अहमदाबाद : भारतीय क्रिकेट टीम शुक्रवार से जब नरेंद्र मोदी स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज में भिड़ेगा तो उसकी नजरें सीरीज जीतने के अलावा अपनी मेजबानी में इस साल होने वाले टी20 विश्व कप के लिए 'परफेक्ट' संयोजन तलाशने पर टिकी होंगी.
कप्तान विराट कोहली का मुख्य लक्ष्य इस सीरीज के जरिए अक्टूबर में होने वाले आईसीसी टी20 विश्व कप के लिए कोर खिलाड़ियों की पहचान करना होगा. भारतीय कप्तान इसके लिए इयोन मोर्गन की अगुआई वाली दुनिया की नंबर एक टी20 टीम से बेहतर प्रतिद्वंद्वी की उम्मीद नहीं कर सकते.
सीरीज के दौरान सपाट पिचों पर ढेरों रन बनने की संभावना है और ऐसे में भारतीय गेंदबाजों की राह आसान नहीं होगी.
इंग्लैंड के आक्रामक विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर ने हाल में कहा था, "हमारे लिए ये शानदार मौका है कि हमें उन हालात में खेलने का मौका मिल रहा है जहां हमें विश्व कप खेलना है."
भारत के पास हर स्थान के लिए कई विकल्प मौजूद हैं और ऐसे में ये कप्तान के लिए अच्छी खबर है. इस तरह की स्थिति में हालांकि कुछ मुश्किल हालात भी पैदा हो जाते हैं और भारतीय टीम इससे अच्छी तरह वाकिफ है क्योंकि 2019 विश्व कप के दौरान टीम इस तरह की स्थिति का सामना कर चुकी है. उस टूर्नामेंट में भारत के पास नियमित रूप से चौथे नंबर पर खेलने वाला कोई बल्लेबाज नहीं था.
पुराने अनुभव को देखते हुए कोहली और मुख्य कोच रवि शास्त्री चाहेंगे कि वे फैसला कर लें कि टी20 विश्व कप में रोहित शर्मा के साथ पारी का आगाज कौन करेगा. इनके पास लोकेश राहुल और शिखर धवन के रूप में दो विकल्प मौजूद हैं.
कौशल को देते हुए सीमित ओवरों की अंतिम एकादश में राहुल का चयन लगभग तय है लेकिन वैश्विक प्रतियोगिता में हमेशा धवन ने शानदार प्रदर्शन किया है और वह टीम के सबसे सीनियर खिलाड़ियों में से एक हैं. कोहली अगर धवन को मौका देने का फैसला करते हैं तो राहुल को चौथे नंबर पर उतरना पड़ सकता है.
ये मुश्किल फैसला है जो कोहली को लेना है क्योंकि अगर ये दोनों खेलते हैं तो श्रेयस अय्यर या वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद टीम में जगह बनाने वाले सूर्यकुमार यादव को बाहर बैठना होगा.
श्रेयस और सूर्यकुमार चौथे या पांचवें नंबर पर आक्रामक बल्लेबाजी का विकल्प मुहैया कराते हैं और टीम प्रबंधन इसका पूरा फायदा उठाने का प्रयास करेगा.
मोटेरा की पिच निश्चित तौर पर सपटा होगी जो खेल के सबसे छोटे प्रारूप की जरूरतों के मुताबिक होगी. दोनों टीमों में कई आक्रामक बल्लेबाज हैं और ऐसे में दर्शकों को ढेरों बाउंड्री देखने को मिल सकती हैं.
भारत के पास उपकप्तान रोहित के अलावा ऋषभ पंत और हार्दिक पंड्या जैसे तूफानी बल्लेबाज हैं जबकि इंग्लैंड की टीमें कप्तान इयोन मोर्गन, बेन स्टोक्स, जोस बटलर, डेविड मलान और जेसन रॉय जैसे आक्रामक बल्लेबाज हैं.
टी नटराजन के अनुपलब्ध रहने के कारण गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई वापसी करने वाले भुवनेश्वर कुमार करेंगे जबकि सीनियर स्पिनर युजवेंद्र चहल उनका साथ निभाने के लिए मौजूद रहेंगे.
इन हालात में स्पिनरों के खिलाफ इंग्लैंड के बल्लेबाजों की कमजोरी को देखते हुए चहल को वाशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल दोनों का साथ मिल सकता है जिसके बाद शार्दुल ठाकुर, दीपक चाहर और नवदीप सैनी में से किसी एक को खेलने का मौका मिलेगा.
सीमित ओवरों के प्रारूप में इंग्लैंड को उसके आलराउंडर्स से काफी उम्मीदें होंगी और ऐसे में नजरें स्टोक्स, सैम करन और मोईन अली पर टिकी रहेंगी.
इंग्लैंड के पास इसके अलावा जोफ्रा आर्चर, मार्क वुड, क्रिस जोर्डन जैसे तेज गेंदबाजों के अलावा कलाई के स्पिनर आदिल राशिद भी हैं जिससे कारण भारत की जीत की राह आसान नहीं होने वाली.
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टीमें इस प्रकार हैं:
भारत: विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, लोकेश राहुल, शिखर धवन, श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत, हार्दिक पंड्या, युजवेंद्र चहल, भुवनेश्वर कुमार, अक्षर पटेल, वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर, नवदीप सैनी, दीपक चाहर, राहुल तेवतिया, इशान किशन (रिजर्व विकेटकीपर).
इंग्लैंड: इयोन मोर्गन (कप्तान), जोस बटलर, जेसन रॉय, लियाम लिविंगस्टोन, डेविड मलान, बेन स्टोक्स, मोईन अली, आदिल राशिद, रीस टॉपले, क्रिस जोर्डन, मार्क वुड, सैम करन, टॉम करन, सैम बिलिंग्स, जॉनी बेयरस्टो और जोफ्रा आर्चर.