एडिलेड : महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि विराट कोहली की गैरमौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी तीन टेस्ट में अगर अजिंक्य रहाणे को भारत की कप्तानी दी जाती है तो उस पर कोई दबाव नहीं होगा. कोहली एडीलेड में होने वाले पहले टेस्ट के बाद पितृत्व अवकाश पर स्वदेश लौट आयेंगे. बाकी तीन टेस्ट में रहाणे को कप्तानी दिये जाने की संभावना है.
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गावस्कर ने कहा, "अजिंक्य रहाणे पर कोई दबाव नहीं है क्योंकि उसने दो बार भारत की कप्तानी की और दोनों बार विजयी रहा. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला में उसकी कप्तानी में भारत जीता और फिर अफगानिस्तान के खिलाफ भी जीत दर्ज की."
उन्होंने कहा, "जहां तक उसकी कप्तानी का सवाल है तो कोई दबाव नहीं होगा क्योंकि उसे पता है कि अगले तीन टेस्ट मैचों के लिये वह कार्यवाहक कप्तान ही होगा."
गावस्कर ने कहा, "इसलिये मुझे नहीं लगता कि कप्तानी को लेकर वह ज्यादा सोच रहा होगा." रहाणे ने दोनों अभ्यास मैचों में भारत की कप्तानी की जो ड्रॉ रहे.
गावस्कर ने कहा, "वह उतनी ही ईमानदारी से कप्तानी करेगा, जैसे बल्लेबाजी करता है. वह क्रीज पर पुजारा को विरोधी पर दबाव बनाने का मौका देगा और खुद उसका साथ देगा."
पुजारा 2018-19 में खेली गई सीरीज में 521 रन बनाकर 'प्लेयर आफ द सीरीज' थे. भारत ने वह सीरीज 2-1 से जीती थी. गावस्कर का मानना है कि भारत को अगर आगामी सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करना है तो पुजारा को लंबी पारियां खेलनी होगी.
उन्होंने कहा, "आगे 20 दिन के टेस्ट क्रिकेट में से मैं चाहूंगा कि वह 15 दिन बल्लेबाजी करे. वह मानसिक रूप से इतना मजबूत है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसने किसी और प्रारूप में खेला है या नहीं."
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ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन ने भी पुजारा की तारीफ करते हुए कहा, "उसने हमें बहुत परेशान किया. हम ऐसी पीढ़ी में हैं जहां खिलाड़ी की उसके स्ट्रोक्स और स्ट्राइक रेट के लिये तारीफ करते हैं. वह उन खिलाड़ियों में से है जिसका टेस्ट क्रिकेट में स्ट्राइक रेट 45 के करीब है."