इंदौर : दक्षिण अफ्रीका की टीम को 2015 में भारत के हाथों टेस्ट सीरीज में हार मिली थी. उस दक्षिण अफ्रीकी टीम के कोच रहे रसेल डोमिंगो प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बड़ी दुविधा में थे. ये समझना मुश्किल था कि क्या वो विकटों की खराब स्थिति से परेशान थे या उनके बल्लेबाज के स्पिनरों को खेलने की क्षमता से.
मानसिक स्थिति में हुआ बदलाव
लेकिन चार साल बाद बांग्लादेश के कोच रसेल डोमिंगो को यहां के विकटों के नेचर से कोई दिक्कत नहीं है. डोमिंगो ने भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण के पिछले 22 महीनों में शानदार प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा, ''इसमें कोई शक नहीं कि बीते समय में भारत ने स्पिनरों के लिए फायदेमंद घरेलू पिचों पर जीत हासिल की लेकिन अब मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ है. मुझे लगता है कि वे अब अच्छी पिचों पर किसी भी टीम के खिलाफ तेज गेंदबाजों का समर्थन कर रहे हैं. निश्चित रूप से ये मानसिक स्थिति में बदलाव की बात है.
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उन्होंने कहा, ''बांग्लादेश को इसी तरह के बदलाव की जरूरत है कि उसे अपने तेज गेंदबाजों को तैयार करना चाहिए, ऐसे विकेट तैयार करने चाहिए जो तेज गेंदबाजों के लिए मददगार हों. भारत अब स्पिनरों पर निर्भर नहीं रहता. वे अच्छा विकेट पर अपने तेज गेंदबाजों की मदद से जीत दर्ज करने की उम्मीद करते हैं.’’