लंदन: इंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन का मानना है कि उनके साथी तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाले तीसरे और निर्णायक टेस्ट मैच में खेलना चाहते हैं. दोनों टीमों के बीच तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबरी पर है.
साउथैम्पटन में खेले गए पहले टेस्ट मैच के बाद आर्चर ने बायो सिक्योर प्रोटोकॉल तोड़ा था, जिसके लिए उन्हें मैनचेस्टर टेस्ट से बाहर कर दिया गया था. बाद में आर्चर ने खुलासा किया था कि बायो सिक्योर प्रोटोकॉल तोड़ने के कारण लोगों ने उन्हें नस्लवादी कमेंट्स किए.
आर्चर का दूसरा कोविड-19 टेस्ट नेगेटिव आया था, इसके बाद तीसरे टेस्ट के लिए उन्हें दोबारा से टीम से जुड़ने की अनुमति दे दी गई थी. तीसरा टेस्ट मैच 24 जुलाई से मैनचेस्टर में ही खेला जाना है.
आर्चर ने एक अखबार के लिए कॉलम में लिखा, "पिछले कुछ दिनों से, मैंने बहुत से सोशल मीडिया प्रोफाइलों को अनफॉलो और म्यूट कर दिया है, ताकि इससे दूर हो सकूं. मैं इस मामले में वापस नहीं जाऊंगा. मुझे यह अनावश्यक शोर लगता है. दो विकेट लें और हर कोई फिर से बैंडबाजे पर वापस आ जाए. यह एक चंचल, चंचल दुनिया है जिसमें हम रहते हैं."
एंडरसन ने कहा, "हमने जोफ्रा को ज्यादा नहीं देखा है, क्योंकि वह स्पष्ट रूप से कुछ दिनों के लिए आइसोलेशन में है. लेकिन उन्हें जानते हुए भी कि मैं ऐसा करता हूं, मुझे यकीन है कि वह इस मैच में खेलना चाहेंगे, क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण है."
उन्होंने कहा, "अगले कुछ दिनों में, उन्हें कप्तान (जो रूट) और कोच (क्रिस सिल्वरवुड) के साथ बैठना होगा और यह पता लगाना होगा कि क्या वह खेलने के लिए सही जगह पर हैं. यह कुछ ऐसा होता है जो हमेशा अंतर्राष्ट्रीय सेट-अप में आने वाले लोगों के लिए मुश्किल हो सकता है, क्योंकि यह बहुत अलग है."
बता दें कि तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर कोरोना वायरस का दूसरा परीक्षण भी नेगेटिव आने के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के लिए मंगलवार को इंग्लैंड की टीम से जुड़ गए.
आर्चर पहले टेस्ट के बाद अपने घर चले गये थे और इस तरह से उन्होंने जैव सुरक्षित वातावरण का उल्लंघन किया था जिसके कारण उन्हें दूसरे टेस्ट मैच की टीम से बाहर कर दिया गया था.
जोफ्रा आर्चर को ओल्ड ट्रैफर्ड से लगे होटल में ही पांच दिन के लिए आइसोलेशन में रखा गया था और उन्हें केवल अकेले कुछ फिटनेस गतिविधियां करने की अनुमति दी गयी थी. बाद में उन पर अनुशासनात्मक सुनवाई में 15,000 पाउंड का जुर्माना लगाया गया था.