चेन्नई: उभरते हुए तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज कड़ी मेहनत करने और मौकों का फायदा उठाने के लिए तैयार हैं जिससे कि भारत के लिए सबसे अधिक विकेट चटकाने वाला गेंदबाज बनने के अपने सपने को साकार कर सकें.
इस 27 वर्षीय तेज गेंदबाज ने नवंबर 2017 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेल के सबसे छोटे प्रारूप में पदार्पण के बाद से अब तक भारत के लिए पांच टेस्ट, एक वनडे और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले हैं.
आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (RCB) की ओर से खेलने वाले सिराज ने कहा कि वो तीनों प्रारूपों में खेलना चाहते हैं और अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने साथी तेज गेंदबाजों जसप्रीत बुमराह और इशांत शर्मा को दिया.
सिराज ने आरसीबी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर डाले गए वीडियो में कहा, "मैं जब भी गेंदबाजी करता था तो जसप्रीत बुमराह मेरे पीछे खड़े रहते थे. उन्होंने मुझे कहा कि अपने बेसिक्स पर कायम रहो और कुछ अतिरिक्त करने की जरूरत नहीं है. उनके जैसे अनुभवी खिलाड़ी से सीखना अच्छा रहा."
![I dreamt of taking most wickets for india says mohmmad siraj](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11328117_hgd.jpg)
उन्होंने कहा, "मैं इशांत शर्मा के साथ भी खेला हूं, वो 100 टेस्ट खेले हैं. उनके साथ ड्रेसिंग रूम साझा करके अच्छा महसूस किया. मेरा सपना भारत के लिए सबसे अधिक विकेट चटकाने वाला गेंदबाज बनना है और जब भी मुझे मौका मिलेगा मैं कड़ी मेहनत करूंगा."
अब तक 35 आईपीएल मैचों में 39 विकेट चटकाने वाले सिराज ने कहा कि जब वो पहली बार टीम से जुड़े थे तो उनका मनोबल गिरा हुआ था लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के बाद वह आत्मविश्वास से भर गए.
सिराज ने कहा कि आरसीबी के बल्लेबाजी सलाहकार संजय बांगड़ से अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के बाद वो आक्रामक गेंदबाजी करना जारी रखेंगे.
पिछले साल दिसंबर में आस्ट्रेलिया में पदार्पण करने के बाद से सिराज अच्छी लय में हैं. ये दौरा सिराज के लिए काफी भावनात्मक था क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में आइसोलेशन के दौरान उनके पिता का निधन हो गया था.
भारत के गेंदबाजी कोच भरत अरूण के साथ रिश्तों पर सिराज ने कहा, "अरूण सर मुझे बेटे की तरह मानते हैं. मैं जब भी उनसे बात करता हूं तो मेरा मनोबल बढ़ता है. जब वो हैदराबाद में थे तो मुझे हमेशा लाइन और लेंथ पर ध्यान लगाने के लिए कहते थे. मैं भारत के लिए तीनों प्रारूपों में खेलना चाहता हूं. जब भी मौका मिले तो मैं अपना शत प्रतिशत देना चाहता हूं और दोनों हाथों से इसका फायदा उठाना चाहता हूं."