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द. अफ्रीका, इंग्लैंड में नहीं जीतना मेरे लिए सबसे बड़ा पछतावा : प्रसाद - सीनियर चयन समिति

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने 88वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में कहा था कि एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति का कार्यकाल खत्म हो गया है और भविष्य के लिए नई चयन समिति चुनी जाएगी.

MSK Prasad
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Published : Dec 5, 2019, 6:49 PM IST

नई दिल्ली : बीसीसीआई की 88वीं वार्षिक आम बैठक बैठक के बाद गांगुली ने कहा था कि जल्द ही चयनकर्ताओं का एक नया अध्यक्ष होगा. प्रसाद ने अब इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और कहा है कि समिति का चेयरमैन रहते भारतीय टीम का दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाना उनके लिए हमेशा पछतावा का विषय रहेगा.

BCCI, Sourav ganguly
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली

एमएसके प्रसाद और गगन खोड़ा को 2015 में नियुक्त किया गया था और उनका चार साल का कार्यकाल समाप्त हो गया है.

ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट जीतना अच्छा अनुभव


प्रसाद ने एक चैनल से बातचीत में कहा, "मुझे लगता है कि तीन साल से भारतीय टीम का टेस्ट क्रिकेट में नंबर-1 बने रहना मुझे सबसे ज्यादा संतुष्टि देता है. हमने न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज जीती. ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतना निश्विचत रूप से सबसे अच्छी बात थी."

टीम विदेशों में जीत की हकदार थी

उन्होंने कहा, "विदेशी में मिली हार का मुझे बहुत अफसोस होगा. इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में जो कुछ हुआ, मैं उसके उल्टा देखना पसंद करता. हमारी टीम में सबकुछ थी. जिस तरह से टीम लड़ी, उसे देखते हुए हमारी टीम विदेशों में जीत की हकदार थी."


गांगुली ने रविवार को एजीएम में कहा था, "कार्यकाल समाप्त हो गया है. आप इससे आगे नहीं जा सकते हैं. उन्होंने अच्छा काम किया है. अब हम चयन समिति का कार्यकाल निर्धारित करेंगे और हर साल चयनकर्ता नियुक्त करना सही नहीं है."

team india
भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी

चयनकर्ता प्रमुख रहते कभी दबाव महसूस नहीं किया

प्रसाद और गगन खोड़ा 2015 में चयनकर्ता नियुक्त किए गए थे जबकि जतिन परांजपे, संदीप सिंह और देवांग गांधी 2016 में उनके साथ जुड़े थे. प्रसाद ने आगे कहा कि चयनकर्ता प्रमुख रहते उन्होंने कभी दबाव महसूस नहीं किया. उन्होंने कहा, "मुझे कभी दबाव महसूस नहीं हुआ. अगर आपकी सोच स्पष्ट नहीं है तो फिर आप केवल असहज महसूस करेंगे. हम बहुत स्पष्ट थे, खासकर खिलाड़ियों का चयन करते समय."


हमने साल में लगभग 220-240 दिनों तक दौरे किए


पूर्व चयनकर्ता प्रमुख ने कहा, "आपको अपनी योजना पर विश्वास करना चाहिए और इसे सही से लागू करना चाहिए. इसके बाद आपको इस बारे में सोचने की जरूरत नहीं पड़ेगी कि बाहर क्या हो रहा है." उन्होंने कहा, "हमने साल में लगभग 220-240 दिनों तक दौरे किए. पिछले दो वर्षों के दौरान कुछ खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन में निरंतरता के आधार पर दोबारा टीम में चुना. हमने उन्हें भारत-ए के लिए खेलकर तैयार किया. हमने उनका समर्थन किया."

