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62 साल के हुए दिग्गज कपिल देव, 1983 में देश को बनाया था विश्व विजेता - विश्व कप

भारत को अपना पहला क्रिकेट विश्व कप जीताने वाले पूर्व कप्तान कपिल देव आज अपना 62वां जन्मदिन मना रहे हैं.

Kapil Dev
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Published : Jan 6, 2021, 10:07 AM IST

हैदराबाद: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और महान ऑलराउंडर कपिल देव आज अपना 62वां जन्मदिन मना रहे हैं. आज ही के दिन सन 1959 में पंजाब के चंडीगढ़ में उनका जन्म हुआ था. कपिल देव की अगुआई में ही भारत ने पहली बार 1983 का विश्व कप जीत नायाब इतिहास रचा था. विश्व कप जीताने से लेकर दुनियाभर में टीम इंडिया का लोहा मनवाने में उनका एक बड़ा हाथ रहा.

अपनी कप्तानी से लेकर गेंद और बल्ले से दमदार प्रदर्शन करने तक हर मोर्चे पर उन्होंने सफलताओं के झंडे गाड़े. आज भी उनकी गिनती न सिर्फ देश के बल्कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में की जाती है. कपिल की आग उगलती गेंदों के सामने बड़े से बड़ा बल्लेबाज और उनकी पॉवरफुल हिटिंग के सामने अच्छे से अच्छे गेंदबाज के पसीने छूट जाते थे. लेकिन एक कामयाब खिलाड़ी बनने का सफर उन्होंने काफी कठिनाइयों का सामना करते हुए किया.

कपिल देव
कपिल देव

दरअसल, कपिल देव का जीवन काफी उतार चढ़ाव भरा रहा. भारत-पाकिस्तान के बीच हुए बंटवारे के दौरान उनके माता-पिता रावलपिंडी से पंजाब आ गए थे. उनके पिता राम लाल निखंज लकड़ी के ठेकेदार हुआ करते थे. शुरू से ही कपिल का क्रिकेट के प्रति रूझान था और अपने इसी जुनून के चलते वो देश के महान खिलाड़ी बनकर दुनिया के सामने आए. 1975 में हरियाणा की ओर से उनको रणजी ट्रॉफी खेलने का मौका मिला जिसके पहले मैच में ही उन्होंने छह विकेट लिए. साथ ही इस सीजन में उन्होंने कुल 30 मैच में 121 विकेट अपने नाम किए. रणजी में ऐसे धमाकेदार प्रदर्शन के बाद उनको ईरानी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और फिर विल्स ट्रॉफी में भी खेलने का मौका मिला.

घरेलू क्रिकेट में अपनी गेंदबाजी में छाप छोड़ने के बाद उन्होंने 16 अक्टूबर 1978 को पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में टेस्ट डेब्यू का मौका मिला. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अपने 16 सालों के करियर के दौरान पूर्व भारतीय कप्तान ने एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड कायम किए. 1983 में देश को पहली बार विश्व चैपिंयन बनाकर कपिल ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि भारतीय टीम को कम न आंके. भारत ने वेस्टइंडीज जैसी ताकतवर टीम को हराकर वर्ल्ड कप जीता था.

कपिल देव
कपिल देव

रनों के सूखे के कारण अंतिम एकादश से बाहर हो सकते हैं अग्रवाल

इसी टूर्नामेंट के दौरान कपिल ने एक ऐसी पारी खेली थी, जिसकी मिसाल आज तलक दी जाती है. जिंबाब्वे के खिलाफ उन्होंने 175 रनों की पारी ऐसे हालात में खेली थी, जब टीम का स्कोर 17/5 था. मैच में कपिल देव ने 138 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 175 रन बनाए.

कपिल ने भारत के लिए 131 टेस्ट और 225 वनडे खेले. इस दौरान 131 टेस्ट मैचों में उन्होंने 5248 रन बनाने के साथ 434 खिलाड़ियों को पवेलियन का रास्ता दिखाया. वहीं 225 वनडे मैचों में 3783 रन बनाने के साथ उन्होंने 253 विकेट अपने नाम किए.

कपिल देव के करियर से जुड़े कुछ अहम रिकॉड्स :

- अपने पहले 25 मैचों में 100 विकेट और 1000 रन बनाने वाले कपिल देव पहले भारतीय खिलाड़ी है.

- विश्व कप जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान.

- दुनिया के पहले खिलाड़ी जिन्होंने एकदिवसीय में सबसे पहले 200 विकेट चटकाए.

- नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए वनडे में सबसे बड़ी पारी खेलने का विश्व रिकॉर्ड (175)* बनाम जिंबाब्वे.

कपिल देव
कपिल देव

- 400 से अधिक विकेट लेने और 5000 से अधिक टेस्ट रन बनाने वाले क्रिकेट के इतिहास में एकमात्र खिलाड़ी.

- वनडे में शतक लगाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी.

- बतौर कप्तान सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकॉर्ड (9/83 बनाम वेस्टइंडीज, 1983)

- एक कैलेंडर ईयर में सबसे अधिक टेस्ट विकेट लेने वाले भारतीय (18 मैचों में 75 विकेट, 1983)

- एकदिवसीय क्रिकेट में 3000 रन और 250 विकेट का डबल बनाने वाले पहले खिलाड़ी.

