नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष पद के लिए अब तक किसी भी भारतीय ने नामांकन नहीं किया है और ऐसा माना जा रहा है कि आईसीसी की ओर से इस पद के उम्मीदवारों की सूची के बारे में अभी तक कोई पुष्टि नहीं की गई है.
अपुष्ट खबरों में ऐसा कहा गया है कि रविवार को जब इस पद के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख थी तो सिंगापुर के इमरान ख्वाजा और न्यूजीलैंड के ग्रेग बर्कले के रूप में दो ही उम्मीदवार मैदान में थे.
शशांक मनोहर के इस साल जुलाई में आईसीसी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद से यह पद अभी तक खाली पड़ा है. ऐसे कयास लगाए गए थे कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली इस पद के लिए भावी उम्मीदवार हो सकते हैं. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण गांगुली ने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया.
इस मामले की करीबी जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट में कई मामले लंबित हैं. नए संविधान (बीसीसीआई) की तरह है, जो प्रतिबंध लगाता है. बोर्ड को यह ध्यान में था कि गांगुली सहित कोई भी भारतीय नामांकन दाखिल करने वालों की सूची में क्यों नहीं है.''
तकनीकी रूप से, कोई भी गांगुली को आईसीसी अध्यक्ष बनने से नहीं रोक सकता है. लेकिन गांगुली अगर इस पद के लिए जाते हैं तो उन्हें बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना होगा, जैसा कि मनोहर ने आईसीसी अध्यक्ष बनते समय किया था.
मनोहर के आईसीसी अध्यक्ष बनने के बाद अनुराग ठाकुर बीसीसीआई का अध्यक्ष बने थे.
बोर्ड के संविधान क्लॉज 14 (9) के अनुसार, मृत्यु, त्यागपत्र, दिवालियेपन, मन की बेरुखी, आईसीसी में नामांकन या अन्य अयोग्यता के कारण शीर्ष परिषद में कोई भी रिक्त पद बाकी समय के लिए भरा जाएगा.
सूत्र ने कहा, "जब आपके पास सीमित लोग होते हैं और अगर आप किसी को (आईसीसी में) वहां भेजते हैं, तो यह एक मुद्दा है. नए संविधान के कारण, यहां तक कि एन श्रीनिवासन को नामांकित नहीं माना जा सकता है.''
कुछ महीने पहले, बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर गांगुली और बीसीसीआई सचिव जय शाह के कार्यकाल को आगे बढ़ाने की मांग की थी जबकि दोनों ने अपने कार्यकाल पूरा कर लिया था और उन्हें कूलिंग-ऑफ अवधि से गुजरना पड़ा था.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की तत्काल सुनवाई नहीं की और इसे लंबित रख दिया. तब से दोनों ही अपने-अपने पदों पर बने हुए हैं.
इस मामले में जब आईसीसी से संपर्क किया गया तो आईसीसी ने बिना किसी जवाब के कहा, "आईसीसी बोर्ड द्वारा सहमति के अनुसार प्रक्रिया चल रही है और ऑडिट समिति के स्वतंत्र अध्यक्ष द्वारा इसकी देखरेख की जा रही है. इसके समापन के बाद प्रक्रिया के परिणाम की जानकारी साझा की जाएगी.''