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जेकेसीए के क्लब चाहते हैं बीसीसीआई के चुनावों में वोटिंग अधिकार - इकबाल शाह

जेकेसीए के महा सचिव इकबाल शाह ने कहा है कि हमारी सीओए ने उन सदस्यों को बाहर किया जो शुरुआत से ही इसमें शामिल थे. संघ ने अपनी सीओए से जितनी भी अपील की उन पर कोई फैसला नहीं लिया गया.

JKCA
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Published : Sep 25, 2019, 8:52 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 12:30 AM IST

नई दिल्ली: प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बीसीसीआई के चुनावों को लेकर नए संविधान के आधार पर कई तरह के स्पष्टीकरण दिए हैं, लेकिन वे जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) की बुनियादी समस्या को सुलझा पाने में सफल नहीं रही है जहां पुराने सदस्यों को संघ से बाहर कर दिया गया है और उनके पास वोट करने का अधिकार भी नहीं है.

जेकेसीए के महा सचिव इकबाल शाह ने मीडिया से कहा है कि संघ ने अपनी सीओए से जितनी भी अपील की उन पर कोई फैसला नहीं लिया गया और उन पुराने सदस्यों को अभी तक संघ में शामिल नहीं किया गया जिन्हें नए संविधान का तर्क दे बाहर कर दिया गया था.

इकबाल शाह
इकबाल शाह

उन्होंने कहा, "हमारी सीओए ने उन सदस्यों को बाहर किया जो शुरुआत से ही इसमें शामिल थे. सीईओ ने भी हमारी मदद नहीं की है. ऐसा लगता है कि वे चुनाव कराने के पक्ष में नहीं हैं. हमने इंटरलोक्यूटरी अपील भी दाखिल की है और ये एमिकस क्यूर के पास भी गई है और बीसीसीआई-सीओए को इस बारे में पता भी है."

उन्होंने कहा, "एमिकस ने कहा था कि ये फैसला सर्वोच्च अदालत के फैसले के खिलाफ है और बीसीसीआई सीओए से इस मसले पर जेकेसीए सीओए से बात करने को कहा गया है."

बीसीसीआई
बीसीसीआई

शाह ने कहा, "जेकेसीए सीओए ने बीसीसीआई सीओए से बात की थी और जेकेसीए समिति से वोटिंग अधिकार देने को कहा था, लेकिन संघ ने ऐसा नहीं किया. वे अब राज्य में संचार की कमी का बहाना दे रहे हैं. ये गलत है और इसे सुधारा जाना चाहिए."

बीसीसीआई सीओए ने जो ई-मेल जेकेसीए को भेजा था उसमें कहा गया था कि जेकेसीए के पुराने सदस्यों को शामिल किया जाए. मेल में लिखा, "ये मेल आपके नौ सितंबर 2019 को भेजे गए मेल के संबंध में है. आपका ध्यान 10 सितंबर 2019 को भेजे गए ई-मेल की ओर दिलाना चाहते हैं जिसमें समिति ने जेकेसीए ने को कहा है कि वह हटाए गए पुराने सदस्यों को दोबारा संघ में शामिल करे."

नई दिल्ली: प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बीसीसीआई के चुनावों को लेकर नए संविधान के आधार पर कई तरह के स्पष्टीकरण दिए हैं, लेकिन वे जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) की बुनियादी समस्या को सुलझा पाने में सफल नहीं रही है जहां पुराने सदस्यों को संघ से बाहर कर दिया गया है और उनके पास वोट करने का अधिकार भी नहीं है.

जेकेसीए के महा सचिव इकबाल शाह ने मीडिया से कहा है कि संघ ने अपनी सीओए से जितनी भी अपील की उन पर कोई फैसला नहीं लिया गया और उन पुराने सदस्यों को अभी तक संघ में शामिल नहीं किया गया जिन्हें नए संविधान का तर्क दे बाहर कर दिया गया था.

