नई दिल्ली : आईपीएल के 13वें सीजन में से वीवो को हटाए जाने के बाद लीग के लिए नए प्रायोजकों के लिए जमीन खाली हो गई है. वहीं बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि या तो ई-कॉमर्स या ई-लर्निंग कंपनियों में से कोई इसमें कूद सकता है साथ ही टैलीकॉम सेक्टर में से भी कोई कंपनी अपने हाथ आजमा सकती है.
इवेंट कर सकता है
![IPL title sponsorship](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8329643_ipl-2020.jpg)
विशेषज्ञ ने कहा, इस लॉकडाउन में जो कुछ हुआ और इसका बाजार पर आर्थिक प्रभाव जो पड़ा, इसमें दो बड़े खिलाड़ी निकल कर सामने आए ई-लर्निंग और ई-कॉमर्स सेक्टर. आप किसी नए खिलाड़ी के आने की उम्मीद नहीं कर सकते कि कोई स्टार्टअप आ जाए लेकिन हो सकता है कि बायजूस जो पहले से ही बीसीसीआई परिवार का हिस्सा है, इसमें आ सकता है और इवेंट कर सकता है. अनअकेडमी को नहीं भूलिए जो अपने आप को क्रिकेट जगत से जोड़ने के पीछे लगा है."
उन्होंने कहा, "अब जब आप ई-कॉमर्स की तरफ देखते हो तो, लीग का फाइनल दिवाली से चार दिन पहले है, आप दिवाली से दो दिन पहले खरीददारी नहीं करते हो. आप त्योहार से एक महीने पहले यह करते हो. अमेजन और फ्लिपकार्ट के लिए इस समय का उपयोग करने से बेहतर और फायदा उठाने से बेहतर क्या हो सकता है? साथ ही आपको पता है कि कोई 440 करोड़ नहीं देगा, इसलिए आपको सर्वश्रेष्ठ विज्ञापन मंच आधी या एक तिहारी कीमत में मिल रहा है. इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता."
इस सीजन आईपीएल काफी बिकेगा
एड फील्म बनाने वाले प्रहलाद कक्कर का मानना है कि किसी को फार्मा सेक्टर को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि इस महामारी के दौरान कुछ फर्मा कंपनियों ने भी काफी अच्छा किया है लेकिन उन्होंने कहा कि अमेजन इस सूची में सबसे आगे हो सकती है.
![Vivo and BCCI](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8329643_ipl-s.jpg)
कक्कर ने एक समाचार एजेंसी से कहा, "मुझे नहीं पता कि अमेजन इसमें आना चाहेगी या नहीं क्योंकि वो काफी सावधानी से काम करते हैं, लेकिन वो रूचि लेते हैं तो वो इस करार को ले जा सकते हैं. ई-लर्निंग कंपनी भी आ सकती है लेकिन आपको फार्मा सेक्टर को ध्यान में रखना होगा क्योंकि उन्होंने बाजार में काफी अच्छा किया था, तो क्यों नहीं ? आपको ये बात याद रखनी होगी कि इस सीजन आईपीएल काफी बिकेगा क्योंकि लोग टीवी से ही चिपके रहेंगे. मुझे लगता है कि जो भी प्रस्ताव लेगा उसका फायदा ही होगा."
आईपीएल विंडो में सबसे बड़ा ब्रांड है
एक और बाजार विशेषज्ञ ने कहा कि अगर जियो इस रेस में कूदता है और उसके मालिक के बीसीसीआई से भी अच्छे संपर्क हैं. उन्होंने कहा, "जियो ऐसा ब्रांड है जो आठों टीमों से जुड़ा है. वो क्यों मुख्य प्रायोजक के खेल में नहीं कूदेगी. अगर वो कूदते हैं तो ये बीसीसीआई के साथ उनके संबंधों के कारण होगा. आंकड़ों के हिसाब से आईपीएल विंडो में वो सबसे बड़ा ब्रांड है." उन्होंने कहा, "लेकिन आप जियो टेलीकॉम इंडस्ट्री की काबिलियत को नजरअंदाज नहीं कर सकते, अगर वो चाहे तो. वो छुपा रुस्तम साबित हो सकता है."