'दादा' ने जाहिर की इस बॉलीवुड एक्टर को अपनी बायोपिक में देखने की इच्छा

प्रसाद ने साथ ही कहा, "आज हमारे पास मुख्य स्पिन गेंदबाजों के अलावा छह गुणवत्ता वाले स्पिनर हैं. हमें अपने पांच मुख्य गेंदबाजों के अलावा चार तेज गेंदबाज भी मिले हैं. वे भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए काफी काफी अच्छे हैं."

नई दिल्ली : बीसीसीआई की 88वीं वार्षिक आम बैठक बैठक के बाद गांगुली ने कहा था कि जल्द ही चयनकर्ताओं का एक नया अध्यक्ष होगा. प्रसाद ने अब इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और कहा है कि समिति का चेयरमैन रहते भारतीय टीम का दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाना उनके लिए हमेशा पछतावा का विषय रहेगा.

BCCI, Sourav ganguly
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली

एमएसके प्रसाद और गगन खोड़ा को 2015 में नियुक्त किया गया था और उनका चार साल का कार्यकाल समाप्त हो गया है.

ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट जीतना अच्छा अनुभव


प्रसाद ने एक चैनल से बातचीत में कहा, "मुझे लगता है कि तीन साल से भारतीय टीम का टेस्ट क्रिकेट में नंबर-1 बने रहना मुझे सबसे ज्यादा संतुष्टि देता है. हमने न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज जीती. ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतना निश्विचत रूप से सबसे अच्छी बात थी."

टीम विदेशों में जीत की हकदार थी

उन्होंने कहा, "विदेशी में मिली हार का मुझे बहुत अफसोस होगा. इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में जो कुछ हुआ, मैं उसके उल्टा देखना पसंद करता. हमारी टीम में सबकुछ थी. जिस तरह से टीम लड़ी, उसे देखते हुए हमारी टीम विदेशों में जीत की हकदार थी."


गांगुली ने रविवार को एजीएम में कहा था, "कार्यकाल समाप्त हो गया है. आप इससे आगे नहीं जा सकते हैं. उन्होंने अच्छा काम किया है. अब हम चयन समिति का कार्यकाल निर्धारित करेंगे और हर साल चयनकर्ता नियुक्त करना सही नहीं है."

team india
भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी

चयनकर्ता प्रमुख रहते कभी दबाव महसूस नहीं किया

प्रसाद और गगन खोड़ा 2015 में चयनकर्ता नियुक्त किए गए थे जबकि जतिन परांजपे, संदीप सिंह और देवांग गांधी 2016 में उनके साथ जुड़े थे. प्रसाद ने आगे कहा कि चयनकर्ता प्रमुख रहते उन्होंने कभी दबाव महसूस नहीं किया. उन्होंने कहा, "मुझे कभी दबाव महसूस नहीं हुआ. अगर आपकी सोच स्पष्ट नहीं है तो फिर आप केवल असहज महसूस करेंगे. हम बहुत स्पष्ट थे, खासकर खिलाड़ियों का चयन करते समय."


हमने साल में लगभग 220-240 दिनों तक दौरे किए


पूर्व चयनकर्ता प्रमुख ने कहा, "आपको अपनी योजना पर विश्वास करना चाहिए और इसे सही से लागू करना चाहिए. इसके बाद आपको इस बारे में सोचने की जरूरत नहीं पड़ेगी कि बाहर क्या हो रहा है." उन्होंने कहा, "हमने साल में लगभग 220-240 दिनों तक दौरे किए. पिछले दो वर्षों के दौरान कुछ खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन में निरंतरता के आधार पर दोबारा टीम में चुना. हमने उन्हें भारत-ए के लिए खेलकर तैयार किया. हमने उनका समर्थन किया."

'दादा' ने जाहिर की इस बॉलीवुड एक्टर को अपनी बायोपिक में देखने की इच्छा

प्रसाद ने साथ ही कहा, "आज हमारे पास मुख्य स्पिन गेंदबाजों के अलावा छह गुणवत्ता वाले स्पिनर हैं. हमें अपने पांच मुख्य गेंदबाजों के अलावा चार तेज गेंदबाज भी मिले हैं. वे भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए काफी काफी अच्छे हैं."

