नई दिल्ली : बीसीसीआई के एक अधिकारी ने एक वेबसाइट को बताया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक अनुबंधित खिलाड़ियों को रीहैब के लिए एनसीए जाना पड़ता है लेकिन पांड्या और बुमराह ने साफ कर दिया है कि वो बेंगलुरू नहीं जाएंगे.
पांड्या और बुमराह रीहैब के लिए नहीं जाएंगे
अधिकारी ने कहा, "पांड्या और बुमराह दोनों ने टीम मैनेजमेंट से साफ कह दिया है कि वो रीहैब के लिए अकादमी नहीं जाएंगे और इसलिए योगेश परमार पांड्या पर नजर बनाए हुए हैं जबकि नितिन पटेल ने बुमराह पर कड़ी नजर रखी है. हां, ये लोग अनुबंधित खिलाड़ी हैं और उन्हें एनसीए में होना चाहिए था लेकिन जोखिम ज्यादा है और खिलाड़ी चोटों को लेकर गंभीर हैं. इसलिए एक समय के बाद आपको खिलाड़ियों को आजादी देनी होती है कि वह अपने हित को लेकर फैसले ले सकें."
भुवनेश्वर को हर्निया की शिकायत
भुवनेश्वर को हर्निया की शिकायत है. ये गेंदबाज विश्व कप के बाद से एनसीए से अंदर-बाहर होते रहे हैं क्योंकि उनकी कोशिश 100 फीसदी फिट होने की है लेकिन एनसीए की टीम उनकी चोट को समझ पाने में असफल रही है और राष्ट्रीय टीम से दो मैच खेलने के बाद ही एक बार फिर वो चोटिल हो गए हैं.
दोबारा उनकी जांच हुई
अधिकारी ने कहा, "वो तीन महीने तक एनसीए में थे और बेंगलुरू में उनके कितने टेस्ट हुए, इसमें जाने के बजाए मैं ये कह सकता हूं कि उनकी सभी तरह से जांच कर ली गई थी लेकिन उनका हर्निया ठीक नहीं हुआ. जैसे ही मुंबई में दोबारा उनकी जांच की गई ये सामने आ गया."
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उन्होंने कहा, "ऐसा पहली बार नहीं है कि खिलाड़ी को एनसीए में इस तरह की परेशानी हुई हो. रिद्धिमान साहा का भी एक उदाहरण हमारे सामने है और अब वो न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में नहीं खेल पाएंगे. हम सब जानते हैं कि वो टीम में क्या लेकर आते हैं. उनके पास स्विंग और सीम है. वो सर्जरी कराएंगे और आईपीएल के समय तक वापसी करेंगे."
हमने प्रोटोकॉल का पालन किया
उन्होंने कहा, "अच्छी बात ये है कि भुवनेश्वर ने टीम प्रबंधन को जल्दी बता दिया कि उन्हें परेशानी हो रही है और नितिन तथा सपोर्ट स्टाफ ने भी उस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी. हमने प्रोटोकॉल का पालन किया था और उन्हें तभी टीम में लाया गया था जब उन्हें फिट घोषित कर दिया गया था."