ऑकलैंड: न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन ने स्वीकार किया है कि 2012 में रॉस टेलर को कप्तानी से हटाना उनके करियर का सबसे मुश्किल समय था क्योंकि इससे बेहतर तरीके से निबटा जा सकता था लेकिन उन्हें अपने इस फैसले पर खेद नहीं है. टेलर ने 2012 में सभी प्रारूपों में कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि हेसन ने उनसे सीमित ओवरों की कप्तानी ब्रैंडन मैकुलम को सौंपने के लिए कहा था.
हेसन ने कहा,"निश्चित तौर पर ये मेरे कोचिंग करियर का सबसे मुश्किल समय था. मैं उन कारणों के बारे में सोचता हूं जिनकी वजह से मैं कोच हूं और कई बार मैं रात में खुद से पूछता हूं कि क्या मैंने सही कारणों से फैसला किया क्योंकि मुझे लगता था कि इससे टीम को फायदा होगा. ये वास्तव में बुरा समय था. लेकिन मुझे अपने फैसले पर खेद नहीं है."
हेसन के कोच पद पर रहते हुए न्यूजीलैंड की टीम 2015 विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी, जहां उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.
हेसन ने कहा कि टीम के अंदर ही कुछ ऐसे लोग थे जो दोनों पक्षों में अपना समर्थन दिखाकर आग में घी डालने का प्रयास कर रहे थे.
पूर्व कोच ने कहा,"रॉस जिस दौर से गुजरे उससे मुझे उनके प्रति सहानुभूति है और ये वास्तव में पूरी टीम के लिए मुश्किल दौर था. हमारे साथ कुछ ऐसे भी लोग थे जो दोनों पक्षों के प्रति हमदर्दी जताकर आग में घी डालने का प्रयास कर रहे थे. मेरा अब भी मानना है कि वो सही फैसला है. क्या उसे बेहतर तरह से किया जा सकता था. ऐसा हो सकता था."