कोलकाता: भारत ने ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स स्टेडियम में अपना पहला दिन-रात प्रारूप का टेस्ट मैच खेला. अगर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरभ गांगुली न होते तो भारत के लिए ये मुमकिन भी नहीं था. ये गांगुली का सपना था और इसे साकार करने के लिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी. टेस्ट मैच के दूसरे दिन के अंतिम सत्र में गांगुली ने एक खास बातचीत में बताया कि उन्हें इस मैच के दौरान वर्ल्ड कप फाइनल जैसी अनुभूति हुई.
पूर्व कप्तान ने कहा,"आस-पास देखिए (प्रशंसकों को दिखाते हुए). क्या आपने ये देखा है? आपने कब आखिरी टेस्ट मैच में इतने दर्शक देखे थे? ऐसा लग रहा है कि ये वर्ल्ड कप का फाइनल हो."
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान के चेहरे पर इस मैच के आयोजन के प्रति संतुष्टि देखी जा सकती थी. चेहरे पर संतोष लाने के साथ ही गुलाबी गेंद टेस्ट मैच ने एक और काम किया और वो काम था गांगुली को 2001 में इसी मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले गए ऐतिहासिक टेस्ट मैच की यादों को कुरेदने का, तब वो कप्तान थे.
उन्होंने कहा,"ओह! ये शानदार अहसास है. अच्छा महसूस होता है. अगर आप मुझसे पूछेंगे तो इसने मेरी 2001 के यादें ताजा कर दी हैं. इसी तरह टेस्ट क्रिकेट होनी चाहिए, खचाखच भरे स्टेडियम."
राहुल द्रविड़ से जब दिन-रात टेस्ट मैच खेलने के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि वो इसे खेलना पसंद करते.
द्रविड़ की ये बात गांगुली को खुशी देती है. इस पर गांगुली ने कहा,"ये उनका बड़प्पन है. जब आपकी टीम के साथी आपकी तारीफ करते हैं तो ये निश्चित तौर पर अच्छा लगता है. ये बात उन्होंने कही है इसलिए ये विशेष है. मैं बेहद खुश हूं. हां, ये संतोषजनक अहसास है."
क्या गांगुली भी गुलाबी गेंद के युग में होना मिस करते हैं? उन्होंने कहा,"आप ये नहीं कह सकते क्योंकि हमारे समय में हमारे पास सब कुछ था. जब हम खेल रहे थे तब टी-20 आया ही था और अब देखिए ये किस तरह से आगे बढ़ रहा है और अब ये है. इसलिए आप इस तरह नहीं सोच सकते."