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बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने 88वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में कहा था कि एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति का कार्यकाल खत्म हो गया है और भविष्य के लिए नई चयन समिति चुनी जाएगी.



नई दिल्ली : बीसीसीआई की 88वीं वार्षिक आम बैठक  बैठक के बाद गांगुली ने कहा था कि जल्द ही चयनकर्ताओं का एक नया अध्यक्ष होगा.  प्रसाद ने अब इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और कहा है कि समिति का चेयरमैन रहते भारतीय टीम का दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाना उनके लिए हमेशा पछतावा का विषय रहेगा.



एमएसके प्रसाद और गगन खोड़ा को 2015 में नियुक्त किया गया था और उनका चार साल का कार्यकाल समाप्त हो गया है.



ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट जीतना अच्छा अनुभव





प्रसाद ने एक चैनल से बातचीत में कहा, "मुझे लगता है कि तीन साल से भारतीय टीम का टेस्ट क्रिकेट में नंबर-1 बने रहना मुझे सबसे ज्यादा संतुष्टि देता है. हमने न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज जीती. ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतना निश्विचत रूप से सबसे अच्छी बात थी."



टीम विदेशों में जीत की हकदार थी



उन्होंने कहा, "विदेशी में मिली हार का मुझे बहुत अफसोस होगा. इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में जो कुछ हुआ, मैं उसके उल्टा देखना पसंद करता. हमारी टीम में सबकुछ थी. जिस तरह से टीम लड़ी, उसे देखते हुए हमारी टीम विदेशों में जीत की हकदार थी."





गांगुली ने रविवार को एजीएम में कहा था, "कार्यकाल समाप्त हो गया है. आप इससे आगे नहीं जा सकते हैं. उन्होंने अच्छा काम किया है. अब हम चयन समिति का कार्यकाल निर्धारित करेंगे और हर साल चयनकर्ता नियुक्त करना सही नहीं है."



चयनकर्ता प्रमुख रहते कभी दबाव महसूस नहीं किया



प्रसाद और गगन खोड़ा 2015 में चयनकर्ता नियुक्त किए गए थे जबकि जतिन परांजपे, संदीप सिंह और देवांग गांधी 2016 में उनके साथ जुड़े थे. प्रसाद ने आगे कहा कि चयनकर्ता प्रमुख रहते उन्होंने कभी दबाव महसूस नहीं किया. उन्होंने कहा, "मुझे कभी दबाव महसूस नहीं हुआ. अगर आपकी सोच स्पष्ट नहीं है तो फिर आप केवल असहज महसूस करेंगे. हम बहुत स्पष्ट थे, खासकर खिलाड़ियों का चयन करते समय."





हमने साल में लगभग 220-240 दिनों तक दौरे किए





पूर्व चयनकर्ता प्रमुख ने कहा, "आपको अपनी योजना पर विश्वास करना चाहिए और इसे सही से लागू करना चाहिए. इसके बाद आपको इस बारे में सोचने की जरूरत नहीं पड़ेगी कि बाहर क्या हो रहा है." उन्होंने कहा, "हमने साल में लगभग 220-240 दिनों तक दौरे किए. पिछले दो वर्षों के दौरान कुछ खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन में निरंतरता के आधार पर दोबारा टीम में चुना. हमने उन्हें भारत-ए के लिए खेलकर तैयार किया. हमने उनका समर्थन किया."



प्रसाद ने साथ ही कहा, "आज हमारे पास मुख्य स्पिन गेंदबाजों के अलावा छह गुणवत्ता वाले स्पिनर हैं. हमें अपने पांच मुख्य गेंदबाजों के अलावा चार तेज गेंदबाज भी मिले हैं. वे भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए काफी काफी अच्छे हैं."


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