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गुरु पूर्णिमा के दिन तेंदुलकर ने कोच आचरेकर को किया याद

सचिन तेंदुलकर ने गुरु पूर्णिमा के दिन अपने कोच रमाकांत आचरेकर को याद किया और कहा कि मैं आज जो हूं वो बनाने के लिए धन्यवाद आचरेकर सर.'

Sachin Tendulkar
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Published : Jul 16, 2019, 7:42 PM IST

मुंबई: पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने गुरु पूर्णिमा के दिन अपने कोच रमाकांत आचरेकर को याद किया करते हुए ट्वीट कर लिखा, 'गुरु वो होता है जो अपने छात्र के जीवन में से अज्ञानता के अंधकार को दूर करता है. वो गुरु और मार्गदर्शक बनने तथा मैं आज जो हूं वो बनाने के लिए धन्यवाद आचरेकर सर.'

सचिन तेंदुलकर का ट्वीट
सचिन तेंदुलकर का ट्वीट

आपको बता दें आचरेकर ने सचिन और उनके बचपन के दोस्त विनोद कांबली को बचपन से क्रिकेट के गुर सिखाए और भारतीय टीम के दरवाजे पर पहुंचाया. उनका इसी साल जनवरी में देहांत हो गया था.

87 साल के आचरेकर ने दादर में अपने घर में अंतिम सांस ली थी.

आचरेकर को 2010 में पद्मश्री और 1990 में द्रोणाचार्य अवार्ड मिला था. सचिन और कांबली के अलावा आचरेकर ने विदर्भ को दो बार रणजी ट्रॉफी का खिताब दिलाने वाले चंद्रकांत पंडित जैसे कई अन्य खिलाड़ियों को क्रिकेट के गुर सिखाए थे.

मुंबई: पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने गुरु पूर्णिमा के दिन अपने कोच रमाकांत आचरेकर को याद किया करते हुए ट्वीट कर लिखा, 'गुरु वो होता है जो अपने छात्र के जीवन में से अज्ञानता के अंधकार को दूर करता है. वो गुरु और मार्गदर्शक बनने तथा मैं आज जो हूं वो बनाने के लिए धन्यवाद आचरेकर सर.'

सचिन तेंदुलकर का ट्वीट
सचिन तेंदुलकर का ट्वीट

आपको बता दें आचरेकर ने सचिन और उनके बचपन के दोस्त विनोद कांबली को बचपन से क्रिकेट के गुर सिखाए और भारतीय टीम के दरवाजे पर पहुंचाया. उनका इसी साल जनवरी में देहांत हो गया था.

87 साल के आचरेकर ने दादर में अपने घर में अंतिम सांस ली थी.

आचरेकर को 2010 में पद्मश्री और 1990 में द्रोणाचार्य अवार्ड मिला था. सचिन और कांबली के अलावा आचरेकर ने विदर्भ को दो बार रणजी ट्रॉफी का खिताब दिलाने वाले चंद्रकांत पंडित जैसे कई अन्य खिलाड़ियों को क्रिकेट के गुर सिखाए थे.

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मुंबई: पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने गुरु पूर्णिमा के दिन अपने कोच रमाकांत आचरेकर को याद किया करते हुए ट्वीट कर लिखा, 'गुरु वो होता है जो अपने छात्र के जीवन में से अज्ञानता के अंधकार को दूर करता है. वो गुरु और मार्गदर्शक बनने तथा मैं आज जो हूं वो बनाने के लिए धन्यवाद आचरेकर सर.'



आपको बता दें आचरेकर ने सचिन और उनके बचपन के दोस्त विनोद कांबली को बचपन से क्रिकेट के गुर सिखाए और भारतीय टीम के दरवाजे पर पहुंचाया. उनका इसी साल जनवरी में देहांत हो गया था.



87 साल के आचरेकर ने दादर में अपने घर में अंतिम सांस ली थी.



आचरेकर को 2010 में पद्मश्री और 1990 में द्रोणाचार्य अवार्ड मिला था. सचिन और कांबली के अलावा आचरेकर ने विदर्भ को दो बार रणजी ट्रॉफी का खिताब दिलाने वाले चंद्रकांत पंडित जैसे कई अन्य खिलाड़ियों को क्रिकेट के गुर सिखाए थे.


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