साउथम्पटन : अफगानिस्तान के स्पिनरों के सामने भारतीय मध्यक्रम रन बनाने के लिए संघर्ष करता दिखा और दो बार की चैम्पियन टीम 50 ओवर में 8 विकेट पर 224 रन ही बना सकी.
अफगानिस्तान जीत के काफी करीब पहुंच गया था जिसे आखिरी ओवर में 16 रन चाहिए थे और मोहम्मद नबी (55 गेंद में 52 रन) टीम को टूर्नामेंट की पहली जीत काफी करीब ले आए थे. अंतिम ओवरों में जसप्रीत बुमराह की शानदार गेंदबाजी के बाद 50वें ओवर में मोहम्मद शमी की हैट्रिक से भारत ने इस मैच को 11 रन से अपने नाम किया.
तेंदुलकर को धोनी और केदार की साझेदारी से हुई निराशा
तेंदुलकर ने कहा, 'मुझे थोड़ा निराशा हुई, ये बेहतर हो सकता था. मुझे केदार और धोनी की साझेदारी से भी निराशा हुई जो काफी धीमी थी. हमने स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ 34 ओवर बल्लेबाजी की और 119 रन बनाए. ये एक ऐसा पहलू है जहां हम बिल्कुल भी सहज नहीं दिखे. सकारात्मक रवैये की कमी दिखी.
धोनी और जाधव ने पांचवें विकेट लिए 84 गेंद में सिर्फ 57 रन की साझेदारी की जिसमें धोनी का योगदान 36 गेंद में 24 रन जबकि जाधव ने इस दौरान 48 गेंद में 31 रन बनाए.
भारतीय टीम ज्यादा रन नहीं बना सकी
तेंदुलकर ने कहा, 'हर ओवर में दो तीन से अधिक डॉट गेंद हो रही थी. कोहली पारी के 38वें ओवर में आउट हुए और 45वें ओवर तक भारतीय टीम ज्यादा रन नहीं बना सकी. मध्यक्रम के बल्लेबाजों को हालांकि अभी तक ज्यादा मौके नहीं मिले हैं, जिससे वे दबाव में थे. मध्यक्रम के बल्लेबाजों को हालांकि बेहतर रवैया दिखाना चाहिए था.
धोनी को जिम्मेदारी उठानी चाहिए थी
टूर्नामेंट में पहली बार भारतीय टीम का शीर्ष क्रम लड़खड़ा गया हालांकि कप्तान विराट कोहली ने 67 रन बनाए. तेंदुलकर ने कहा कि जाधव को अब तब बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था और ऐसे में धोनी को जिम्मेदारी उठानी चाहिए थी. जाधव ने टूर्नामेंट में इससे पहले पाकिस्तान के खिलाफ आठ गेंदों का सामना किया था.
उन्होंने कहा, 'जाधव दबाव में थे. उन्हें इससे पहले बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था. उन्हें किसी ऐसे साझेदार की जरूरत थी जो शुरूआत में जिम्मेदारी ले सके लेकिन ऐसा नहीं हुआ.