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सचिन तेंदुलकर ने बताया, टेस्ट क्रिकेट में रोहित कैसे बन सकते हैं 'सहवाग'

सचिन तेंदुलकर ने पहले टेस्ट मैच में सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा के शतक जड़ने पर रोहित को वीरेंदर सहवाग सरीखा बताया. सचिन ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में एक सलामी बल्लेबाज की भूमिका के लिए एक अलग सोच चाहिए क्योंकि यहां आपको अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन, निरंतरता के साथ करना होता है.

Sachin
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Published : Oct 3, 2019, 9:42 AM IST

Updated : Oct 3, 2019, 9:59 AM IST

हैदराबाद : भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए पहले टेस्ट मैच में सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा के शतक जड़ने पर बधाई दी साथ ही साथ जिस तरह की मानसिकता से रोहित ओपन करने उतरे उसको वीरेंदर सहवाग सरीखा बताया. सचिन ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में एक सलामी बल्लेबाज की भूमिका के लिए एक अलग सोच चाहिए क्योंकि यहां आपको अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना होता और निरंतरता बनाए रखनी पड़ती है.

सचिन और सहवाग
सचिन और सहवाग
तेंदुलकर ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कहा कि टेस्ट क्रिकेट में ओपन कर, सफल होना बल्लेबाज की मानसिकता पर निर्भर करता है.

सहवाग के बारे में मास्टर बलास्टर ने कहा कि उनके पास मानसिकता भी थी और क्षमता भी लेकिन उनकी मानसिकता दूसरे बल्लेबाजों से अलग थी. टेस्ट हो या वनडे वो एक ही तरह से बल्लेबाजी करते है. वो काफी आक्रामक बल्लेबाज थे और ऐसा बनना आसान नहीं होता है.

200 टेस्ट मैच खेलकर रिकॉर्ड बनाने वाले सचिन ने कहा कि ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो आक्रामक खेल खेलना चाहते है पर उसके लिए निरंतरना जरूरी है. सहवाग ऐसे थे. सलामी बल्लेबाजी के लिए ही सहवाग बने थे. रोहित के लिए हमे अभी इंतजार करना होगा और देखना होगा कि ये 'सहवाग मॉडल' में रोहित कैसा करते हैं.

एक टेस्ट क्रिकेटर के तौर पर सहवाग का सामना बुरे दौर से भी हुआ था लेकिन उन्होंने अपना रवैया नहीं बदला. जिसका कारण टीम मैनेजमेंट था की उन्होंने लगातार सहवाग को मौका दिया और उन्हें टीम में बनाये रखने का भरोसा दिलाया.

हैदराबाद : भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए पहले टेस्ट मैच में सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा के शतक जड़ने पर बधाई दी साथ ही साथ जिस तरह की मानसिकता से रोहित ओपन करने उतरे उसको वीरेंदर सहवाग सरीखा बताया. सचिन ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में एक सलामी बल्लेबाज की भूमिका के लिए एक अलग सोच चाहिए क्योंकि यहां आपको अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना होता और निरंतरता बनाए रखनी पड़ती है.

सचिन और सहवाग
सचिन और सहवाग
तेंदुलकर ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कहा कि टेस्ट क्रिकेट में ओपन कर, सफल होना बल्लेबाज की मानसिकता पर निर्भर करता है.

सहवाग के बारे में मास्टर बलास्टर ने कहा कि उनके पास मानसिकता भी थी और क्षमता भी लेकिन उनकी मानसिकता दूसरे बल्लेबाजों से अलग थी. टेस्ट हो या वनडे वो एक ही तरह से बल्लेबाजी करते है. वो काफी आक्रामक बल्लेबाज थे और ऐसा बनना आसान नहीं होता है.

200 टेस्ट मैच खेलकर रिकॉर्ड बनाने वाले सचिन ने कहा कि ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो आक्रामक खेल खेलना चाहते है पर उसके लिए निरंतरना जरूरी है. सहवाग ऐसे थे. सलामी बल्लेबाजी के लिए ही सहवाग बने थे. रोहित के लिए हमे अभी इंतजार करना होगा और देखना होगा कि ये 'सहवाग मॉडल' में रोहित कैसा करते हैं.

एक टेस्ट क्रिकेटर के तौर पर सहवाग का सामना बुरे दौर से भी हुआ था लेकिन उन्होंने अपना रवैया नहीं बदला. जिसका कारण टीम मैनेजमेंट था की उन्होंने लगातार सहवाग को मौका दिया और उन्हें टीम में बनाये रखने का भरोसा दिलाया.

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सचिन तेंदुलकर ने बताया, टेस्ट क्रिकेट में रोहित कैसे बन सकते हैं 'सहवाग'





भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए पहले टेस्ट मैच में सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा के शतक जड़ने पर बधाई दी साथ ही साथ जिस तरह की मानसिकता से रोहित ओपन करने उतरे उसको वीरेंदर सहवाग सरीखा बताया. सचिन ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में एक सलामी बल्लेबाज की भूमिका के लिए एक अलग सोच चाहिए क्योंकि यहां आपको अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना होता और निरंतरता बनाए रखनी पड़ती है. 

तेंदुलकर ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कहा कि टेस्ट क्रिकेट में ओपन कर, सफल होना बल्लेबाज की मानसिकता पर निर्भर करता है. 



सहवाग के बारे में मास्टर बलास्टर ने कहा कि उनके पास मानसिकता भी थी और क्षमता भी लेकिन उनकी मानसिकता दूसरे बल्लेबाजों से अलग थी. टेस्ट हो या वनडे वो एक ही तरह से बल्लेबाजी करते है. वो काफी आक्रामक बल्लेबाज थे और ऐसा बनना आसान नहीं होता है. 

200 टेस्ट मैच खेलकर रिकॉर्ड बनाने वाले सचिन ने कहा कि ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो आक्रामक खेल खेलना चाहते है पर उसके लिए निरंतरना जरूरी है. सहवाग ऐसे थे. सलामी बल्लेबाजी के लिए ही सहवाग बने थे. रोहित के लिए हमे अभी इंतजार करना होगा और देखना होगा कि ये 'सहवाग मॉडल' में रोहित कैसा करते हैं. 

एक टेस्ट क्रिकेटर के तौर पर सहवाग का सामना बुरे दौर से भी हुआ था लेकिन उन्होंने अपना रवैया नहीं बदला. जिसका कारण टीम मैनेजमेंट था की उन्होंने लगातार सहवाग को मौका दिया और उन्हें टीम में बनाये रखने का भरोसा दिलाया. 


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Last Updated : Oct 3, 2019, 9:59 AM IST
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