नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मौजूदा सीजन में एक ही जगह पर पूरे समय रहना बोरिंग हो सकता है, लेकिन ये निश्चित तौर पर खिलाड़ियों को उस लगातार हवाई सफर की थकान से बचा रहा है, जिसका सामना भारत में उनको करना पड़ता था.
2009 के बाद से ये पहली बार हो रहा है कि आईपीएल का आयोजन पूरी तरह से भारत के बाहर किया जा रहा है. 2009 में आम चुनावों के चलते इस लीग को दक्षिण अफ्रीका में कराया गया था. लीग का 13वां सीजन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में खेला जा रहा है और इसकी वजह है कोविड-19.
यूएई में सिर्फ तीन जगहों- शारजाह, अबू धाबी, दुबई, पर मैच खेले जा रहे हैं. इन तीनों जगहों का सफर बस से तय किया जा सकता है. टीमें भी शुरू से लेकर अंत तक एक ही होटल में रुक रही हैं.
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के हरफनमौला खिलाड़ी क्रिस मौरिस का कहना है कि ये अनुभव शानदार रहा है क्योंकि इससे वो लगातार सफर करने से बच रहे हैं.
मौरिस ने कहा, "पिछले आईपीएल सीजनों में सबसे मुश्किल होता था भारत में सफर करना. आईपीएल मैच मुश्किल होते हैं लेकिन सफर करना काफी थकान भरा होता है. आपका मैच देर से खत्म होता है. रात 12:30 बजे से 1 के बीच में. सुबर तीन-चार बजे तक सब कुछ पैक करना. अपने कमरे से सामान बाहर रखना. इसके बाद कुछ ही घंटों में एयरपोर्ट के लिए रवाना होना."
मौरिस ने शुक्रवार को यूएई से मीडिया से बात करते हुए कहा, "आप नहाते हो, अच्छे से तैयार होते हो क्योंकि आपको अच्छा लगना होता है. इसके बाद आप एक से डेढ़ घंटे में एयरपोर्ट पहुंचते हो और अगले एक से दो घंटे अगला मैच जहां होना है वहां जाने के लिए लगता है."
मौरिस ने कहा कि एक ही जगह रुकना अच्छा है.
2014 में भी आम चुनावों के कारण आईपीएल के 20 मैच यूएई में हुए थे और तब भी खिलाड़ियों ने यही कहा था कम सफर करना उनके लिए अच्छा था.