इकबाल शाह
इकबाल शाह

उन्होंने कहा, "हमारी सीओए ने उन सदस्यों को बाहर किया जो शुरुआत से ही इसमें शामिल थे. सीईओ ने भी हमारी मदद नहीं की है. ऐसा लगता है कि वे चुनाव कराने के पक्ष में नहीं हैं. हमने इंटरलोक्यूटरी अपील भी दाखिल की है और ये एमिकस क्यूर के पास भी गई है और बीसीसीआई-सीओए को इस बारे में पता भी है."

उन्होंने कहा, "एमिकस ने कहा था कि ये फैसला सर्वोच्च अदालत के फैसले के खिलाफ है और बीसीसीआई सीओए से इस मसले पर जेकेसीए सीओए से बात करने को कहा गया है."

बीसीसीआई
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शाह ने कहा, "जेकेसीए सीओए ने बीसीसीआई सीओए से बात की थी और जेकेसीए समिति से वोटिंग अधिकार देने को कहा था, लेकिन संघ ने ऐसा नहीं किया. वे अब राज्य में संचार की कमी का बहाना दे रहे हैं. ये गलत है और इसे सुधारा जाना चाहिए."

बीसीसीआई सीओए ने जो ई-मेल जेकेसीए को भेजा था उसमें कहा गया था कि जेकेसीए के पुराने सदस्यों को शामिल किया जाए. मेल में लिखा, "ये मेल आपके नौ सितंबर 2019 को भेजे गए मेल के संबंध में है. आपका ध्यान 10 सितंबर 2019 को भेजे गए ई-मेल की ओर दिलाना चाहते हैं जिसमें समिति ने जेकेसीए ने को कहा है कि वह हटाए गए पुराने सदस्यों को दोबारा संघ में शामिल करे."

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नई दिल्ली: प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बीसीसीआई के चुनावों को लेकर नए संविधान के आधार पर कई तरह के स्पष्टीकरण दिए हैं, लेकिन वे जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) की बुनियादी समस्या को सुलझा पाने में सफल नहीं रही है जहां पुराने सदस्यों को संघ से बाहर कर दिया गया है और उनके पास वोट करने का अधिकार भी नहीं है.



जेकेसीए के महा सचिव इकबाल शाह ने मीडिया से कहा है कि संघ ने अपनी सीओए से जितनी भी अपील की उन पर कोई फैसला नहीं लिया गया और उन पुराने सदस्यों को अभी तक संघ में शामिल नहीं किया गया जिन्हें नए संविधान का तर्क दे बाहर कर दिया गया था.



उन्होंने कहा, "हमारी सीओए ने उन सदस्यों को बाहर किया जो शुरुआत से ही इसमें शामिल थे. सीईओ ने भी हमारी मदद नहीं की है. ऐसा लगता है कि वे चुनाव कराने के पक्ष में नहीं हैं. हमने इंटरलोक्यूटरी अपील भी दाखिल की है और ये एमिकस क्यूर के पास भी गई है और बीसीसीआई-सीओए को इस बारे में पता भी है."



उन्होंने कहा, "एमिकस ने कहा था कि ये फैसला सर्वोच्च अदालत के फैसले के खिलाफ है और बीसीसीआई सीओए से इस मसले पर जेकेसीए सीओए से बात करने को कहा गया है."



शाह ने कहा, "जेकेसीए सीओए ने बीसीसीआई सीओए से बात की थी और जेकेसीए समिति से वोटिंग अधिकार देने को कहा था, लेकिन संघ ने ऐसा नहीं किया. वे अब राज्य में संचार की कमी का बहाना दे रहे हैं. ये गलत है और इसे सुधारा जाना चाहिए."



बीसीसीआई सीओए ने जो ई-मेल जेकेसीए को भेजा था उसमें कहा गया था कि जेकेसीए के पुराने सदस्यों को शामिल किया जाए. मेल में लिखा, "ये मेल आपके नौ सितंबर 2019 को भेजे गए मेल के संबंध में है. आपका ध्यान 10 सितंबर 2019 को भेजे गए ई-मेल की ओर दिलाना चाहते हैं जिसमें समिति ने जेकेसीए ने को कहा है कि वह हटाए गए पुराने सदस्यों को दोबारा संघ में शामिल करे."


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Last Updated : Oct 2, 2019, 12:30 AM IST
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