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मैदानी अंपायरों से छिन सकता है नो बॉल देने का अधिकार, देखिए वीडियो

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब नो बॉल के फैसले का अधिकार मैदानी अंपायर की बजाए टीवी अंपायर को दिया जा सकता है.

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Published : Aug 7, 2019, 12:38 PM IST

Updated : Aug 7, 2019, 8:03 PM IST

हैदराबाद : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हमने देखा है कि गेंदबाज के पैर से हुई नो बॉल को देखने में सक्षम नहीं हो पाते और मैच के फैसले बदल जाते हैं. अब आईसीसी बहुत जल्द पैर की नो बॉल का फैसला टीवी अंपायर के अधिकार में देने वाला है लेकिन अभी इसे परीक्षण के तौर पर लागू किया जाएगा. आईसीसी प्रबंधक ज्योफ अलारडाइस ने इस बात की जानकारी दी है.

देखिए वीडियो
अगले 6 महीनों में आईसीसी कुछ सीरीजों में इस नई व्यवस्था का परीक्षण करने जा रही है. यदि ये परीक्षण सफल रहता है तो मैदानी अंपायर से पांव की नो वॉल का अधिकार छीन लिया जाएगा.
नो बॉल का इशारा करते अंपायर रिचर्ड केटलबोरो
नो बॉल का इशारा करते अंपायर रिचर्ड केटलबोरो

अलरडाइस ने एक मीडिया रिपोर्ट में कहा है कि इस तकनीक के अनुसार तीसरे अंपायर को गेंदबाज के बॉल डालने के कुछ सेकेंड बाद ही एक तस्वीर मुहैया की जाएगी. जिसके बाद ऑनफील्ड अंपायर को बताया जाएगा की नो बॉल है या नहीं.आपको बता दें की 2016 में भी इस प्रणाली को इग्लैंड और पाकिस्तान के बीच वनडे सीरीज में भी आजमाया गया था. अब एक बार फिर आईसीसी इसका परीक्षण करने जा रही है. क्रिकेट समिति ने इसे एकदिवसीय क्रिकेट में ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की सिफारिश की है.

हैदराबाद : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हमने देखा है कि गेंदबाज के पैर से हुई नो बॉल को देखने में सक्षम नहीं हो पाते और मैच के फैसले बदल जाते हैं. अब आईसीसी बहुत जल्द पैर की नो बॉल का फैसला टीवी अंपायर के अधिकार में देने वाला है लेकिन अभी इसे परीक्षण के तौर पर लागू किया जाएगा. आईसीसी प्रबंधक ज्योफ अलारडाइस ने इस बात की जानकारी दी है.

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अगले 6 महीनों में आईसीसी कुछ सीरीजों में इस नई व्यवस्था का परीक्षण करने जा रही है. यदि ये परीक्षण सफल रहता है तो मैदानी अंपायर से पांव की नो वॉल का अधिकार छीन लिया जाएगा.
नो बॉल का इशारा करते अंपायर रिचर्ड केटलबोरो
नो बॉल का इशारा करते अंपायर रिचर्ड केटलबोरो

अलरडाइस ने एक मीडिया रिपोर्ट में कहा है कि इस तकनीक के अनुसार तीसरे अंपायर को गेंदबाज के बॉल डालने के कुछ सेकेंड बाद ही एक तस्वीर मुहैया की जाएगी. जिसके बाद ऑनफील्ड अंपायर को बताया जाएगा की नो बॉल है या नहीं.आपको बता दें की 2016 में भी इस प्रणाली को इग्लैंड और पाकिस्तान के बीच वनडे सीरीज में भी आजमाया गया था. अब एक बार फिर आईसीसी इसका परीक्षण करने जा रही है. क्रिकेट समिति ने इसे एकदिवसीय क्रिकेट में ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की सिफारिश की है.

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मैदानी अंपायरों से छिन सकता है नो बॉल देने का अधिकार





अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब नो बॉल के फैसले का अधिकार  मैदानी अंपायर की बजाए टीवी अंपायर को दिया जा सकता है.





हैदराबाद : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हमने देखा है कि गेंदबाज के पैर से हुई नो बॉल को देखने में सक्षम नहीं हो पाते और मैच के फैसले बदल जाते हैं. अब आईसीसी बहुत जल्द पैर की नो बॉल का फैसला टीवी अंपायर के अधिकार में देने वाला है लेकिन अभी इसे परीक्षण के तौर पर लागू किया जाएगा. आईसीसी प्रबंधक ज्योफ अलारडाइस ने इस बात की जानकारी दी है.

अगले 6 महीनों में आईसीसी कुछ सीरीजों में इस नई व्यवस्था का परीक्षण करने जा रही है. यदि ये परीक्षण सफल रहता है तो मैदानी अंपायर से पांव की नो वॉल का अधिकार छीन लिया जाएगा.

अलरडाइस ने एक मीडिया रिपोर्ट में कहा है कि इस तकनीक के अनुसार तीसरे अंपायर को  गेंदबाज के बॉल डालने के कुछ सेकेंड बाद ही एक तस्वीर मुहैया की जाएगी. जिसके बाद ऑनफील्ड अंपायर को बताया जाएगा की नो बॉल है या नहीं.

आपको बता दें की 2016 में भी इस प्रणाली को इग्लैंड और पाकिस्तान के बीच वनडे सीरीज में भी आजमाया गया था. अब एक बार फिर आईसीसी इसका परीक्षण करने जा रही है. क्रिकेट समिति  ने इसे एकदिवसीय क्रिकेट में ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की सिफारिश की है. 


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Last Updated : Aug 7, 2019, 8:03 PM IST
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