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इन 3 काबिलियत की वजह से शास्त्री के सिर फिर सजा हेड कोच का ताज!

इन तीन बड़े कारणों की वजह से विराट कोहली ने भी रवि शास्त्री को ही हेड कोच बनते देखना चाहा था. अब जब वे टीम इंडिया के हेड कोच दोबारा बन गए हैं तो जानते हैं उनमें क्या है वो तीन बड़ी काबिलियत.

ravi
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Published : Aug 17, 2019, 9:37 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 6:31 AM IST

मुंबई : भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच के तौर पर एक बार फिर रवि शास्त्री को चुना गया है. ये फैसला क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी ने शुक्रवार को मुंबई में सुनाया. आपको बता दें कि रवि शास्त्री के कार्यकाल में टीम इंडिया ने कई उपलब्धियां हालिस कीं लेकिन कई बड़ी हार का भी सामना किया, लेकिन फिर भी शास्त्री की इन तीन काबिलियत के कारण उनको दोबारा टीम इंडिया से जोड़ा गया है-

1) संवाद करने की क्षमता : रवि शास्त्री की इस योग्यता पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता. टीम को साथ लेकर चलना और उनसे संवाद करना, अपनी बात समझाना और उनकी बात सुनना रवि शास्त्री की शानदार योग्यता है. खिलाड़ियों का कहना है कि रवि भाई से कोई भी बात शुरू करना बहुत आसान है. आपको पता होता है कि वो आपकी पूरी बात सुनेंगे और सर्वश्रेष्ठ सुझाव देंगे. केवल खिलाड़ियों ही नहीं बीसीसीआई से भी बात संवाद करने के तौर तरीके के कारण सीएसी की हेड कोच बनने के लिए पहली पसंद रवि शास्त्री थे.

रवि शास्त्री और विराट कोहली
रवि शास्त्री और विराट कोहली
2) हर खिलाड़ी पर खासा ध्यान देना : मोहम्मद शमी पर चले क्रिमिनल केस हो या चेतेश्वर पुजारा के नंबर-3 पर आने की बात हो, जसप्रीत बुमराह को रेड बॉल क्रिकेट में लाना हो या हार्दिक पांड्या को स्पेस और आत्मविश्वास दिलाना हो, रवि शास्त्री ने सभी को बेहतरीन तरीके से संभाला है.

यह भी पढ़ें- हेड कोच न बन पाने के बाद रवि शास्त्री के लिए हेसन ने किया ऐसा ट्वीट

3) युवाओं को मौका देना : बतौर हेड कोच रवि शास्त्री ने हमेशा युवा खिलाड़ियों पर विश्वास जताया है. ऋषभ पंत, पृथ्वी शॉ और जसप्रीत बुमराह को टेस्ट क्रिकेट में लाना रवि शास्त्री का प्लान था.

मुंबई : भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच के तौर पर एक बार फिर रवि शास्त्री को चुना गया है. ये फैसला क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी ने शुक्रवार को मुंबई में सुनाया. आपको बता दें कि रवि शास्त्री के कार्यकाल में टीम इंडिया ने कई उपलब्धियां हालिस कीं लेकिन कई बड़ी हार का भी सामना किया, लेकिन फिर भी शास्त्री की इन तीन काबिलियत के कारण उनको दोबारा टीम इंडिया से जोड़ा गया है-

1) संवाद करने की क्षमता : रवि शास्त्री की इस योग्यता पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता. टीम को साथ लेकर चलना और उनसे संवाद करना, अपनी बात समझाना और उनकी बात सुनना रवि शास्त्री की शानदार योग्यता है. खिलाड़ियों का कहना है कि रवि भाई से कोई भी बात शुरू करना बहुत आसान है. आपको पता होता है कि वो आपकी पूरी बात सुनेंगे और सर्वश्रेष्ठ सुझाव देंगे. केवल खिलाड़ियों ही नहीं बीसीसीआई से भी बात संवाद करने के तौर तरीके के कारण सीएसी की हेड कोच बनने के लिए पहली पसंद रवि शास्त्री थे.

रवि शास्त्री और विराट कोहली
रवि शास्त्री और विराट कोहली
2) हर खिलाड़ी पर खासा ध्यान देना : मोहम्मद शमी पर चले क्रिमिनल केस हो या चेतेश्वर पुजारा के नंबर-3 पर आने की बात हो, जसप्रीत बुमराह को रेड बॉल क्रिकेट में लाना हो या हार्दिक पांड्या को स्पेस और आत्मविश्वास दिलाना हो, रवि शास्त्री ने सभी को बेहतरीन तरीके से संभाला है.

यह भी पढ़ें- हेड कोच न बन पाने के बाद रवि शास्त्री के लिए हेसन ने किया ऐसा ट्वीट

3) युवाओं को मौका देना : बतौर हेड कोच रवि शास्त्री ने हमेशा युवा खिलाड़ियों पर विश्वास जताया है. ऋषभ पंत, पृथ्वी शॉ और जसप्रीत बुमराह को टेस्ट क्रिकेट में लाना रवि शास्त्री का प्लान था.

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इन 3 काबिलियत की वजह से शास्त्री के सिर सजा हेड कोच का ताज!





भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच के तौर पर एक बार फिर रवि शास्त्री को चुना गया है. ये फैसला क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी ने शुक्रवार को मुंबई में सुनाया. आपको बता दें कि रवि शास्त्री के कार्यकाल में टीम इंडिया ने कई उपलब्धियां हालिस कीं लेकिन कई बड़ी हार का भी सामना किया, लेकिन फिर भी शास्त्री की इन तीन काबिलियत के कारण उनको दोबारा टीम इंडिया से जोड़ा गया है-

1) संवाद करने की क्षमता : रवि शास्त्री की इस योग्यता पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता. टीम को साथ लेकर चलना और उनसे संवाद करना, अपनी बात समझाना और उनकी बात सुनना रवि शास्त्री की शानदार योग्यता है. खिलाड़ियों का कहना है कि रवि भाई से कोई भी बात शुरू करना बहुत आसान है. आपको पता होता है कि वो आपकी पूरी बात सुनेंगे और सर्वश्रेष्ठ सुझाव देंगे. केवल खिलाड़ियों ही नहीं बीसीसीआई से भी बात संवाद करने के तौर तरीके के कारण सीएसी की हेड कोच बनने के लिए पहली पसंद रवि शास्त्री थे.

2) हर खिलाड़ी पर खासा ध्यान देना : मोहम्मद शमी पर चले क्रिमिनल केस हो या चेतेश्वर पुजारा के नंबर-3 पर आने की बात हो, जसप्रीत बुमराह को रेड बॉल क्रिकेट में लाना हो या हार्दिक पांड्या को स्पेस और आत्मविश्वास दिलाना हो, रवि शास्त्री ने सभी को बेहतरीन तरीके से संभाला है.

3) युवाओं को मौका देना : बतौर हेड कोच रवि शास्त्री ने हमेशा युवा खिलाड़ियों पर विश्वास जताया है. ऋषभ पंत, पृथ्वी शॉ और जसप्रीत बुमराह को टेस्ट क्रिकेट में लाना रवि शास्त्री का प्लान था.


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Last Updated : Sep 27, 2019, 6:31 AM IST

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