कराची: अपने समय के सबसे कलात्मक बल्लेबाजों में से एक जहीर अब्बास ने रविवार को उम्मीद जताई कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के हॉल ऑफ फेम में शामिल किए जाने से पाकिस्तान की ओर से खेलने के लिए प्रतिभावान बल्लेबाजों की एक पीढ़ी प्रेरित होगी.
एशियाई ब्रैडमैन के नाम से मशहूर पाकिस्तान के पूर्व कप्तान अब्बास को दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज ऑलराउंडर जैक कैलिस और ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम की पूर्व कप्तान लिसा स्टालेकर के साथ आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया.
अब्बास ने कहा, 'इस सम्मान को पाकर मैं काफी खुश हूं लेकिन मेरे से अधिक यह मेरे देश का सम्मान है और मैं सिर्फ इतना चाहता हूं कि इससे राष्ट्रीय टीम के लिए प्रतिभावान बल्लेबाजों की एक पीढ़ी प्रेरित हो.'
आईसीसी हॉल ऑफ फेम में ऑस्ट्रेलिया के 27, इंग्लैंड के 28, भारत के छह, न्यूजीलैंड के तीन, दक्षिण अफ्रीका के चार, श्रीलंका का एक और वेस्टइंडीज के 18 खिलाड़ी शामिल हैं.
आईसीसी के मानद अध्यक्ष रहे अब्बास हनीफ मोहम्मद, इमरान खान, जावेद मियांदाद, वसीम अकरम और वकार यूनिस के बाद आईसीसी हॉल ऑफ फेम में जगह बनाने वाले पाकिस्तान के छठे क्रिकेटर हैं.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एहसान मनी ने भी अपने पूर्व कप्तान की सराहना की. अब्बास ने पाकिस्तान की ओर से 78 टेस्ट और 62 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में क्रमश: 5062 और 2572 रन बनाए.
बता दें कि अब्बास एशिया के एकमात्र खिलाड़ी रह चुके हैं, जिनके नाम 100 प्रथम श्रेणी शतक दर्ज हैं. वह वनडे क्रिकेट में लगातार तीन शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी हैं. साथ ही वह 1983 से 1984 तक 215 दिनों तक दुनिया के नंबर 1 वनडे बल्लेबाज रहे थे.
अब्बास ने पाकिस्तान के लिए 14 टेस्ट मैचों में कप्तानी की है और उनमें से वह केवल एक ही मैच हारे हैं. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह बाद में आईसीसी मैच रेफरी बने थे और फिर कुछ समय तक आईसीसी के अध्यक्ष भी रहे थे.