हैदराबाद : पाकिस्तान क्रिकेट टीम के विवादित स्पिनर गेंदबाज दानिश कनेरिया ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की और कई बड़े मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने अपने आजीवन बैन को लेकर, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड, इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के अलावा भारतीय नागरिकता के बारे में भी बात की. दानिश के अलावा उनकी पत्नी धर्मिता कनेरिया भी ईटीवी से जुड़े और उन्होंने बताया कि किस तरह दानिश ने किस तरह अपने बुरे दौर का सामना किया था.
किस तरह बुरे दौर का किया सामना?
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए क्रिकेट खेल चुके दानिश कनेरिया की पत्नी धर्मिता कनेरिया ने कहा, "ये बिलकुल भी आसान नहीं था, न हमारे लिए और न ही दानिश के लिए. शुरू के दिन तो बहुत ज्यादा मुश्किल थे. लाइफ बैन इनके लिए बहुत सख्त था और आज भी है. वो करियर के टॉप पर थे फिर अचानक सबकुछ खत्म हो गया, दानिश ने अपने लिए सारे दरवाजे बंद कर दिए थे. बाहर जाना, जिम जाना कुछ नहीं करते थे. वे मानसिक तौर से काफी परेशान हो गए थे."
धर्मिता ने कहा कि भविष्य के बारे में सोचने से ज्यादा जरूरी ये था कि किस तरह वे दानिश को उस डिप्रेशन से बाहर निकाल पातीं. उन्होंने बताया, "ऐसे में हम कमजोर पड़ ही नहीं सकते थे. हमको स्ट्रॉन्ग बनना था ताकि दानिश ये समझ पाएं कि जो हुआ सो हुआ. यही वजह है कि ये आज भी सबसे सामने इस तरह डट कर खड़े हैं. अब वो समझ गए हैं कि किस तरह लड़ना है और किस तरह खुद को संभालना है."
पीसीबी को पत्र लिखा था, कोई जवाब नहीं आया
आपको बता दें कि हाल ही में दानिश ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को पत्र लिख कर घरेलू क्रिकेट खेलने देने के लिए आग्रह किया था. दानिश ने इस बारे में बोला कि अब तक पीसीसी से कोई जवाब नहीं आया है.
पाकिस्तान के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में चौथे नंबर पर स्थित दानिश (261 विकेट) ने कहा, "इंसान से गलती होती है, अब आगे बढ़ना चाहिए. मैं आगे बढ़ना चाहता हूं लेकिन वो लोग सुनना ही नहीं चाहते. मैं किस तरह से बात करूं. मैं जीना चाहता हूं, यहां नेपोटिज्म हो रहा है, ऐसा माहौल बना रहे हो कि इंसान खुद की जान ले ले. यही इदारे हैं जो इंसान को मारती हैं, इंसान खुद को नहीं मरता. मैंने इतने पत्र लिखे मैंने पीसीबी, ईसीबी और आईसीसी को फिर भी कुछ नहीं हो पा रहा."
ईसीबी को क्यों नहीं बैन हटाने के लिए पत्र?
कराची के रहने वाले कनेरिया ने कहा, "जो मैंने पत्र लिखा वो मेरी वकीलों के जरिए आगे गया है. इसमें कानून है. आईसीसी के पास आजीवन बैन को लेकर कोई कानून नहीं है लेकिन उसमें एक आर्टिल 6 है जो आपको इजाजत देता है कि जो खिलाड़ी पर बैन लगा है उसे हटाने के लिए आईसीसी से आग्रह कर सकता है और ये बैन भी हटा सकता है. मैंने यही बात उनको लिखी और आज दो हफ्ते हो गए और इसका जवाब तक नहीं आया है."
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) को लेकर दानिश ने कहा, "ईसीबी ने मुझे घरेलू क्रिकेट से बैन किया है, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बैन नहीं किया है. लोग कहते हैं कि मैंने मुल्क को बेचा, मैंने मुल्क को नहीं बेचा और न पैसे खाए. यहां तो लोग मुल्क को बेच-बेच कर, गद्दर हो कर मुल्क को चलाने आ जाते हैं और क्रिकेट भी खेलने लग जाते हैं और बड़े-बड़े पद पर बैठ हैं."
भारतीय नागरिता पाने के बारे में कही ये बात
दानिश ने साफ किया कि भारत में आ कर रहने का बुलावा आता है, उन्होंने कहा, "मैंने अपने देश के लिए क्रिकेट खेला, बहुत कुछ पाया यहां, इससे बढ़ कर कुछ सोच नहीं सकता. मेरी लड़ाई बोर्ड के साथ है, यहां इतने दोस्त हैं इतने फैंस है, सब मुझे बहुत प्यार करते हैं और सपोर्ट भी करते हैं. बात अगर रहने की आती है तो कुछ नहीं पता कि भविष्य में क्या होने वाला है, हमारे नसीब में कहां का दाना-पानी लिखा है. पहले तो इस स्थिति से निकलना है उसके बाद देखते हैं क्या करना है."