हैदराबाद: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और महान ऑलराउंडर कपिल देव आज अपना 62वां जन्मदिन मना रहे हैं. आज ही के दिन सन 1959 में पंजाब के चंडीगढ़ में उनका जन्म हुआ था. कपिल देव की अगुआई में ही भारत ने पहली बार 1983 का विश्व कप जीत नायाब इतिहास रचा था. विश्व कप जीताने से लेकर दुनियाभर में टीम इंडिया का लोहा मनवाने में उनका एक बड़ा हाथ रहा.

अपनी कप्तानी से लेकर गेंद और बल्ले से दमदार प्रदर्शन करने तक हर मोर्चे पर उन्होंने सफलताओं के झंडे गाड़े. आज भी उनकी गिनती न सिर्फ देश के बल्कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में की जाती है. कपिल की आग उगलती गेंदों के सामने बड़े से बड़ा बल्लेबाज और उनकी पॉवरफुल हिटिंग के सामने अच्छे से अच्छे गेंदबाज के पसीने छूट जाते थे. लेकिन एक कामयाब खिलाड़ी बनने का सफर उन्होंने काफी कठिनाइयों का सामना करते हुए किया.

कपिल देव
कपिल देव

दरअसल, कपिल देव का जीवन काफी उतार चढ़ाव भरा रहा. भारत-पाकिस्तान के बीच हुए बंटवारे के दौरान उनके माता-पिता रावलपिंडी से पंजाब आ गए थे. उनके पिता राम लाल निखंज लकड़ी के ठेकेदार हुआ करते थे. शुरू से ही कपिल का क्रिकेट के प्रति रूझान था और अपने इसी जुनून के चलते वो देश के महान खिलाड़ी बनकर दुनिया के सामने आए. 1975 में हरियाणा की ओर से उनको रणजी ट्रॉफी खेलने का मौका मिला जिसके पहले मैच में ही उन्होंने छह विकेट लिए. साथ ही इस सीजन में उन्होंने कुल 30 मैच में 121 विकेट अपने नाम किए. रणजी में ऐसे धमाकेदार प्रदर्शन के बाद उनको ईरानी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और फिर विल्स ट्रॉफी में भी खेलने का मौका मिला.

घरेलू क्रिकेट में अपनी गेंदबाजी में छाप छोड़ने के बाद उन्होंने 16 अक्टूबर 1978 को पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में टेस्ट डेब्यू का मौका मिला. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अपने 16 सालों के करियर के दौरान पूर्व भारतीय कप्तान ने एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड कायम किए. 1983 में देश को पहली बार विश्व चैपिंयन बनाकर कपिल ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि भारतीय टीम को कम न आंके. भारत ने वेस्टइंडीज जैसी ताकतवर टीम को हराकर वर्ल्ड कप जीता था.

कपिल देव
कपिल देव

रनों के सूखे के कारण अंतिम एकादश से बाहर हो सकते हैं अग्रवाल

इसी टूर्नामेंट के दौरान कपिल ने एक ऐसी पारी खेली थी, जिसकी मिसाल आज तलक दी जाती है. जिंबाब्वे के खिलाफ उन्होंने 175 रनों की पारी ऐसे हालात में खेली थी, जब टीम का स्कोर 17/5 था. मैच में कपिल देव ने 138 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 175 रन बनाए.

कपिल ने भारत के लिए 131 टेस्ट और 225 वनडे खेले. इस दौरान 131 टेस्ट मैचों में उन्होंने 5248 रन बनाने के साथ 434 खिलाड़ियों को पवेलियन का रास्ता दिखाया. वहीं 225 वनडे मैचों में 3783 रन बनाने के साथ उन्होंने 253 विकेट अपने नाम किए.

कपिल देव के करियर से जुड़े कुछ अहम रिकॉड्स :

- अपने पहले 25 मैचों में 100 विकेट और 1000 रन बनाने वाले कपिल देव पहले भारतीय खिलाड़ी है.

- विश्व कप जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान.

- दुनिया के पहले खिलाड़ी जिन्होंने एकदिवसीय में सबसे पहले 200 विकेट चटकाए.

- नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए वनडे में सबसे बड़ी पारी खेलने का विश्व रिकॉर्ड (175)* बनाम जिंबाब्वे.

कपिल देव
कपिल देव

- 400 से अधिक विकेट लेने और 5000 से अधिक टेस्ट रन बनाने वाले क्रिकेट के इतिहास में एकमात्र खिलाड़ी.

- वनडे में शतक लगाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी.

- बतौर कप्तान सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकॉर्ड (9/83 बनाम वेस्टइंडीज, 1983)

- एक कैलेंडर ईयर में सबसे अधिक टेस्ट विकेट लेने वाले भारतीय (18 मैचों में 75 विकेट, 1983)

- एकदिवसीय क्रिकेट में 3000 रन और 250 विकेट का डबल बनाने वाले पहले खिलाड़ी.

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