मुंबई : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली का कहना है कि पूर्णकालिक क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) की कोई जरूरत नहीं क्योंकि इसकी भूमिका सिर्फ एक या दो मीटिंग्स तक सीमित है.
गांगुली ने बोर्ड के एजीएम के बाद संवाददाताओं से कहा, "सीएसी के पास अधिक काम नहीं है. हम सीएसी के बारे में बात करते रहते हैं लेकिन सीएसी का काम कोच और चयनकर्ता नियुक्त करना है. एक बार जब चयन समिति चार साल के लिए कोच तीन साल के लिए नियुक्त हो जाता है तो फिर पूर्णकालिक सीएसी की क्या जरूरत है."
बीसीसीआई ने अब तक सीएसी की नियुक्ति नहीं की है और गांगुली का कहना है कि हितों के टकराव से जुड़े मामले इसकी राह में रोड़ा बन रहे हैं.
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गांगुली ने कहा, "अब तक तो सीएसी मानद है. अगर आप इसके सदस्यों को वेतन देंगे तो फिर किस आधार पर देंगे. यहां नियमित काम नहीं है. सीएसी का हितों के टकराव के बीच नियुक्ति मेरी नजर में सही कदम नहीं होगा. यह सिर्फ बैठकों तक सीमित है."
गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण को हितों के टकराव के कारण सीएसी से इस्तीफा देना पड़ा था.
गांगुली ने एक और अहम बात कही। गांगुली ने कहा कि वह क्रिकेटरों के लिए बीसीसीआई के पेंशन स्कीम को नए सिरे से तैयार करना चाहते हैं. गांगुली ने कहा कि कई खिलाड़ियों के पास नौकरी है और वे तब भी पेंशन ले रहे हैं. ऐसे में ये सुनिश्चत किया जाएगा कि पेंशन उन्हीं को मिले, जिनको इसकी सबसे अधिक जरूरत है.