लंदन : स्टुअर्ट ब्रॉड ने पहले मैच के बाद दोनों टेस्ट मैच खेले और तीसरे मैच में तो उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपने 500 विकेट भी पूरे किए. ऐसा करने वाले वो अपने देश के दूसरे गेंदबाज और विश्व के सातवें गेंदबाज बने.
मैं खेलने का हकदार था
ब्रॉड ने रविवार को एक वेबसाइट के हवाले से लिखा, "क्या संन्यास की बातें मेरे दिमाग में चल रही थीं? हां 100 फीसदी. क्योंकि मैं काफी निराश था." उन्होंने कहा, "मैं खेलने की उम्मीद कर रहा था जो खेल जगत में काफी खतरनाक चीज है, लेकिन मुझे लगा था कि मैं खेलने का हकदार था."
उन्होंने कहा, "जब बेन स्टोक्स ने मुझसे कहा कि मैं नहीं खेल रहा हूं तो मुझे लगा कि मेरे शरीर में झटके लग रहे हैं. मुझे बोलने में मुश्किल हो रही थी."
उन्होंने कहा, "मैंने ये किसी को नहीं बताया लेकिन उस पहले टेस्ट मैच के सप्ताह काफी निराश था, मैं काफी हताश महूसस कर रहा था. मैं होटल में फंस गया था, कहीं और जा नहीं सकता था. ऐसा नहीं था कि मैं मौली (प्रेमिका) के पास जा सकता था और बारबेक्यू जा सकता था, मस्ती कर सकता था."
स्टोक्स ने अहम रोल निभाया
दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने कहा, "मैं दो दिन तक नहीं सोया था. मैं कहीं नहीं था. मैं जिस तरह से महसूस कर रहा था उसे देखते हुए एक अलग तरह का फैसला लिया जा सकता था." अब 600 विकटों पर नजरें जमाए बैठे ब्रॉड कहना है कि उस समय स्टोक्स ने अहम रोल निभाया जो जोए रूट की गैरमौजूदगी में पहले टेस्ट में टीम की कप्तानी कर रहे थे.
ब्रॉड ने कहा, "स्टोक्स गुरुवार को मेरे कमरे में आए और कॉरीडोर में मुझसे बात की. उन्होंने मुझसे कहा कि ये क्रिकेट की बात नहीं है दोस्त बल्कि तुम कैसे हो ये बात है. उनका ऐसा करना काफी प्रभावी था."