिग्गज गेंदबाजों का सामना करना पड़ा था.

Ravi Shastri, Sachin Tendulkar
Ravi Shastri, Sachin Tendulkar
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Published : Apr 26, 2020, 8:48 AM IST

मुंबई : दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कोच रवि शास्त्री की सुझाव ने उनके लिए सबकुछ बदल दिया और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

सचिन ने एक स्पोटर्स चैनल में बातचीत के दौरान कहा, "मुझे नहीं पता था और मुझे ये मानना पड़ेगा. मैंने पहला टेस्ट मैच ऐसे खेला, जैसे कि मानो मैं स्कूल मैच खेल रहा था."

sachin
सचिन तेंदुलकर

वे छोटी गेंदों से डरा रहे थे

उन्होंने कहा, " वसीम और वकार तेजी से गेंदबाजी कर रहे थे और वे छोटी गेंदों से डरा रहे थे. मैंने ऐसा कुछ पहले कभी नहीं महसूस किया था, इसलिए पहला मैच सुखद नहीं था. उनकी गति और बाउंस से मैं मात खा गया और आखिरकार मैं 15 रन पर आउट हो गया. ऐसा लगा कि यह मेरा पहला और आखिरी मैच था. मैं बहुत उदास था." सचिन को हैरान और परेशान देख टीम के खिलाड़ियों में से शास्त्री ने उनसे बात की.

उनकी क्षमता और उनके कौशल का सम्मान करने की जरूरत है

सचिन ने कहा, " टीम साथियों को ये एहसास हुआ. मुझे अभी भी शाास्त्री के साथ हुई बातचीत याद है. उन्होंने मुझसे कहा- आपने ऐसा खेला जैसे कि यह एक स्कूल मैच हो. आपको याद रखना होगा कि आप सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों के खिलाफ खेल रहे हों. आपको उनकी क्षमता और उनके कौशल का सम्मान करने की जरूरत है."

Team India
भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी

पूर्व बल्लेबाज ने कहा, " तब मैंने रवि से कहा कि मैं उनके (पाकिस्तानी गेंदबाजों की गति) से मात खा जाता हूं. उन्होंने मुझसे कहा कि ऐसा होता है और आपको घराबने की जरूरत नहीं है. आपको बस आधे घंटे क्रीज पर बिताने की जरूरत है और तब आप उनकी गति के साथ तालमेल बिठा पाएंगे और सबकुछ सही हो जाएगा."

शास्त्री की इस सलाह के बाद सचिन ने फैसलाबाद में खेले गए अगले मैच में 59 रनों की पारी खेली थी.

मुंबई : दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कोच रवि शास्त्री की सुझाव ने उनके लिए सबकुछ बदल दिया और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

सचिन ने एक स्पोटर्स चैनल में बातचीत के दौरान कहा, "मुझे नहीं पता था और मुझे ये मानना पड़ेगा. मैंने पहला टेस्ट मैच ऐसे खेला, जैसे कि मानो मैं स्कूल मैच खेल रहा था."

sachin
सचिन तेंदुलकर

वे छोटी गेंदों से डरा रहे थे

उन्होंने कहा, " वसीम और वकार तेजी से गेंदबाजी कर रहे थे और वे छोटी गेंदों से डरा रहे थे. मैंने ऐसा कुछ पहले कभी नहीं महसूस किया था, इसलिए पहला मैच सुखद नहीं था. उनकी गति और बाउंस से मैं मात खा गया और आखिरकार मैं 15 रन पर आउट हो गया. ऐसा लगा कि यह मेरा पहला और आखिरी मैच था. मैं बहुत उदास था." सचिन को हैरान और परेशान देख टीम के खिलाड़ियों में से शास्त्री ने उनसे बात की.

उनकी क्षमता और उनके कौशल का सम्मान करने की जरूरत है

सचिन ने कहा, " टीम साथियों को ये एहसास हुआ. मुझे अभी भी शाास्त्री के साथ हुई बातचीत याद है. उन्होंने मुझसे कहा- आपने ऐसा खेला जैसे कि यह एक स्कूल मैच हो. आपको याद रखना होगा कि आप सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों के खिलाफ खेल रहे हों. आपको उनकी क्षमता और उनके कौशल का सम्मान करने की जरूरत है."

Team India
भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी

पूर्व बल्लेबाज ने कहा, " तब मैंने रवि से कहा कि मैं उनके (पाकिस्तानी गेंदबाजों की गति) से मात खा जाता हूं. उन्होंने मुझसे कहा कि ऐसा होता है और आपको घराबने की जरूरत नहीं है. आपको बस आधे घंटे क्रीज पर बिताने की जरूरत है और तब आप उनकी गति के साथ तालमेल बिठा पाएंगे और सबकुछ सही हो जाएगा."

शास्त्री की इस सलाह के बाद सचिन ने फैसलाबाद में खेले गए अगले मैच में 59 रनों की पारी खेली थी.

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