नई दिल्ली: युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा निलंबित किए जाने से वे निराश हैं, लेकिन वह अपने किए की पूरी जिम्मेदारी लेने को भी तैयार हैं.
गौरतलब है कि बीसीसीआई ने शॉ को डोपिंग नियमों का उल्लंघन करने के कारण निलंबित कर दिया है. बीसीसीआई ने शॉ को 15 नवंबर तक के लिए निलंबित किया है.
शॉ ने एक बयान जारी कर कहा, "मुझे आज पता चला कि मैं नवंबर-2019 तक क्रिकेट नहीं खेल पाऊंगा."
उन्होंने कहा, "यह इसलिए हुआ क्योंकि मैंने खांसी की दवाई ली थी जिसमें प्रतिबंधित पदार्थ मिला हुआ था जिसके बारे में मुझे जानकारी नहीं थी. मैंने यह दवाई इंदौर में फरवरी 2019 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेलने के दौरान ली थी."
इस युवा बल्लेबाज ने कहा, "मैं उस समय अपने पैर की चोट से वापसी कर चुका था जो मुझे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर लगी थी. मैं इस टूर्नामेंट के जरिए वापसी की चाहत में था लेकिन खेलने की जल्दबाजी में मैंने प्रोटोकॉल को माना नहीं और गलती से वो दवाई पी ली.
मैं पूरी गंभीरता से अपनी गलती स्वीकार करता हूं. मैं अभी भी चोट से जूझ रहा हूं जो मुझे पिछले टूर्नामेंट में लगी थी, ऐसे में इस खबर ने मुझे परेशान कर दिया है. मुझे इसे मानना होगा और उम्मीद करता हूं इससे खेल जगत को इस बात की प्ररेणा मिलेगी कि भारत में हम खिलाड़ियों को किसी भी तरह की दवाई लेने के मामले में काफी सतर्क रहना होगा और प्रोटोकॉल का पालन करना होगा."
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शॉ ने कहा, "मैं बीसीसीआई का समर्थन के लिए शुक्रिया अदा करता हूं साथ ही अपने करीबी लोगों का भी जो हमेशा मेरे साथ खड़े रहे. क्रिकेट मेरी जिंदगी है और मेरे लिए अपने देश तथा मुंबई के लिए खेलने से बड़े गर्व की बात कुछ नहीं हो सकती. मैं इससे मजबूती से वापसी करूंगा."
बीसीसीआई ने मंगलवार को ही एक बयान जारी कर शॉ के निलंबन की जानकारी दी, बोर्ड ने कहा कि शॉ ने अनजाने में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन किया जो आमतौर पर खांसी की दवा में पाया जाता है.