नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित कराना टूर्नामेंट के आयोजकों के लिए लॉजिस्टिक के लिहाज से काफी मुश्किल होगा लेकिन बीसीसीआई के भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) के प्रमुख अजीत सिंह का कहना है कि इस कदम से उनके लिए निगरानी रखना थोड़ा आसान हो जाएगा क्योंकि यह महज तीन स्टेडियम तक ही सीमित होगा.
आईपीएल 19 सितंबर से यूएई में शुरू होकर आठ नवंबर तक चलेगा जहां दुबई, शारजाह और अबुधाबी के तीन स्टेडियम में 51 दिन में 60 मैचों का आयोजन किया जाएगा.
सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, "यूएई में निगरानी के लिए एसीयू (भ्रष्टाचार रोधी इकाई) की गतिविधियां थोड़ी आसान हो जाएंगी क्योंकि यह तीन मैदानों में ही होगा जबकि भारत में यह आठ स्टेडियम में होता है. इसमें कोई परेशानी नहीं है. एक बार कार्यक्रम आ जाए तो हम कार्यबल पर फैसला करेंगे."
वर्ष 2014 में यूएई में आईपीएल का शुरूआती हिस्सा खेला गया था क्योंकि भारत में उस वक्त आम चुनाव थे. सिंह ने कहा, "मौजूदा समय में आठ एसीयू अधिकारी बीसीसीआई भुगतान के अंतर्गत हैं. इसलिए 60 मैचों पर काम करने के लिए और होटल पर भी निगाह रखने के लिए क्या इतनी संख्या काफी होगी?" राजस्थान के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी ने माना कि यह निर्भर करेगा कि किस तरह का जैव सुरक्षित माहौल तैयार किया गया है.
उन्होंने कहा, "तरीकों के बारे में कुछ भी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी क्योंकि हमें देखना होगा कि किस तरह का जैव सुरक्षित माहौल बनाया गया है. अगर हमें और लोगों की जरूरत होगी तो हम उन्हें रखेंगे."
सिंह के कहा, "दुबई में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का मुख्यालय है तो अगर जरूरत पड़ी तो बीसीसीआई वैश्विक संस्था से भी मदद ले सकता है क्योंकि उसके पास एसीयू अधिकारियों की अच्छी खासी संख्या है और उन्हें पारिश्रमिक आधार पर रखा जा सकता है."
सीनियर अधिकारी ने कहा, "अगर यह निजी लीग है जो आईसीसी से एसीयू अधिकारियों को रखने के बारे में पूछती है और वे टूर्नामेंट को कवर करने के लिए तैयार होते हैं तो लीग के आयोजक इनका खर्चा उठा सकते हैं. बीसीसीआई को कुछ और कार्यबलों की जरूरत पड़ सकती है क्योंकि प्रत्येक टीम के पास नियमों के अनुसार एक 'इंटीग्रिटी' अधिकारी होना चाहिए."
फ्रेंचाइजी के वरिष्ठ अधिकारी ने नियमों को स्पष्ट करते हुए कहा कि बीसीसीआई आईपीएल के दौरान प्रत्येक टीम के लिए एक इंटीग्रिटी अधिकारी नियुक्त करेगी. अब वे जैव सुरक्षित वातावरण (अगर बनता है) का हिस्सा होंगे या नहीं, हमें नहीं पता लेकिन इंटीग्रिटी अधिकारी पूरी तरह से उनके अंतर्गत आता है.
यूएई का इतिहास सट्टेबाजों और मैच फिक्सरों के लिए काफी चर्चित रहा है लेकिन एसीयू प्रमुख को पूरा भरोसा है कि टूर्नामेंट के शिफ्ट होने से सूचना हासिल करने में कोई परेशानी नहीं होगी.
उन्होंने कहा, "जो भी (सट्टेबाज या फिक्सर) शामिल होता है तो ये सभी एक दूसरे से जुड़े होते हैं. अगर हमारे पास यहां अपने सूत्र हैं तो वे ये भी जानते हैं कि ये सट्टेबाज कैसे काम करते हैं. अगर वे यहां की सूचना हासिल कर सकते हैं तो वे वहां भी ऐसा कर सकते हैं. यह कोई मुद्दा नहीं है.