नई दिल्ली: नव नियुक्त महिला मुख्य चयनकर्ता नीतू डेविड ने कहा कि उनके पैनल का ध्यान 16 वर्षीय शेफाली वर्मा जैसी और युवा प्रतिभाओं को खोजने पर लगा होगा.
भारत की बेहतरीन स्पिनरों में से एक डेविड आधुनिक युग के सीमित ओवर क्रिकेट की जरूरतों को बखूबी समझती हैं. सलामी बल्लेबाज शेफाली तब 15 साल की थी जब उन्हें पिछले साल पहली बार टीम में शामिल किया गया था और भारत के लिए अपना पर्दापण करने के छह महीने बाद उन्होंने मार्च में टीम को टी20 विश्व कप फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की. वह अपनी छक्के जड़ने की काबिलियत के बूते रातों रात मशहूर हो गयीं.
हेमलता काला की जगह लेने वाली 43 साल की डेविड ने कहा, "जिस तरह से क्रिकेट खेला जा रहा है, यह काफी तेज है और इसके लिए हमें शेफाली जैसी और खिलाड़ियों की जरूरत होगी. अब आप बल्लेबाजों को आते ही आक्रामक होते हुए देखते हो, यहां तक कि घरेलू क्रिकेट में भी, लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था. हम उन खिलाड़ियों को मौका देना चाहते हैं."
वर्ष 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाली डेविड का एक टेस्ट की एक पारी में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकॉर्ड है जो उन्होंने 1995 में जमशेदपुर में इंग्लैंड के खिलाफ 53 रन देकर आठ विकेट हासिल कर बनाया था. उन्होंने 10 टेस्ट खेले जिसमें 41 विकेट चटकाए.
डेविड की अगुआई वाले पैनल का पहला काम संयुक्त अरब अमीरात में नवंबर में महिलाओं के टी20 चैलेंज के लिए तीन टीमों को चुनने का होगा जो इंडियन प्रीमियर लीग के प्ले ऑफ के साथ ही खेला जाएगा.
टीम चुनना चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि मार्च के बाद से कोविड-19 महामारी के कारण कोई क्रिकेट नहीं खेला जा रहा है. उन्होंने कहा कि टीम में अनुभव काफी अहम होता है और कहा कि अनुभवी जैसे मिताली राज और झूलन गोस्वामी जब तक खेलना जारी रख सकती हैं, जब तक वे प्रदर्शन कर रही हैं. दोनों के 2021 वनडे विश्व कप के बाद संन्यास लेने की उम्मीद थी जो अब 2022 तक स्थगित हो गया है.
उन्होंने कहा, "कुछ भी चीज स्थायी नहीं है. बदलाव प्रकृति का नियम है लेकिन अनुभव मायने रखता है. टीम में अनुभव और युवा खिलाड़ियों का अच्छा संयोजन है."
डेविड ने साथ ही कहा, "लेकिन साथ ही युवाओं को सही समय पर मौका देना अहम है. शेफाली सही समय पर टीम में आयी और उसने देश के लिए अच्छा प्रदर्शन किया. बहुत सारे युवा खिलाड़ी हैं जो मौका दिए जाने के हकदार हैं."